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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

प्रभु की दया, कोमलता और प्रेम के कर्म द्वारा प्रचार करें, संत पापा

शुक्रवार को संत पापा फ्रांसिस के एक वीडियो संदेश के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 18 से 20 मार्च तक चलने वाली धार्मिक शिक्षा कांग्रेस की शुरुआत की गई।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 19 मार्च  2022 (वाटिकन न्यूज) : कोविड -19 महामारी के प्रभावों से उत्पन्न सामाजिक संकट के बीच, हमारी आशा प्रभु में है, वे हमें अपनी दया, कोमलता और प्रेम की घोषणा "केवल अच्छे शब्दों के साथ नहीं, बल्कि वास्तविक कार्यों के साथ" करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

संत पापा फ्राँसिस ने संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉस एंजिल्स में शुक्रवार को शुरू हुई 4-दिवसीय धार्मिक शिक्षा कांग्रेस में प्रतिभागियों को एक वीडियो संदेश में यह बात कही। 18 से 20 मार्च तक चल रहे कांग्रेस का विषय है, "आशा के जीवन जल",  जो लॉस एंजिल्स महाधर्मप्रांत के धार्मिक शिक्षा कार्यालय द्वारा प्रायोजित है।

येसु का हृदय

स्पैनिश भाषा में बोलते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि कांग्रेस का विषय "हमें येसु के हृदय से बहने वाले जल और रक्त में लगातार खुद को नवीनीकृत करने के लिए आमंत्रित करता है, जो पूरी दुनिया के लिए दया के स्रोत हैं।" उन्होंने कहा, "इस जीवन जल के बिना, हमारा मिशन एक आंतरिक और दर्दनाक धार्मिकता में परिवर्तित हो सकता है ..."

क्रूस हमारी आशा

संत पापा ने कहा कि महामारी हमें एक-दूसरे की देखभाल करने के लिए आमंत्रित करती है। सामाजिक अलगाव और कई लोगों की जान लेने वाली यह महामारी हमारे लिए एक सामाजिक संकट पैदा कर दी है। कोविड -19 महामारी के भय और अनिश्चितता के इस समय में हमारे प्रभु हमें आगे बढ़ने और अपनी दया, कोमलता और प्रेम में हमारे विश्वास की घोषणा करने के लिए आमंत्रित करते हैं

संत पापा ने कहा कि प्रभु के क्रूस में, हमारे पास एक लंगर और एक पतवार है जो बचाता और छुड़ाता है। "उसके क्रूस में हमारी आशा है, क्रूसित प्रभु के आलिंगन से हम चंगे हुए हैं, ताकि कोई भी और कुछ भी हमें उसके मुक्तिदायी प्रेम से अलग न कर सके।"

एक कलीसिया जो बाहर निकलती है

संत पापा ने उल्लेख किया कि इस वर्ष लॉस एंजिल्स महाधर्मप्रांत संत गाब्रियल मिशन की 250 वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह मेक्सिको और कैलिफोर्निया के प्रेरित संत जुनिपेरो सेरा द्वारा स्थापित की गई पहली कलीसिया है। संत पापा ने याद किया कि 2015 में संत घोषणा के दौरान, उन्होंने संत जुनिपेरो सेरा को "एक कलीसिया जो बाहर निकलती है" का अवतार माना, एक कलीसिया जो हर जगह ईश्वर के मेल-मिलाप की कोमलता लाने के लिए बाहर निकलती है। उन्होंने कहा, "यदि आप ख्रीस्तीय हैं, तो आप कलीसिया हैं, कलीसिया अंतर्मुखी नहीं, अपितु बहिर्मुखी है और आपको साहस और रचनात्मकता के साथ दुनिया की परिधि तक पहुंचना चाहिए!"

संत पापा फ्राँसिस ने प्रार्थना की कि प्रभु अपने जीवंत जल से उनके दिलों को भर दें और मिशनरी शिष्यों के रूप में उनके उत्साह को नवीनीकृत करें जिससे कि वे हमेशा विश्वास में "आगे बढ़ते" रहें, अपनी आशा को न केवल अच्छे शब्दों से, बल्कि वास्तविक कार्यों द्वारा पूरी दुनिया में फैला सकें। सभी के साथ आनंद साझा कर सकें। इस कार्य को करने के लिए हम अकेले नहीं हैं, प्रभु हमारे साथ हैं।

 

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19 March 2022, 12:17