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यूनितालसी के स्वयंसेवक यूनितालसी के स्वयंसेवक 

पोप ने बीमार बच्चों के परिवारों के लिए नए आवास को आशीर्वाद भेजा

संत पापा फ्राँसिस ने इटली के मिलान शहर में एक नये अतिथिशाला (फाब्रित्सियो फ्रिजी होम) की नींव को आशीष दिये जाने के अवसर पर एक पत्र भेजा है, जिसमें इटली के अन्य हिस्सों से शहर में इलाज की खोज करनेवाले बीमार बच्चों के परिवार वालों को मुफ्त में आश्रय प्रदान किया जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पोप फ्रांसिस ने लोम्बार्दी राज्य की राजधानी मिलान के उत्तरी इताली शहर के बाहरी इलाके में एक केंद्र की आधारशिला रखने के लिए अपना आशीर्वाद भेजा है, जो देश के अन्य हिस्सों के परिवारों को मुफ्त आश्रय प्रदान करेगा, जिन्हें शहर में अपने बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पढ़ेगी।

मिलान के महाधर्माध्यक्ष मारियो डेलपिनी और महापौर जुसेप्पे साला ने मंगलवार को नये केंद्र की आधारशील स्थापित करने के समारोह में भाग लिया। परियोजना को यूनितालसी (बीमार, विकलांग, बुजूर्ग लोगों एवं लूर्द और अन्य अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थलों में तीर्थयात्रा की चाह रखनेवालों की मदद करने हेतु गठित स्वयंसेवकों के संघ) के लोम्बार्दी प्रांत की शाखा के द्वारा प्रदान किया गया है।

स्वागत और सामीप्य का घर

संत पापा ने 2000 जयन्ती वर्ष में आशीष प्रदान की गई ईंट को एक पत्र के साथ यूनितालसी लोम्बारदा के अध्यक्ष भित्तोरियोदी कार्ली को भेजा है। पत्र को नींव डालने की विधि के दौरान पढ़ा गया।  

संत पापा ने पत्र में लिखा, "यूनितालसी लोम्बारदा के मेरे प्रिय मित्रो एवं घर जिसका निर्माण आज शुरू हो रहा है, उसमें स्वागत एवं सामीप्य प्राप्त करनेवाले बच्चों के माता-पिताओ एवं सभी स्वयंसेवको और सहयोगियो, मेरा आशीर्वाद आप सभी के साथ हो।"

यूनितालसी के इस परियोजना का नाम एक प्रसिद्ध पत्रकार, अभिनेता एवं यूनितालसी के बड़े मित्र फाब्रित्सियो फ्रिजी के नाम पर रखा गया है जिनका निधन 2018 में हुआ।

पिछले साल यूनितालसी लोम्बारदा ने 100 साल पूरा किया, जिसकी याद करते हुए संत पापा ने कहा कि यह स्थानीय स्तर पर भी कार्य करता है, घर आनेवाले मेहमानों की सेवा में खुद को लगाने हेतु तीर्थयात्रा को "कई छोटे घरेलू तीर्थस्थलों" में बदलता है।

ख्रीस्त की दया

इस संबंध में उन्होंने जयन्ती वर्ष 2015 -2016 के दस्तावेज की याद की जिसमें उन्होंने लिखा था कि येसु भीड़ को देखकर दया से द्रवित हो गये जो बिना चरवाहे की भेड़ों के समान भटके हुए थे, और इस दया के कारण उन्होंने अपने पास लाये गये रोगियों को चंगा किया तथा कुछ रोटियों एवं मछलियों से एक बड़ी भीड़ को खिलाया।  

संत पापा ने लिखा कि "सभी परिस्थितियों में येसु को जो प्रेरित किया वह कुछ नहीं बल्कि उनकी दया की भावना थी।" इस संदर्भ में फाब्रित्सियो फ्रिजी केंद्र गरीबों के लिए येसु के प्रेम का साक्षी है, स्वागत किये जाने की आवश्यकता का जवाब, ताकि अपने बच्चों के इलाज के दौरान माता-पिता को ठहरने का स्थान मिल सके।  

यूनीताल्सी लोम्बार्डा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 17 मार्च को आमदर्शन समारोह के दौरान वाटिकन में पोप फ्रांसिस को केंद्र की परियोजना प्रस्तुत की थी।

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29 March 2022, 16:54