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संत जोसेफ, संत मरियम और येसु संत जोसेफ, संत मरियम और येसु 

संत जोसेफ को समर्पित धर्मसमाज को संत पापा का संदेश

संत पापा फ्राँसिस ने 19 मार्च को संत जोसेफ के महापर्व एवं संत जोसेफ को समर्पित धर्मसमाज की स्थापना की 150वीं वर्षगाँठ पर धर्मसमाज को एक संदेश प्रेषित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 19 मार्च 2022 (रेई) ˸ संत जोसेफ धर्मसमाज के फादर जेनेरल माननीय फादर तुलिओ लुकातेल्ली को प्रेषित पत्र में, संत पापा फ्रांसिस ने धर्मसंघ की स्थापना की 150वीं वर्षगाँठ के लिए सदस्यों को शुभकामनाएँ दीं तथा प्रोत्साहित किया कि वे संत जोसेफ के विनम्र एवं ज्वलंत उदाहरण से प्रेरित होकर, उनके समान ईश्वर के आश्चर्य का सपना देखने से कभी न रूकें।

संत पापा ने लिखा, "इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर जो जयन्ती वर्ष की शुरूआत करता है, आपके धर्मसंघीय परिवार की यात्रा की याद करते हुए मैं आप सभी के साथ खुशी मनाता हूँ।" धर्मसंघ की स्थापना तूरिन में 19 मार्च 1873 में हुई थी।

संत पापा ने कहा कि यह भविष्य के लिए नई ऊर्जा प्राप्त करने हेतु स्रोत में जाने के समान है, किन्तु धन्यवादी हृदय से प्रभु को याद करने एवं उनसे दृढ़तापूर्ण याचना करने का भी अवसर है कि वे धर्मसमाज को आशीष देते रहें, इसके कैरिज्म को जीने में मदद दें, जिसका उद्देश्य है युवाओं को शिक्षा देना और पवित्र आत्मा की इच्छा के अनुरूप सुदृढ़ करना।

संत पापा ने संत जोसेफ धर्मसमाज के संस्थापक संत लेओनार्दो मुरियालदो के शब्दों की याद दिलायी जो कहा करते थे कि "नये समय में नये कामों की जरूरत होती है।" वे अपने युग को परख सकते थे एवं 19वीं सदी में तूरिन की समकालीन समस्याओं को समझते थे। जिसके कारण उन्होंने समय के साथ प्रभावशाली उपाय अपनाया। उन्होंने गरीब एवं वंचित युवाओं को अपनाया, कई युवाओं की मदद की न केवल तत्कालिक जरूरतों की पूर्ति के लिए, बल्कि शिक्षा एवं पेशेवर प्रशिक्षण के द्वारा उन्हें प्रतिष्ठित भविष्य प्रदान किया।" संत पापा ने कहा कि वे समाज की अन्य आवश्यकताओं के लिए भी दूरदर्शी थे तथा ईश्वर के प्रेम की शक्ति से बल प्राप्त करते थे ˸ "हम ईश्वर के हाथों में हैं और हम अच्छे हाथों में हैं।"

संत पापा ने कहा कि संस्थापक संत जोसेफ के प्राचीन और निरंतर प्रज्ञा से प्रेरित थे। उन्होंने धर्मसंघ के सभी सदस्यों को युवाओं की आवश्यकताओं में उनके मित्र, भाई और पिता बनने के लिए प्रोत्साहित किया तथा उन्हें इस विश्वास से शक्ति प्राप्त करने की सलाह दी कि ईश्वर हरेक व्यक्ति को कोमल, चौकस और दयालुता के साथ प्यार करते हैं।

संत पापा ने गौर किया कि 150 वर्षों में धर्मसंघ यूरोप, अमरीका, एशिया और अफ्रीका में फैल चुका है तथा पल्ली में बच्चों का स्वागत करने से लेकर परिवारों को सुन्दर बनाने जैसे विभिन्न सेवा कार्यों को सम्पन्न करता है। साथ ही उन्होंने यह भी गौर किया कि इस विशाल एवं महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र में कई नई और पुरानी चुनौतियाँ भी हैं।

अतः उन्होंने सलाह दी कि इस जयन्ती वर्ष में वे अपने संस्थापक के मनोभाव को गहराई से अपनायें, समय की आवश्यकता को समझना सीखें तथा पवित्र आत्मा की रचनात्मकता प्रदान करें। संत पापा ने उन्हें युवाओं के लिए विश्वसनीय गवाह बनने का प्रोत्साहन दिया तथा कहा, "आप अपनी प्रेरिताई में संत जोसेफ के विनम्र एवं ज्वलंत उदाहरण से संचालित हों, उनके समान ईश्वर के अद्भुत चमत्कार का स्वप्न देखने से कभी न रूकें, उनके समान येसु और मरिया को समर्पित करने से कभी न थकें, जिसने उनके जीवन को एक महान पितृत्व "स्वर्गिक पिता का चिन्ह बना दिया। आपने आज के युवाओं के समर्पित पिता होने के बुलावे को स्वीकार किया है।"

संदेश के अंत में संत पापा ने उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया है।   

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19 March 2022, 15:26