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देवदूत प्रार्थना : प्रलोभन का जवाब ईश्वर के वचन से दें

चालीसा काल के पहले रविवार को संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को चेतावनी दी कि हम प्रलोभन से बचने के लिए जागते रहें, क्योंकि यह हमारी जीवन यात्रा में हमेशा हमारे साथ चलता है। उन्होंने विश्वासियों को सलाह दी कि वे बुराई के साथ समझौता न करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटकिन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 6 मार्च 2022 (रेई): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 6 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज चालीसा काल के पहले रविवार का सुसमाचार पाठ, हमें निर्जन प्रदेश ले चलता है, जहाँ येसु पवित्र आत्मा द्वारा चालीस दिनों के लिए ले जाये गये थे ताकि शैतान उनकी परीक्षा ले। निर्जन प्रदेश बुराई के प्रलोभन से खिलाफ संघर्ष करने का प्रतीक है, सच्ची स्वतंत्रता को चुनने सीखना है। निश्चय ही, येसु निर्जन प्रदेश के अनुभव को अपने सार्वजनिक मिशन शुरू करने से पहले जीते हैं। इस आध्यात्मिक संघर्ष के द्वारा वे पुष्ट करते हैं कि वे किस तरह के मसीहा होना चाहते हैं। अतः हम उन प्रलोभनों को निकट से देखें जिनसे वे संघर्ष कर रहे हैं।

प्रलोभन के खिलाफ संघर्ष

शैतान उन्हें दो बार संबोधित करते हुए कहता है, "यदि आप ईश्वर के पुत्र हैं..."(3,9) इस तरह वह उनके स्थान को बर्बाद करना चाहता है : उनकी भौतिक आवश्यकता पूरी कर, उसके बाद उनकी शक्ति बढ़ाकर। (6-7) और अंत में ईश्वर से एक चमत्कारिक चिन्ह दिखाकर। (9-11) यह मानो ऐसा कहने के समान है कि "यदि तुम ईश्वर के बेटे हो तो इसका फायदा उठा लो। अर्थात् अपने लाभ की बात सोचो। यह प्रलोभन भरा प्रस्ताव है जो हृदय को गुलाम बना देता है। यह हममें चीजों को पाने का जुनून पैदा करता है, सब कुछ को चीजों, शक्ति एवं यश प्राप्त करने तक सीमित कर देता है। यह प्रलोभन का केंद्रविन्दु है। जुनून का जहर है जिसके मूल में बुराई रहता है।   

संत पापा ने कहा, "किन्तु येसु जीतते हुए बुराई के आकर्षण की उपेक्षा करते हैं। वे किस तरह ऐसा करते हैं? प्रलोभन का जवाब ईश्वर के वचन से देते हुए जो कहता है कि हमें ईश्वर, दूसरों एवं चीजों को अपने फायदे के लिए प्रयोग नहीं करना है। अपने पद का प्रयोग फायदे के लिए नहीं करना है। क्योंकि सच्ची खुशी और सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त करने में नहीं मिलती बल्कि देने में मिलती है, यह दूसरों का लाभ उठाने में नहीं बल्कि प्यार करने में मिलता है। शक्ति के प्रलोभन में नहीं बल्कि खुशी से सेवा देने में।      

येसु और ईश्वर का वचन

प्यारे भाइयो एवं बहनो, यह प्रलोभन हमारे जीवन में भी आता है। हमें सचेत रहना है क्योंकि अक्सर वह अपने आपको अच्छे रूप में प्रस्तुत करता है। वास्तव में शैतान जो चतुर है हमारे लिए झूठ का सहारा लेता है। वह चाहता था कि येसु विश्वास करें कि उसके प्रस्ताव यह बतलाने में फायदेमंद हैं कि वे सचमुच ईश्वर के बेटे हैं। वे हमारे साथ भी वैसा ही करते हैं। वे बहुधा मधुर नजरों के साथ, दूत के समान चेहरों से आते हैं। वे खुद को पवित्र, जाहिर तौर पर धार्मिक मकसद से अलग करना चाहते हैं।

सच्ची स्वतंत्रता का रास्ता

यदि हम उसकी खुशामदी में पड़ेंगे तो अच्छा मतलब बताकर हमारी गलतियों को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश करेंगेः "मैंने अजीब चीजें की हैं लेकिन गरीबों की मदद  भी की है; मैंने अपनी भूमिका का फायदा उठाया है किन्तु अच्छा काम भी किया है, मैंने अपनी सहज प्रवृति के अनुसार किया है किन्तु किसी की हानि भी जो नहीं की है आदि।" संत पापा ने जोर देते हुए कहा, "शैतान से समझौता न करें, हमें प्रलोभन से वार्ता नहीं करनी चाहिए। हम अचेतन आवस्था में न पड़ें जो हमें करने के लिए प्रेरित करता है, आखिर, यह कोई गंभीर बात नहीं है, हर कोई ऐसा करता है।" हम येसु की ओर देखें जो आराम की खोज नहीं करते, बुराई के साथ समझौता नहीं करते। वे बुराई का विरोध ईश्वर के वचन से करते हैं और इस तरह प्रलोभन से ऊपर उठते हैं।

जागते रहें

चालीसा का यह समय भी हमारे लिए एक निर्जन प्रदेश का समय हो। हम एकान्त एवं प्रार्थना का समसय निकालें, जिसमें हम रूककर देख सकते हं कि हमारे अंदर क्या चल रहा है। हम आंतरिक रूप से साफ रहें, अपने आपको प्रार्थना में ईश वचन के सामने रखें ताकि हम बुराई से संघर्ष कर सकें जो हमें गुलाम बनाता, स्वतंत्रता के लिए संघर्ष हमारे अंदर हो। हम धन्य कुँवारी मरियम से प्रार्थना करें कि वे इस चालीसा के निर्जन प्रदेश में हमारा साथ दें और हमें हमारे मन-परिवर्तन में मदद करें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना में संत पापा का संदेश

 

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06 March 2022, 16:18