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वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन  

परोलिन ˸ यूक्रेन में युद्ध से दुःखी पोप, माल्टा में शांति व आतिथ्य की चाह जगायेंगे

जीवन की रक्षा हेतु आम प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। यह बात वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने संत पापा फ्राँसिस की माल्टा में अपनी 36वीं प्रेरितिक यात्रा के पूर्व कही। कार्डिनल परोलिन ने दोहराया कि यात्रा जरूरतमंद लोगों पर, आप्रवासी घटना पर और इस उम्मीद पर केंद्रित होगी कि सभी युद्ध, विशेष रूप से यूक्रेन में लड़े जा रहे युद्ध समाप्त हो जाएंगे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 31 मार्च 2022 (रेई) ˸ माल्टा में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा के पूर्व वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने स्वागत, सुरक्षा, प्रोत्साहन और एकीकरण इन चार शब्दों को याद किया जो युद्ध, अत्याचार, हिंसा या बेहतर भविष्य की खोज में भाग रहे लोगों का स्वागत करने का संकेत देता है तथा यूरोप के सभी लोगों को इस जिम्मेदारी को साझा करने का निमंत्रण देता है।  

प्रेरितिक यात्रा का मुख्य उद्देश्य है जीवन को वजह एवं आशा प्रदान करने के लिए सुसमाचार की घोषणा, जिसकी हमें आज की दुनिया में बहुत अधिक आवश्यकता है। प्रेरितिक यात्रा को 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित किया गया था जो अब यूक्रेन में युद्ध के समय हो रहा है। कार्डिनल ने जारी युद्ध के लिए संत पापा की पीड़ा व्यक्त की तथा आशा प्रकट की कि हथियारों का कोलाहल जल्द शांत होगा।   

संत पापा फ्राँसिस किस मनोभाव के साथ यात्रा की तैयारी कर रहे हैं?

कार्डिनल परोलिन ने कहा कि निश्चय ही यह एक प्रत्याशित यात्रा है क्योंकि इसे कोविड-19 के कारण स्थगित की गयी थी और साथ ही यह ऐसे समय में हो रही है जब भयंकर युद्ध जारी है जिसने संत पापा को बहुत अधिक चिंतित कर दिया है। अतः मैं कल्पना करता हूँ कि वे अपनी इस यात्रा को बड़े दर्द के साथ सम्पन्न करेंगे जिसको उन्होंने विगत महीनों, सप्ताहों और दिनों में व्यक्त किया है और करेंगे। मैं सोचता हूँ कि वे युद्ध समाप्त करने एवं हथियारों के कोलाहल को शांत करने तथा वार्ता जारी रखने का आह्वान करेंगे। समझौता की प्रक्रिया वास्तव में जारी है यद्यपि लगता है कि ठोस परिणाम तक नहीं पहुँच पाया है। अतः वे लोगों की पीड़ा में शामिल होंगे तथा युद्ध के अंत का आह्वान करेंगे।   

सवाल- माल्टा "नीले रेगिस्तान" के बीच में स्थित है, जैसा कि पोप ने भूमध्यसागरीय को परिभाषित किया है। एक ऐसी जगह जो आप्रवास की त्रासदी की याद दिलाती है। यूरोप यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए बहुत कुछ कर रहा है, उन लोगों के लिए क्या कर सकता है जो आशा की खोज में हमारे समुद्रों को पार कर रहे हैं?  

उत्तर- हम सबसे पहले प्रभु को धन्यवाद दें क्योंकि हम यूक्रेन के शरणार्थियों की मदद के लिए सचमुच बहुत अधिक एकात्मता प्रदर्शित कर रहे हैं। यह वास्तव में सराहनीय है कि विभिन्न यूरोपीय देश उनके लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह दुखद अनुभव हमें अन्य आप्रवासियों के साथ भी संवेदनशील बनने में मदद दे जो दक्षिण से आ रहे हैं और मेरे लिए ऐसा लगता है कि इस संबंध में "बोझ" के लिए सहयोग और जिम्मेदारियों को साझा करने का कोई विकल्प नहीं है - सभी यूरोपीय देशों के बीच, विशेष रूप से आगमन, प्रथम आगमन, और फिर पारगमन एवं गंतव्य के बीच।

अतः जैसा कि संत पापा ने बार-बार दुहराया है - सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए जीवन बचाना, समुदाय में जीवन बचाना, जिसको उन रास्तों को बढ़ाकर किया जा सकता है जिसपर शरणार्थी चलते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है काम करना ताकि कोई भी संघर्ष की स्थितियों, असुरक्षा या अविकसितता की स्थितियों के कारण अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए मजबूर न हो। इसलिए, अपने देशों में, विशेष रूप से आर्थिक विकास, राजनीतिक स्थिरता, सुशासन और मानवाधिकारों के सम्मान के मामले में निवेश करना। साथ ही, उन चार क्रियाओं का संयोजन : स्वागत करना, रक्षा करना, बढ़ावा देना और एकीकृत करना, और वास्तव में इसे एक साथ रखना। कोई भी देश अकेला जिम्मेदारी नहीं ले सकता। इसके लिए आम प्रतिबद्धता की आवश्यकता है जिसको नागरिक समाज के द्वारा भी साझा किया जाना चाहिए, खासकर काथलिक कलीसिया द्वारा।

 

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31 March 2022, 17:11