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लवीव में फातिमा माता के सामने प्रार्थना करते हुए यूक्रेनी लवीव में फातिमा माता के सामने प्रार्थना करते हुए यूक्रेनी 

रूस और यूक्रेन का समर्पण करने हेतु धर्माध्यक्षों को संत पापा का आमंत्रण

संत पेत्रुस महागिरजाघर में शुक्रवार 25 मार्च शाम को संत पापा फ्राँसिस रूस और यूक्रेन को माता मरियम के निष्कलंक हदय को समर्पित करेंगे। समर्पण की धर्मविधि पूरे विश्व में स्थानीय कलीसिया के साथ सहभागिता में किया जाएगा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 19 मार्च  2022 (वाटिकन न्यूज) : पत्रकारों के सवालों के जवाब में,  वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक, मत्तेओ ब्रूनी ने पुष्टि की है, " संत पापा फ्राँसिस ने पूरी दुनिया के धर्माध्यक्षों को अपने पुरोहितों के साथ रूस और यूक्रेन को माता मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पण धर्मविधि और शांति के लिए प्रार्थना में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया है।”

शुक्रवार, 25 मार्च की शाम 5 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस पश्चताप की धर्मविधि समारोह के दौरान रूस और यूक्रेन को माता मरियम के निष्कलंक हदय को समर्पित करेंगे। उसी दिन उसी समय संत पापा के दानदाता कार्डिनल कोनराड क्रेजेवस्की, फातिमा में रूस और यूक्रेन को माता मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पित करेंगे। उसी दिन दुनिया के सभी धर्माध्यक्ष रूस और यूक्रेन को माता मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पित करेंगे।

संत पापा फ्राँसिस ने 13 मार्च को देवदूत प्रार्थना के उपरांत पूरी कलीसिया को शांति के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया था: "मैं सभी धर्मप्रांतों और धार्मिक समुदायों से शांति के लिए प्रार्थना के अपने समय को बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूँ।" और बुधवार, 23 फरवरी को आम दर्शन समारोह में उन्होंने यूक्रेन में शांति के लिए राख बुधवार को प्रार्थना और उपवास के दिन का आह्वान करते हुए कहा था, "शांति की रानी दुनिया को युद्ध के पागलपन से बचाए।"

फातिमा में 13 जुलाई 1917 को माता मरिया ने दर्शन देकर अपने निष्कलंक हृदय में रूस का समर्पण और पहले शनिवार को पश्चताप की धर्मविधि का अनुष्ठान करने के लिए कहा था। अगर यह नहीं किया गया तो रूस "दुनिया भर में अपनी गलतियों और युद्धों को फैलाएगा, कलीसिया में उत्पीड़न को बढ़ाएगा। अच्छे लोग शहीद हो जायेंगे, संत पापा को बहुत कुछ भुगतना होगा, विभिन्न राष्ट्रों को नष्ट कर दिया जाएगा।"

फातिमा में माता मरिया के दर्शन देने के बाद माता मरियम के बेदाग दिल को समर्पण के विभिन्न धर्मविधि सम्पन्न किये गये : संत पापा पियुस बारहवें ने 31 अक्टूबर 1942 को पूरी दुनिया को समर्पित किया और साम्यवादी शासन में रहने के लिए मजबूर ईसाइयों की कठिन स्थिति को देखते हुए 7 जुलाई 1952 को प्रेरितिक पत्र ‘साक्रो वेर्जेंटे आन्नो’ में उन्होंने रूस के लोगों को माता मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पित किया।

21 नवंबर 1964 को संत पापा पॉल षष्टम ने द्वितीय वाटिकन परिषद के धर्माध्यक्षों की उपस्थिति में माता मरिया के निष्कलंक हृदय को रूस के समर्पण को नवीनीकृत किया।

संत पापा जॉन पॉल द्वितीय  ने 7 जून 1981 को संत मरिया मेजर महागिरजाघर में पेंतेकोस्त के मिस्सा समारोह पर मनाए जाने वाले,’समर्पण धर्मविधि’ के लिए एक प्रार्थना की रचना की।

जून 2000 में, परमधर्मपीठ ने फातिमा के रहस्य के तीसरे भाग का खुलासा किया।

उस समय, विश्वास एवं धर्म सिद्धांत के लिए बने परमधर्मपीठीय सम्मेलन के सचिव, तत्कालीन महाधर्माध्यक्ष तर्सिसियो बर्तोने ने बताया कि सिस्टर लूसिया ने 1989 के एक पत्र में व्यक्तिगत रूप से पुष्टि की थी कि समर्पण का यह गंभीर और सार्वभौमिक धर्मविधि माता मरिया की इच्छा के अनुरूप है। दर्शन देखने वाली सिस्टर लूसिया ने लिखा, "जैसा कि माता मरियम ने 25 मार्च 1984 को जो कहा था, सबकुछ उसी के अनुरुप किया गया।"

और अब इस वर्ष, 25 मार्च को, संत पापा फ्राँसिस दुनिया भर के धर्माध्यक्षों के साथ रूस और यूक्रेन को माता मरयम के बेदाग हृदय को समर्पित करेंगे।

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19 March 2022, 12:22