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यूक्रेन का मारियुपोल शहर, बेंच पर बैठे वहाँ के स्थानीय लोग यूक्रेन का मारियुपोल शहर, बेंच पर बैठे वहाँ के स्थानीय लोग 

मानव इतिहास को मिटाने से पहले युद्ध को मानव इतिहास से मिटाना

जब यूक्रेन में युद्ध जारी है संत पापा फ्राँसिस ने अपनी अपील दुहराते हुए युद्ध को मानव इतिहास से मिटाने का आह्वान किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने यूक्रेन की याद करते हुए कहा, "इस क्रूर और संवेदनहीन युद्ध की शुरुआत में, यूक्रेन के आक्रमण की शुरुआत के बाद से एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, जो कि हर युद्ध की तरह, हम सभी के लिए, एक हार है। हमें युद्ध को अस्वीकार करने की जरूरत है, जो एक मौत की जगह है, जहां माता-पिता अपने बच्चों को दफनाते हैं, जहां पुरुष अपने भाइयों और बहनों को बिना देखे ही मार देते हैं, जहां शक्तिशाली निर्णय लेते और गरीब मरते हैं। युद्ध न केवल वर्तमान को, बल्कि समाज के भविष्य को भी तबाह कर देता है। मैंने पढ़ा है कि यूक्रेन में आक्रमण की शुरुआत से, हर दो बच्चों में से एक अपने देश से विस्थापित हो गया है।

इसका अर्थ है भविष्य को नष्ट करना, हमारे बीच सबसे छोटे और सबसे निर्दोष लोगों को गहरा आघात पहुँचाना। यह युद्ध की पाशविकता है - एक बर्बर और अपवित्र कार्य है! युद्ध अपरिहार्य नहीं हो सकता। हमें युद्ध की आदत नहीं डालनी चाहिए। इसके बजाय, हमें आज के गुस्से को कल के लिए प्रतिबद्धता में बदलने की जरूरत है, क्योंकि जो हो रहा है, अगर हम पहले की तरह बने रहे, तो हम सभी किसी न किसी तरह से दोषी होंगे। आत्म-विनाश के खतरे से पहले, मानवता यह समझे कि युद्ध को समाप्त करने का समय आ गया है, मानव इतिहास को मिटाने से पहले इसे मानव इतिहास से मिटाना है।"

संत पापा ने राजनीतिक नेताओं से पुनः अपनी अपील दुहराते हुए कहा, "मैं हर राजनीतिक नेता से इस पर चिंतन करने, खुद को इसके लिए समर्पित करने का आग्रह करता हूँ! और, पस्त यूक्रेन को देखने के लिए, यह समझने के लिए कि युद्ध के प्रत्येक दिन सभी के लिए स्थिति कैसे बिगड़ती है। इसलिए, मैं अपनी अपील दुहराता हूँ: बस बहुत हुआ, इसे रोका जाए। हथियारों को शांत किया जाए। शांति की ओर गंभीरता से आगे बढ़ा जाए। आइए हम शांति की रानी से निरंतर प्रार्थना करना जारी रखें, जिसके लिए हमने मानवता को समर्पित किया, विशेष रूप से रूस और यूक्रेन को। संत पापा ने रूस और यूक्रेन के समर्पण में भाग लेने हेतु सभी को धन्यवाद दिया और पुनः यूक्रेन के लिए प्रार्थना की।

तत्पश्चात् उन्होंने रोम तथा इटली एवं विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।

संत पापा ने दो साल पहले महामारी के दौरान अपनी प्रार्थना की याद की। उन्होंने कहा, " ठीक दो साल पहले, इस प्राँगण में, हमने महामारी के अंत के लिए अपनी प्रार्थना चढ़ाई थी। आज हम यूक्रेन में युद्ध के अंत के लिए उसी तरह प्रार्थना कर रहे हैं। प्राँगण के प्रवेश द्वार पर आप लोगों को एक किताब भेंट की जायेंगी जिसको वाटिकन कोविड-19 आयोग ने संचार विभाग के साथ तैयार किया है। यह कठिनाई के समय प्रभु पर विश्वास करते हुए बिना भय प्रार्थना करने का निमंत्रण है।"

अंत में, संत पापा ने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।

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27 March 2022, 17:21