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यूक्रेन के शरणार्थी यूक्रेन के शरणार्थी 

पोप: हथियार बंद करें, युद्ध करानेवाले मानवता भूल जाते हैं

संत पापा फ्राँसिस ने 2 मार्च को यूक्रेन के लिए प्रार्थना की अपील दुहरायी तथा हथियार के शैतानी एवं विकृत तर्क की निंदा की जो ईश्वर की इच्छा से बहुत दूर है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने विश्वासियों का अभिवादन किया एवं विभिन्न घटनाओं की याद की।

उन्होंने युद्ध के अंत के लिए प्रार्थना जारी रखने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "इन दिनों हम एक दुखद घटना से स्तब्ध हैं: युद्ध से। हमने कई बार प्रार्थना की है कि इस रास्ते पर आगे न बढ़ा जाए। हम प्रार्थना करना न छोड़ें, बल्कि ईश्वर से अधिक दृढ़ता के साथ प्रार्थना करें। इसके लिए मैं 2 मार्च को राखबुध के दिन, यूक्रेन में शांति हेतु प्रार्थना और उपवास करने के अपने आह्वान को पुनः दुहराता हूँ। यह यूक्रेन के लोगों की पीड़ा में उनके नजदीक रहने का दिन है, सभी के साथ भाई और बहन महसूस करना है और ईश्वर से युद्ध के अंत के लिए प्रार्थना करना है।"

संत पापा ने कहा, "जो लोग युद्ध करते हैं वे मानवता को भूल जाते हैं। वे लोगों की ओर से शुरू नहीं करते, वे लोगों के ठोस जीवन को नहीं देखते किन्तु सब कुछ के आगे अपने स्वार्थ एवं शक्ति को रखते हैं। वे खुद को हथियार के शैतानी और विकृत तर्क को सौंप देते हैं, जो ईश्वर की इच्छा से बहुत दूर है। वे अपने आपको आम जनता से भी दूर कर लेते हैं जो शांति चाहती और संघर्ष की वास्तव में शिकार बनती है। जो युद्ध की मूर्खता की कीमत अपनी खाल से चुकाती है।" संत पापा ने कहा, "मैं बुजूर्गों को सोचता हूँ, जो इस समय शरण की खोज कर रहे हैं, माताएँ अपने बच्चों के साथ भाग रही हैं...कुछ ऐसे भाई-बहन हैं जिनके लिए मानवीय सहायता प्रदान किया जाना  है और जिनका स्वागत किया जाना है।

यूक्रेन में जो हो रहा है उसके लिए टूटे दिल के साथ तथा दुनिया के उन हिस्सों को नहीं भूलते हुए जहाँ युद्ध जारी हैं, खासकर, यमन, सीरिया, इथोपिया में...मैं पुनः दुहराता हूँ, हथियार बंद करें! ईश्वर शांति निर्माताओं के साथ खड़े होते हैं, हिंसा  करनेवालों के साथ नहीं।" क्योंकि जो शांति से प्रेम करते हैं जैसा कि इताली संविधान में कहा गया, वे "युद्ध को अन्य लोगों की स्वतंत्रता के खिलाफ अपराध और अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करने के साधन के रूप में स्वीकार नहीं करते।" (अनुच्छेद 11)।

उसके बाद संत पापा ने नये धन्यों की याद की और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा, "कल स्पेन के ग्रनाडा में फादर गाईतानो जिमेनेज मार्टिन एवं उनके 15 साथियों को धन्य घोषित किया गया वे विश्वास के कारण स्पेन में 1930 के अत्याचार के दौरान शहीद हो गये थे।" पुनर्जीवित ख्रीस्त के इन साहसी शिष्यों का साक्ष्य जो पूरी शक्ति से निष्ठा एवं साहस के साथ सुसमाचार की सेवा करना चाहते थे। तब संत पापा ने ताली बजाकर सभी नये धन्यों को सम्मानित किया।

तत्पश्चात् उन्होंने रोम तथा विभिन्न देशों से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया, खासकर, उन्होंने दुर्लभ बीमारी दिवस के अवसर पर रोम आये लोगों का अभिवादन किया। दुर्लभ बीमारी दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है। संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, "मैं रोगियों के विभिन्न संघों एवं उनके परिवारों को प्रोत्साहन देता हूँ, उन लोगों को भी जो इस क्षेत्र में शोध कार्य करते हैं। मैं आप सभी के करीब हूँ। और यहाँ उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन करता हूँ...संत पापा ने प्रांगण में उपस्थित यूक्रेनवासियों का भी अभिवादन किया।"

अंत में, उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।

 

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27 February 2022, 16:33