विश्व जल दिवस पर पोप ˸ 'पेयजल का अधिकार जीवन के अधिकार से जुड़ा है
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 22 मार्च 2022 (रेई) ˸ 9वें विश्व जल मंच की शुरूआत सेनेगल में सोमवार को हुई। 21 से 26 मार्च तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की विषयवस्तु है, "शांति एवं विकास के लिए जल सुरक्षा।"
मंच का उद्देश्य है वैश्विक जल कार्यसूची को प्रभावशाली ढंग से लागू करना, जो सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक पूर्वापेक्षा है।
शांति की प्यास
संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र, विश्व जल मंच को भेजा, जिसको समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अंतरिम अध्यक्ष कार्डिनल चरनी ने प्रस्तुत किया।
संदेश में लिखा है, "हमारी दुनिया शांति की प्यासी है...जिसके लिए सभी के प्रयास और निरंतर योगदान की आवश्यकता है और जो विशेष रूप से, प्रत्येक मनुष्य की आवश्यक और महत्वपूर्ण जरूरतों की पूर्ति पर आधारित है।"
संत पापा ने गौर किया कि आज जल सुरक्षा कई कारणों से खतरे में है, जिसमें प्रदूषण, संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के दुष्प्रयोग शामिल हैं।
फिर भी, जल शांति के लिए एक बहुमूल्य साधन है। अतः इसे निजी सम्पति की तरह नहीं देखा जाना और व्यवसायिक लाभ एवं बाजार के नियम की वस्तु के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए।
जल का अधिकार एवं जीवन का अधिकार
अपने संदेश में संत पापा ने आग्रह किया है कि "पेयजल एवं स्वच्छता का अधिकार जीवन के अधिकार से निकटता से जुड़ा है जो मानव व्यक्ति के अपरिहार्य प्रतिष्ठा पर आधारित है एवं अन्य मानवाधिकारों के प्रयोग के लिए एक शर्त का गठन करता है।"
जल और स्वच्छता की आपूर्ति प्राथमिक, मौलिक एवं वैश्विक मानव अधिकार है क्योंकि यह लोगों के अस्तित्व का निर्धारण करता है।
अतः विश्व को गरीबों के प्रति एक गंभीर सामाजिक ऋण चुकाना है जिनके पीने के लिए सुरक्षित जल उपलब्ध नहीं है। दुनिया उन लोगों के प्रति भी ऋणी है जिनके पेयजल के परम्परागत स्रोतों को प्रदूषित किया गया है उन्हें असुरक्षित, हथियारों से नष्ट एवं प्रयोग नहीं करने योग्य बना दिया गया है, अथवा वे जंगलों के उजड़ने के कारण सूख गये हैं।
आज 2 बिलियन से अधिक लोग स्वच्छ जल एवं स्वच्छता से वंचित हैं जिसके कारण संत पापा फ्राँसिस ने सभी लोगों को इस ठोस परिणामों पर विचार करने हेतु आमंत्रित किया है, विशेषकर, स्वास्थ्य केंद्रों में बीमार लोगों, जन्म देनेवाली महिलाओं, कैदियों, शरणार्थियों एवं विस्थापितों के लिए।
सार्वजनिक सम्पति की सेवा
अतः उन्होंने सभी राजनीतिक एवं आर्थिक नेताओं, विभिन्न प्रशासकों एवं अधिकारियों से अपील की है कि सार्वजनिक हित की सेवा प्रतिष्ठा, दृढ़ता, अखंडता और सहयोग की भावना से करें।
उन्होंने कहा है कि "जल ईश्वर की ओर से एक उपहार और एक आम विरासत है जिसको उदारतापूर्वक हर पीढ़ी के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।"
संत पापा ने अंत में प्रतिभागियों को अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया है ताकि विश्व जल मंच, पेयजल एवं हर मानव प्राणी के स्वच्छता के अधिकार को पहचानने के लिए एक साथ कार्य करने का अवसर बने।
उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सभा, शांति के हित में जल को बांटने, निर्माण करने और जिम्मेदारीपूर्ण वार्ता द्वारा एक सच्चा प्रतीक बनाने में सहयोग देगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह बैठक पानी, शांति के पक्ष में रचनात्मक और जिम्मेदार संवाद, साझा करने का एक सच्चा प्रतीक बनाने में योगदान देगी जो स्थायी है क्योंकि यह विश्वास पर निर्मित है।
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