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भूमध्यसागर में आप्रवासी यात्रा करते हुए भूमध्यसागर में आप्रवासी यात्रा करते हुए 

जीआरएस माल्टा ˸ पोप की यात्रा आप्रवासियों के आतिथ्य को नवीकृत करने का अवसर

संत पापा फ्राँसिस की माल्टा की प्रेरितिक यात्रा पर जेस्विट शरणार्थी सेवा की सलाहकार सारा जिंगारियेलो ने कहा है कि प्रेरितिक यात्रा आप्रवासियों की वास्तविकता पर चिंतन करने और द्वीप में आशा को नवीकृत करने का अवसर होगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जेस्विट शरणार्थी सेवा माल्टा (जीआरएस) की सलाहकार सारा जिंगारियेलो ने वाटिकन न्यूज से कहा, "संत पापा की यात्रा हमारे लिए एक अवसर है हमें याद करने का कि आप्रवासी के जटिल मुद्दों से परे, हमेशा जरूरी है लोगों के साथ सम्मान से पेश आना और उनके अधिकारों का हनन नहीं करना।"

जिंगारियेलो ने कहा कि आप्रवासियों का मुद्दा मेजबान देशों के लिए भय एवं चिंता का विषय बन सकता है लेकिन लोगों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए चाहे वे किसी भी देश से क्यों न हों।

"अतः संत पापा की यात्रा आप्रवासियों की वास्तविकता किन्तु हमारी स्थानीय स्थिति पर भी चिंतन करने का अवसर है। मैं सोचती हूँ कि यह यात्रा निश्चय ही आशा लायेगी क्योंकि संत पापा ने लगातार इस मुद्दे पर बात की है।

संख्या नहीं लोगों का साथ देना

लीबिया और इटली के बीच चौराहे पर, माल्टा ने अवैध आप्रवासियों और शरण चाहनेवालों के लगातार प्रयासों को देखा है जो उत्तरी अफ्रीका से यूरोप में प्रवेश करना चाहते हैं।

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार संगठन के अनुसार 2019 में समुद्री रास्ते से करीब 3,400 आप्रवासी माल्टा पहुँचे थे, हालाँकि, 2020 में लगभग 2,300 और 2021 में 830 के साथ यहाँ आप्रवासियों के आगमन में गिरावट आई है।

जिंगारियल्लो के बतलाया कि जीआरएस माल्टा शरण चाहनेवालों और सुरक्षा के अन्य लाभार्थियों पर अपने प्रयासों को केंद्रित करता है। जब कोइ व्यक्ति पहली बार पहुँचता है जो जीआरएस उसे व्यवहारिक सहायता प्रदान करता है जिसमें आश्रय भी शामिल है। लम्बी अवधि में कलीसिया संचालित संगठन कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक मदद एवं अन्य सहायताएं प्रदान करते हैं जैसे बस पास बनाना या नौकरी तलाशना आदि।

उन्होंने कहा, "लोगों को साथ देना हमारे काम का मुख्य उद्देश्य है ˸ संख्या का नहीं लोगों का।"

आतिथ्य माल्टा की पहचान का अंग

जिंगारियलो ने गौर किया कि माल्टा जिसका जिक्र प्रेरित चरित में बहुत कम किया गया है (प्रेरित.च 28) जब पौलुस का जहाज टूट गया था, यह एक आतिथ्यसत्कार के स्थान के रूप में जाना जाता है।

माल्टा के लोग स्वागत करते हैं। यह उनकी पहचान का बड़ा हिस्सा है जो वहाँ निवास करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में आप्रवासी नीतियाँ लोगों का स्वागत करने की परंपरा के विपरीत चली हैं, क्योंकि यूरोपीय संघ ने उत्तरी अफ्रीकी देशों के साथ लोगों को भूमध्यसागरीय पार करने से रोकने की कोशिश की है और कुछ देशों ने आप्रवासी नौकाओं को भी पीछे धकेल दिया है।

उन्होंने कहा कि आप्रवासी बहुधा संघर्ष चल रहे स्थानों से आते हैं। अधिकांश लोग सूडान, एरिड्रिया और इथोपिया से आते हैं किन्तु युद्ध के दौरान सीरिया से भी बहुत लोग आये।

लोगों के अधिकारों की रक्षा

जिंगारियेलो ने गौर किया कि माल्टा पहुँचनेवाले कई आप्रवासियों का उद्देश्य द्वीप आना नहीं होता और कई लोग संभव हो तो यूरोप के दूसरे देशों में जाना चाहते हैं।  

चूंकि माल्टा यूरोपीय संघ का हिस्सा है, उनका मानना है कि एक आम दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "हमें एक साथ काम करके हल निकालने की जरूरत है, ताकि हम ऐसे देश बन सकें जो अधिक मेहमाननवाज हो, जो लोगों के अधिकारों की रक्षा करे, चाहे वे कहीं से भी क्यों न हों।"

संत पापा अपनी प्रेरितिक यात्रा के अंत में संत जॉन 23वें शरणार्थी केंद्र में करीब 200 शरणार्थियों से मुलाकात करेंगे।

 

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02 April 2022, 15:45