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कोंगो में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा का प्रतीक चिन्ह कोंगो में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा का प्रतीक चिन्ह 

कोंगो में पोप की प्रेरितिक यात्रा हेतु प्रतीक चिन्ह एवं आदर्शवाक्य प्रकाशित

संत पापा फ्राँसिस के कोंगो गणराज्य की प्रेरितिक यात्रा के प्रतीक चिन्ह एवं आदर्श वाक्य को प्रकाशित कर दिया गया है। संत पापा 2 से 5 जुलाई को कोंगो गणराज्य की प्रेरितिक यात्रा करेंगे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिनक सिटी, मंगलवार, 14 मार्च 22 (रेई)˸ "येसु ख्रीस्त में सबका मेल हो गया है", संत पापा के कोंगो गणराज्य की प्रेरितिक यात्रा का प्रतीक चिन्ह है। प्रतीक चिन्ह में देश को एवं संत पापा को आशीष देते हुए दर्शाया गया है। संत पापा फ्राँसिस 2 से 5 जुलाई को किनशसा एवं गोमा शहरों का दौरा करेंगे। वाटिकन प्रेस कार्यालय ने सोमवार को एक सूचना जारी करते हुए आदर्शवाक्य एवं प्रतीक चिन्ह को प्रकाशित किया। यह इटली के बाहर संत पापा फ्राँसिस की 37वीं प्रेरितिक यात्रा होगी।

संत पापा की प्रेरितिक यात्रा के स्थानीय संयोजक समिति ने प्रतीक चिन्ह के बारे बतलाया कि इसमें अफ्रीकी देश के मानचित्र की आकृति में झंड़े के रंग दर्शाये गये हैं।

मानचित्र में पृथ्वी की जैव विविधता को दर्शानेवाले ग्राफिक्स हैं और इस महान अवसर का गर्मजोशी से स्वागत के संकेत के रूप में पश्चिम की ओर एक खुली सीमा और इसके होनेवाले फल को दिखाया गया है। ध्वज का रंग पीला है जो जीव और वनस्पति, स्थल और भूमि के साथ गणराज्य की समृद्धि का प्रतीक है। पूर्वी सीमा पर लाल रंग उस क्षेत्र में शहीदों द्वारा बहाए गए रक्त का स्मरण दिलाता है। उत्तरी सीमा पर नीला रंग कोंगो के लोगों के द्वारा शांति की तीव्र चाह को व्यक्त करता है।

बायीं ओर नीला क्रूस कोंगो के लोगों की माता मरियम के प्रति भक्ति को प्रतिबिम्बित करता है जो कोंगो के लोगों की प्रार्थना को मुक्तिदाता ख्रीस्त के पास पहुँचाती हैं। तीन व्यक्ति आपसी भाईचारा के प्रतीक हैं जिसमें पुरूष, महिला, वयस्क और बच्चे एक साथ हैं जो उनकी एकता की चाह को व्यक्त करता है और जो सिर्फ ईश्वर का वरदान हो सकता है। इस्तेमाल किए गए चमकीले रंगों का उद्देश्य उस भावना और गतिशीलता की गवाही देना है जो कांगो के लोगों की विशेषता है, जो खुशी और एकता में ख्रीस्त के प्रतिनिधि एवं पेत्रुस के उत्तराधिकारी का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। प्रतीक चिन्ह में खजूर की डाली है जो कोंगो के इतिहास के मूल में शहादत को दर्शाता है। खजूर विजय, पुनर्जन्म और अमरता तथा आशा के संदेश को व्यक्त करता, जिसको संत पापा की प्रेरितिक यात्रा प्रदान करेगी। अंततः क्रूस एवं कोंगो के मानचित्र के बीच केंद्र में हम संत पापा फ्रांसिस की तस्वीर देखते हैं जो आशीष प्रदान कर रहे हैं, यह देश के लिए एक महान आनन्द है।   

संयोजक समिति ने कोंगो की भौगोलिक क्षेत्र में पाये जानेवाले जैव विविधता को दर्शाया है, जिसमें पहाड़ी क्षेत्र शामिल है, खासकर, भुकम्प के द्वारा बने पहाड़ जो गोमा के लोगों को प्रभावित करता है। बहता जल देश की जल सर्वेक्षण समृद्धि को प्रतिबिम्बित करता है जिनमें कोंगो की नदी और जलमार्ग एवं झील आते हैं। अंत में, पेड़ कांगो के सभी वनस्पतियों की ओर इशारा करता है और इस भूमि, अफ्रीका एवं ग्रह की विशिष्टता का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा आधा ज़ेबरा और आधा जिराफ़, ओकापी का चित्र बतलाता है कि कोंगो ही एकमात्र देश है जहां यह पाया जाता है, इसके जंगल में रह रहा है और कांगो के जीवों की समृद्धि बढ़ा रहा है।

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15 March 2022, 16:13