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पोप फ्राँसिस के आगमन की राह देखती माल्टा की प्रकाशमान भूमि

संत पापा फ्राँसिस की 36वीं प्रेरितिक यात्रा शुरू होने में अब कुछ ही घंटे शेष रह गये हैं। वे शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर माल्टा जा रहे हैं। संत पौलुस के पदचिन्हों पर इस यात्रा का मुख्य विषय है स्वागत एवं विश्वास। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन में भयंकर युद्ध जारी है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूरोप का दक्षिणी देश माल्टा अपने इतिहास में तीन बार संत पापाओं का स्वागत कर चुका है। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 1990 और 2001 में, एवं संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने 2010 में माल्टा की यात्रा की थी और अब संत पापा फ्राँसिस अगले शनिवार एवं रविवार को माल्टा आ रहे हैं। संत पापा फ्राँसिस ने इस यात्रा को मई 2020 में करने की योजना बनायी थी किन्तु महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। इस समय जब संत पापा माल्टा की यात्रा कर रहे, यूक्रेन में युद्ध जारी है एवं लोग लाखों की संख्या में पलायन कर रहे हैं एवं दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं।   

सुसमाचार उदघोषणा के स्रोत पर

जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में कहा है, माल्टा आज हमेशा से कहीं अधिक "एक प्रकाशमान भूमि" बन गया है, जो शरण खोजनेवाले बहुत सारे भाई-बहनों का स्वागत कर रहा है।" आतिथ्य के विषय को यात्रा के प्रतीक चिन्ह द्वारा भी दर्शाया गया है, जिसमें दो हजार साल पहले, रोम के रास्ते पर संत पौलुस की यात्रा के दौरान नाव के टूटने पर, नाव की ओर उठनेवाले अन्य हाथों को दर्शाया गया है। यह "सुसमाचार के प्रचार के स्रोत की ओर जाने का अवसर है।" और संत पापा के लिए पहला ख्रीस्तीय समुदाय को जानने का मौका है जिसका जीवंत इतिहास हजारों साल पुराना है। समुदाय में 4,08,000 बपतिस्मा प्राप्त ख्रीस्तीय हैं जो माल्टा, गोजो एवं अन्य छोटे द्वीपों की कुल आबादी 478,000 का 85 प्रतिशत है।    

शनिवार 2 अप्रैल को संत पापा का कार्यक्रम

संत पापा फ्राँसिस शनिवार को पूर्वाहन 10.00 बजे माल्टा का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुँचेंगे जहाँ उनका स्वागत किया जाएगा, उसके बाद वे वाल्लेत्ता में ग्रैंड मास्टर पैलेस जायेंगे। यह पहले संत जॉन के शूरवीर के ग्रैंड मास्टर का पीठ हुआ करता था जिन्होंने पैलेस का निर्माण 1571 में किया था। वहाँ संत पापा फ्राँसिस माल्टा के राष्ट्रपति जॉर्ज विलियम वेल्ला एवं प्रधानमंत्री रोबर्ट अबेला से मुलाकात करेंगे, जिनका हाल ही में पुनः निर्वाचन हुआ है। माल्टा के बड़े कौंसिल हॉल में माल्टा के अधिकारियों एवं राजनयिक सदस्यों से मुलाकात के उपरांत संत पापा प्रेरितिक राजदूतावास में कुछ देर ठहरकर, गोजो द्वीप में ता पिनू के मरियम तीर्थ का दौरा करेंगे। माल्टा के इस महत्वपूर्ण तीर्थस्थान पर वे माल्टा के विश्वासियों एवं सिनॉड के धर्माध्यक्षों के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच, माल्टा के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स शिक्लूना एवं गोजो के धर्माध्यक्ष अंतोन तौमा के साथ प्रार्थना सभा का संचालन करेंगे।  

रविवार को संत पौलुस ग्रोटो दर्शन एवं फ्लोरियाना में ख्रीस्तयाग

रविवार 3 अप्रैल को सुबह करीब 8.30 बजे संत पापा फ्राँसिस येसु समाज के सदस्यों से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे। उसके बाद वे रबात में संत पौलुस का ग्रोटो जायेंगे। परम्परा के अनुसार, यही वह स्थान है जहाँ 60 ई. में नाव टूटने के बाद संत पौलुस ने पाँव रखा था, जो ट्वीप के ख्रीस्तियों के लिए महत्वपूर्ण क्षण था। ग्रोटो का दौरा संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने भी 1990 में किया था और संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने घटना की 1950वीं वर्षगाँठ पर ग्रोटो का दर्शन 2010 में किया था। मन्नत दीपक जलाने के बाद संत पापा फ्राँसिस संत पौलुस की मध्यस्थता द्वारा एक प्रार्थना करेंगे तथा 14 धर्मगुरूओं तथा स्थानीय कारितास की मदद से कुछ बीमार लोगों से मुलाकात करेंगे। तत्पश्चात् माल्टा के विस्तृत रूप से खुले स्थान फ्लोरियाना के पियात्साले देई ग्रानाई में पूर्वाहन 10.15 बजे ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। जिसके अंत में देवदूत प्रार्थना भी की जायेगी।     

शांति लैब पर स्वागत

संत पापा फ्राँसिस की 36वीं प्रेरितिक यात्रा का आदर्शवाक्य है, " उन्होंने हमें असाधारण दयालुता दिखाई।" संत पापा की प्रेरितिक यात्रा का समापन शाम 6.15 बजे हल फर में एक शरणार्थी केंद्र संत जॉन 23वें शांति लैब के दौरे से होगी, जहाँ सोमालिया, एरिट्रिया और सूडान से लोगों का स्वागत किया जाता है जो भूमध्यसागर पार करने के लिए लीबया से आते हैं। यह एक ऐसा स्थान है जहां मानव अधिकार, न्याय, एकजुटता और चिकित्सा सहायता के क्षेत्र में महान शैक्षिक कार्य किए जाते हैं। लगभग 200 आप्रवासी वहाँ पोप से मिलेंगे। हवाई अड्डे पर विदाई समारोह शाम 6:15 बजे होगा तथा वे शाम 7:40 बजे रोम लौटेंगे।

 

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31 March 2022, 16:37