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संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को कार्डिनलों की एक सामान्य सभा की अध्यक्षता की संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को कार्डिनलों की एक सामान्य सभा की अध्यक्षता की 

संत पापा 15 मई को तीन और उम्मीद्वारों को संत घोषित करेंगे

एक जर्मन पुरोहित और फ्रांस और इटली के दो धन्य धर्मबहनें उन दस नए संतों में शामिल हैं, जिन्हें संत पापा फ्राँसिस 15 मई, 2022 को वाटिकन में संत घोषित करेंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 5 मार्च 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को कार्डिनलों की एक सामान्य सभा की अध्यक्षता की, जिसमें जर्मन कार्मेलाइट पुरोहित धन्य टाइटस ब्रांडसमा, फ्रांसीसी धर्मबहन धन्य मारिया रिवियर और इटालियन सिस्टर धन्य मरिया दी जेसु के संत घोषणा की तारीख तय की गई।

धन्य फादर टाइटस ब्रांडसमा
धन्य फादर टाइटस ब्रांडसमा

धन्य फादर टाइटस ब्रांडसमा

धन्य फादर टाइटस ब्रांडसमा एक जर्मन धर्मशास्त्री, पत्रकार और लेखक थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध से पहले जर्मनी में नाजियों द्वारा किए जा रहे यहूदी-विरोधी कानूनों का जबरदस्त विरोध किया था। उन्हें जनवरी 1942 में गिरफ्तार किया गया था जब जर्मनी ने नीदरलैंड पर आक्रमण किया था। नाजियों ने उनसे कहा कि अगर वह काथलिक अखबारों को नाजी प्रचार प्रकाशित करने की घोषणा करेगा कि तो उसे एक मठ में एक शांत जीवन जीने की अनुमति दी जाएगी। कार्मेलाइट पुरोहित ने इनकार कर दिया, जिसके कारण उसे दचाऊ एकाग्रता शिविर में कठिनाई और भुखमरी का सामना करना पड़ा। उसी वर्ष 26 जुलाई को कार्बोलिक एसिड के इंजेक्शन के बाद उनकी मृत्यु हो गई। वे 61 वर्ष के थे।

धन्य अन्ना-मरिया रिवियर
धन्य अन्ना-मरिया रिवियर

धन्य अन्ना-मरिया रिवियर

सिस्टर अन्ना मारिया रिवियर का जन्म 19 दिसंबर 1768 को पूर्वी फ्रांसीसी शहर मोंटपेज़ैट-सूस-बौज़ोन में हुआ था। जब वह 16 महीने की थी, तो वह अपने बिस्तर से गिर गई और उसका कूल्हा टूट गया, जिससे 10 साल तक दर्द सहना पड़ा। इस दर्द ने उसे स्वयं को ईश्वर को समर्पित करने की इच्छा जगा दी। बाद में, वह एक और बार गर गई और भयानक दर्द का अनुभव किया। लेकिन उसके दृढ़ संकल्प और ईश्वर में विश्वास ने उसे 1777 में पूरी तरह से ठीक कर दिया।

जब फ्रांसीसी क्रांति शुरू हुई, धार्मिक समुदायों के प्रति विद्रोहियों की शत्रुता के बावजूद, उसने 1796 में एक समुदाय की स्थापना की, जिसने पांच साल बाद मरिया को समर्पित धर्मबहनों का धर्मसमाज नाम दिया गया। 3 फरवरी, 1838 को उनकी की मृत्यु हो गई।

मरिया दी जेसु

मरिया दी जेसु का जन्म करोलिना सांतोकनाले में हुआ। उनहोंने लूर्द की बेदाग मरिया की कैपुचिन धर्मबहनों के धर्मसमाज की स्थापना की। यह धर्मसमाज बीमारों, गरीबों, विकलांगों और परित्यक्त लोगों के साथ काम करना जारी रखता है।

ये तीन धन्य, अन्य सात धन्यों में शामिल होंगे, जिनका 15 मई को संत पापा फ्राँसिस द्वारा संत घोषित किया जाएगा। पिछले वर्ष 3 मई को पहले तय किया गया था। इनमें भारतीय शहीद धन्य देवसहायम (लाजरुस) भी शामिल है।

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05 March 2022, 14:34