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माल्टा में संत पापा: ईश्वर का प्रेम हमारे आनंद को बढ़ाता है

संत पापा फ्राँसिस माल्टा से एक स्टीमर द्वारा गोज़ो द्वीप पहुंचे। ता पीनु मरिया तीर्थालय के गिरजाघर में माता मरिया के सामने मौन प्रार्थना की। सोने का गुलाब चढ़ाया और वहाँ एकत्रित करीब तीन हजार लोगों के साथ प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि माल्टा वासी मालटा के लिए और कलीसिया के लिए एक खजाना हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

गोजो, रविवार 3 अप्रैल 2022 (वाटिकन न्यूज) : र्ईश्वर का प्रेम हमारे आनंद को बढ़ाता है। संत पापा फ्राँसिस ने माल्टा में अपने दौरे के पहले दिन शनिवार को माल्टा के गोजो द्वीप पर ता 'पीनू के राष्ट्रीय मरियम तीर्थालय में प्रार्थना सभा के दौरान यह शक्तिशाली अनुस्मारक दिया।

संत पापा विदेश में अपनी 36वीं प्रेरितिक यात्रा भूमध्यसागरीय द्वीप माल्टा का दौरा कर रहे हैं। शनिवार को, उन्होंने माल्टा के सबसे महत्वपूर्ण माता मरियम तीर्थस्थल गोजो की यात्रा की, जहां संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें दोनों ने ही अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान गोजो की ता 'पीनू माता मरियम का दर्शन किया था।

गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस
गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस

जब सब कुछ खोया सा लग रहा था

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रवचन की शुरुआत कलवारी पहाड़ पर येसु के क्रूसमरण का स्मरण दिलाया कि कैसे माता मरियम और योहन येसु के क्रूस के पास खड़े थे।

"सब कुछ खो गया, समाप्त हो गया, हमेशा के लिए लग रहा था।"

संत पापा फ्राँसिस ने याद किया जब येसु ने हमारी मानवता के घाव को अपने ऊपर ले लिया और सवाल किया "मेरे ईश्वर, मेरे ईश्वर, तुमने मुझे क्यों छोड़ दिया?" और संत पापा ने स्वीकार किया कि यह "दुख के समय में हमारी भी प्रार्थना है।"

ता 'पिनू के इस तीर्थालय से, संत पापा ने प्रोत्साहित किया, हम एक साथ मिलकर उस नई शुरुआत पर विचार कर सकते हैं जो येसु के "समय" में हुई थी।

यहाँ, आज हम जिस भव्य इमारत को देखते हैं, उसके स्थान पर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में केवल एक छोटा प्रार्थनालय था। इसको तोड़ने का आदेश दिया गया था: और सबकुछ समाप्त होता लग रहा था। फिर भी घटनाओं की एक श्रृंखला चीजों को बदल देती है, जैसे कि यहोवा इन लोगों से भी कहना चाहते थे: 'तू न तो फिर ‘परित्यक्ता’ कहलाएगी और न तेरा देश ‘उजाड़’ ; बल्कि तू ‘परमप्रिय’ कहलाएगी और तेरे देश का नाम होगाः ‘सुहागिन’ क्योंकि प्रभु तुम पर प्रसन्न होगा और तेरे देश को एक स्वामी मिलेगा।" (इसा 62: 4)

संत पापा ने कहा कि वही छोटा गिरजाघर अब राष्ट्रीय तीर्थालय, तीर्थयात्रियों के लिए एक गंतव्य और नए जीवन का स्रोत बन गया।

हमारे अपने जीवन में येसु का "समय"

संत पापा फ्राँसिस ने याद किया कि संत पापा जॉन पॉल द्वितीय, जिनका आज, 2 अप्रैल 2005 को निधन हो गया,  वे भी एक तीर्थयात्री के रूप में माता मरिया के तीर्थालय में आए थे, उन्होंने इसे "एक ऐसी जगह के रूप में वर्णित किया जो एक बार छोड़ दिया गया था," जो "अब ईश्वर के लोगों के विश्वास और आशा को पुनर्जीवित करता है।"

इसके आलोक में, संत पापा ने सुझाव दिया, हम अपने स्वयं के जीवन में येसु के "समय" के अर्थ की सराहना करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मुक्ति की वह घड़ी हमारे विश्वास और हमारे साझा मिशन को नवीनीकृत करती है।

गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस
गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस

संत पापा ने जोर देकर कहा कि हमें उस मूल कलीसिया की ओर लौटना चाहिए, जिसे हम माता मरियम और योहन में क्रूस के नीचे देखते हैं।

"उन मूल स्थानों पर वापस जाने का क्या अर्थ है? शुरुआत में वापस जाने का क्या मतलब है?"

उन्होंने समझाया कि सबसे पहले  इसका अर्थ है हमारे विश्वास की अनिवार्यताओं को फिर से खोजना, विशेष रूप से हमारे विश्वास के केंद्र को फिर से खोजना, यानी मसीह के साथ हमारे संबंध को मजबूत करना और दुनिया में सुसमाचार की घोषणा करना।

संत पापा ने कहा, "यह कलीसिया का आनंद है: सुसमाचार का प्रचार करना।"  माल्टा की कलीसिया एक समृद्ध इतिहास को साझा कर सकती है, इसके महान आध्यात्मिक और प्रेरितिक खजाने को साझा किया जा सकता है। "हालांकि, आइए, हम इसे हमेशा ध्यान में रखें, कि कलीसिया का जीवन केवल 'अतीत को याद रखने तक सीमित’ नहीं है।" लेकिन एक 'महान भविष्य बनाने के लिए', हमेशा ईश्वर की योजनाओं के प्रति निष्ठावान बने रहना है।"

इस महान भविष्य के निर्माण के लिए क्या आवश्यक है, इस पर विचार करते हुए, संत पापा ने रेखांकित किया, "कलीसिया में भाईचारा कितना ही महत्वपूर्ण है और स्वागत जो हम अपने पड़ोसी का करते हैं!"

जहां प्यार राज करता है वहाँ ईश्वर मौजूद है

संत पापा ने कहा, प्रभु ने हमें क्रूस की "घड़ी" पर योहन को माता मरियम को सौंपते हुए एक-दूसरे की देखभाल की देखभाल करने की लिए याद दिलाई।

संत पापा ने ख्रीस्तीय समुदाय से आग्रह किया कि वे इस प्राथमिकता को न खोएं: 'भद्रे! यह आपका बेटा' 'देखो, ‘यहतुम्हारी माँ है' (योहन 19: 26.27)। ऐसा लगता है जैसे उसने कहा, 'मेरे रक्त द्वारा तुम बचा लिये गये हो, तुम एक परिवार हो, इसलिए एक दूसरे का स्वागत करो, एक दूसरे से प्यार करो, एक दूसरे के घाव भरो।'

गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस
गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस

संत पापा ने कहा कि एक दूसरे को प्यार करने का अर्थ है "संदेह, विभाजन, अफवाहें, गपशप और अविश्वास को पीछे छोड़ना। एक साथ चलने वाली कलीसिया, एक सिनॉडल कलीसिया बनें। क्योंकि जहाँ प्रेम का राज्य होता है वहाँ ईश्वर उपस्थित रहते है!"

संत पापा ने बताया कि आपसी स्वागत, "शुद्ध औपचारिकता से नहीं, बल्कि मसीह के नाम पर, एक सतत चुनौती बनी हुई है," विशेष रूप से कलीसियाई संबंधों के लिए, "क्योंकि हमारा मिशन तभी फलदायी होगा यदि हम दोसती और भाईचारे के साथ मिलकर काम करते हैं।"

संत पापा ने ने माल्टा वासियों से कहा, "आप दो खूबसूरत समुदाय हैं, माल्टा और गोज़ो, जैसे मरिया और योहन दो थे! आप ध्रुवीय सितारा बनें। एक दूसरे का स्वागत करें, परिचितता को बढ़ावा दें और हमेशा एक साथ मिलकर कार्य करें।"

उन्होंने रेखांकित किया, "स्वागत" "यह आकलन करने का एक लिटमस टेस्ट है कि कलीसिया वास्तव में किस हद तक सुसमाचारी है।"

ईश्वर का प्रेम आनंद को बढ़ाता है

संत पापा ने आगे कहा, यह, "वह सुसमाचार है जिसे हमें व्यवहार में लाने के लिए बुलाये गये है: दूसरों का स्वागत करना, 'मानवता में विशेषज्ञ' होना और जीवन की पीड़ा और कठोरता में जीने वालों के लिए कोमल प्रेम को प्रज्वलित करना।" संत पापा ने याद किया कि पौलुस के मामले में भी, उस नाटकीय अनुभव से कुछ महत्वपूर्ण बातें सामने आई। संत पौलुस ने यहां सुसमाचार का प्रचार किया और उसके बाद कई प्रचारक, पुरोहित, मिशनरी उनके नक्शेकदम पर चले और ईश्वर के प्रेम की गवाही दी।"

संत पापा ने कई माल्टीज़ मिशनरियों और वहाँ उपस्थित कई पुरोहितों, धर्मसंघियों, धर्मबहनों और उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने दुनिया भर में सुसमाचार का आनंद फैलाया। संत पापा ने कहा, "आप एक छोटे से द्वीप के निवासी हैं, लेकिन एक महान दिल वाले हैं। आप मालटा के लिए और कलीसिया के लिए एक खजाना हैं।"

अपने लिए संत पापा की प्रशंसा सुनकर वहाँ उपस्थित समुदाय ने तालियाँ बजाई। तालियों के बाद, संत पापा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं एक बार और कहता हूँ: आप कलीसिया में और कलीसिया के लिए एक खजाना हैं।"

उन्होंने जोर देकर कहा, "उस खजाने को संरक्षित करने के लिए आपको ख्रीस्तीय धर्म के सार पर लौटना चाहिए: ईश्वर का प्रेम, हमारे आनंद की प्रेरक शक्ति, जो हमें दुनिया में भेजता है और हमारे पड़ोसी के प्रति प्यार द्वारा हम दुनिया के सामने सबसे सरल और सबसे आकर्षक गवाही दे सकते हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "प्रभु इस पथ पर आपका साथ दें और पवित्र कुँवारी आपके कदमों का मार्गदर्शन करें। माँ मारिया, जिसने हमें अपने मातृत्व की याद दिलाने के लिए तीन "प्रणाम मरिया" प्रार्थना करने के लिए कहा। माँ मरिया अपने बच्चों के हृदय में, मिशन की आग और एक दूसरे की देखभाल करने की इच्छा को फिर से जगाएं!"

गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में  संत पापा फ्राँसिस
गोजो में ता 'पीनू मरियम तीर्थालय में संत पापा फ्राँसिस

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03 April 2022, 10:54