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अपने दादा-दादी के साथ एक बालक अपने दादा-दादी के साथ एक बालक 

दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए विश्व दिवस का उद्देश्य

संत पापा फ्राँसिस ने 15 फरवरी के ट्वीट संदेश में दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए द्वितीय विश्व दिवस की विषयवस्तु को प्रस्तुत किया।

उषा मनोरमा तिरकी- वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 15 फरवरी 2022 (रेई) ˸ संत पापा ने ट्वीट के माध्यम से इसे प्रस्तुत करते हुए लिखा, "'वे लम्बी आयु में भी फलदार हैं।'(स्तोत्र 92,15) मैंने इस विषयवस्तु को दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए द्वितीय विश्व दिवस हेतु चुना है जिसको 24 जुलाई 2022 को मनाया जाएगा, ताकि पीढ़ियों के बीच खासकर, दादा-दादी एवं पोते-पोतियों के बीच वार्तालाप को बढ़ावा दिया जा सके।"

जड़ के समान

दूसरे ट्वीट संदेश में संत पापा ने बुजूर्गों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "बुजूर्गों के साथ मानवता के खजाने के रूप में व्यवहार किया जाना चाहिए। वे हमारी प्रज्ञा हैं, हमारी यादगारी। यह आवश्यक है कि दादा-दादी अपने पोते-पोतियों से जुड़े रहें, जो जड़ के समान हैं जिनसे वे मानव एवं आध्यात्मिक मूल्यों की लसीका प्राप्त करते हैं।"

एक अहम मुलाकात

तीसरे ट्वीट संदेश में संत पापा ने दादा-दादी एवं पोते-पोतियों के बीच मुलाकात पर जोर दिया। "यह बहुत महत्वपूर्ण है कि बुजूर्गों की प्रज्ञा एवं युवाओं के उत्साह को एक साथ लाया जाए। दादा-दादी एवं पोते-पोतियों के बीच मुलाकात एक अहम मुलाकात है खासकर, इस आर्थिक एवं सामाजिक संकट के समय, जिससे होकर मानवजाति गुजर रही है।"  

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15 February 2022, 15:59