खोज

वाटिकन में  प्रशासनीय पद पर सेवारत सि. राफाएला फेत्रीनी के साथ (प्रतीकात्मक तस्वीर)  वाटिकन में प्रशासनीय पद पर सेवारत सि. राफाएला फेत्रीनी के साथ (प्रतीकात्मक तस्वीर)  

महिलाओं की आवाज़ सुनें, सन्त पापा फ्राँसिस

इताली महिला केन्द्र की प्रतिनिधि महिलाओं को सम्बोधित कर गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने महिलाओं की आवाज़ के महत्व को प्रकाशित किया। उन्होंने कहा कि विश्व में प्रशासन के तौर तरीकों को बल और सत्ता की आवश्यकता के तर्क से, देखभाल और सेवा में बदलने के लिये महिलाओं की सुनना अति आवश्यक है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 25 मार्च 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): इताली महिला केन्द्र की प्रतिनिधि महिलाओं को सम्बोधित कर गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने  महिलाओं की आवाज़ के महत्व को प्रकाशित किया। उन्होंने कहा कि विश्व में प्रशासन के तौर तरीकों को बल और सत्ता की आवश्यकता के तर्क से, देखभाल और सेवा में बदलने के लिये महिलाओं की सुनना अति आवश्यक है।

पुरुष और महिला की रचनात्मक पहचान

रोम में अपनी आम सभा के लिये एकत्र इताली महिला केन्द्र की प्रतिनिधि महिलाओं को सम्बोधित कर सन्त पापा ने महिलाओं की आम सभा के विषय, "एक साझा मिशन में पुरुष और महिला की रचनात्मक पहचान" पर चिन्तन करते हुए कहा कि यह विषय सैद्धांतिक अर्थों में और विशेष रूप से अस्तित्वगत अर्थों में "एक बहुत ही सामयिक मुद्दा है।"

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, 1944 ई. में महिलाओं की प्रतिष्ठा एवं उनके अधिकारों की सुरक्षा के उद्देश्य से इताली महिला केन्द्र की स्थापना हुई थी।

यूक्रेन में जारी युद्ध की स्थिति पर चिन्ता जताते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि आज जो यूक्रेन में हो रहा है वह असहनीय है। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यवश, यह सत्ता के पुराने तर्क का फल है जो अभी भी तथाकथित भू-राजनीति पर हावी है।" उन्होंने कहा, "विश्व को एक 'शतरंज की बिसात' के रूप में शासित किया जाना जारी है, जहां शक्तिशाली लोग दूसरों के नुकसान और अपने प्रभुत्व के विस्तार का षड़यंत्र रचना जारी रख रहे हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि वास्तविक उत्तर, "अधिक हथियार, अधिक प्रतिबंध, अधिक राजनीतिक-सैन्य गठबंधन" नहीं है, बल्कि एक अलग दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, "वैश्वीकृत दुनिया को नियंत्रित करने के लिये एक अलग तरीके की ज़रूरत है, और साथ ही अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने की आवश्कता है।

सेवा और देखभाल

महिलाओं पर अपने चिन्तन का लक्ष्य निरूपित कर सन्त पापा ने कहा, "आप महिलाओं का एक संघ हैं, और निश्चित रूप से महिलाएं इस परिवर्तन की नायिका हैं। जब महिलाएं सत्ता की प्रचलित व्यवस्था के अधीन नहीं होंगी, तब वे, समाज में सत्ता प्राप्त करके, व्यवस्था को बदल सकती हैं, बशर्ते कि वे सत्ता को प्रभुत्व के तर्क से सेवा और देखभाल के तर्क में बदलने का प्रबंधन कर सकने में सक्षम बनें तथा इसके लिये अपनी आवाज़ उठाने का साहस करें।"

सन्त पापा ने कहा, "मानसिकता में यह आवश्यक परिवर्तन "येसु मसीह की पाठशाला है, यह गांधी की पाठशाला है, यह हर युग के संतों की पाठशाला है, और मैं यहाँ तक कहूँगा कि यह कहूंगा उन अनगिनत महिलाओं की पाठशाला है जिन्होंने कमज़ोर लोगों और घायलों की देखभाल कर मानवीय और सामाजिक घावों का उपचार किया है तथा नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करने के लिये अपना तन-मन समर्पित कर दिया है।"

सन्त पापा ने महिलाओं को माँ मरियम के संरक्षण के सिपुर्द कर उनसे हर समय प्रार्थना करते रहने तथा मानवीयता के पथ पर आगे बढ़ते रहने का आग्रह किया।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

25 March 2022, 11:45