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इटली की नगरपालिकाओं के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों से (महापौरों) से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस इटली की नगरपालिकाओं के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों से (महापौरों) से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस 

इताली महापौरों से पोप ˸ लोगों के नजदीक रहें

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 5 फरवरी को इटली की नगरपालिकाओं के राष्ट्रीय संघ के 200 सदस्यों से वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की तथा महामारी के दो सालों में उनकी विशेष भूमिका की सराहना की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 5 फरवरी 2022 (रेई)- संत पापा ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा, "आपकी उपस्थिति लोगों को आगे देखने हेतु प्रोत्साहन देने का साधन था। आप उन नियमों को लागू करने में एक संदर्भ बिंदु रहे जो कभी-कभी भारी होते, किन्तु नागरिकों के स्वस्थ के लिए आवश्यक होते हैं। निश्चय ही आपकी आवाज ने उन लोगों को मदद पहुँचायी, जिनपर सभी की भलाई हेतु समय पर निर्णय लेने का विधायी उत्तरदायित्व होता है।"

एकजुट नेटवर्क की आवश्यकता

संत पापा ने उनके कार्यों पर गौर करते हुए कहा कि यह जटिल है, इसमें संतोष के क्षण साथ-साथ कई कठिनाइयाँ भी हैं। एक ओर, लोगों के प्रति उनका सामीप्य नागरिकों की सेवा के लिए एक बड़ा अवसर है जिससे उन्हें लोगों का स्नेह प्राप्त होता है। वहीं दूसरी ओर, वे अपनी जिम्मेदारी में अकेलापन महसूस करते हैं। संत पापा ने कहा, "महापौरों से उम्मीद की जाती है कि वे सभी समस्याओं का समाधान करें किन्तु हम जानते हैं कि इनका हल सिर्फ आर्थिक संसाधनों से नहीं निकाला जा सकता। इसके लिए एकजुट नेटवर्क की आवश्यकता है जो उनका सामना करने की क्षमता प्रदान करता है। महामारी ने कई कमजोरियों को उजागर किया है किन्तु हमने स्वयंसेवकों, पड़ोसियों, स्वास्थ्यकर्मियों और प्रशासकों की उदारता को भी देखा है जिन्होंने गरीबों एवं बुजूर्गों की पीड़ा एवं एकाकीपन को कम करने के लिए अपने आपको समर्पित किया।" संत पापा ने कहा कि एकात्मक संबंध का नेटवर्क एक खजाना है जिसे सुरक्षित और सुदृढ़ किया जाना चाहिए।  

उन्होंने कहा, "आपकी सेवा को देखते हुए मैं आपको प्रोत्साहन के तीन शब्द देना चाहता हूँ - पितृत्व या मातृत्व, उपनगर और शांति।

पितृत्व या मातृत्व

सार्वजनिक भलाई के लिए सेवा देना उदारता का सबसे ऊंचा रूप है, जिसकी तुलना परिवार में माता–पिता के कार्यों से की जा सकती है। शहर में भी विभिन्न परिस्थितियों का उत्तर अलग-अलग तरह से ध्यान देकर दिया जाना चाहिए, अतः मातृत्व को सबसे बढ़कर सुनने के द्वारा निभाया जाता है। संत पापा ने कहा कि "लोगों और उनकी समस्याओं को सुनने हेतु समय देने से नहीं घबरायें। अच्छी तरह सुनना सुझ-बुझ से काम करने और प्राथमिकताओं को समझने में मदद देता है।"

संत पापा ने सुनने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "समस्याओं के समाधान के लिए केवल पर्याप्त वित-पोषण काफी नहीं है। वास्तव में, नागरिक सह-अस्तित्व और नागरिकता की एक परियोजना की भी आवश्यकता है: जहाँ अधिक गिरावट है वहाँ सौंदर्य में, जहाँ समाज में तनाव है वहाँ शिक्षा में, जहाँ हिंसक प्रतिक्रिया देखने को मिलती है वहाँ सामाजिक मिलन स्थलों में, जहाँ प्रभुत्व है वहाँ वैधता का प्रशिक्षण देने में निवेश करना जरूरी है। यह जानना कि एक बेहतर शहर का सपना कैसे देखा जाता है और अन्य स्थानीय प्रशासकों के साथ उस सपने को साझा करना, नगर परिषद के लिए चुने गए लोगों के साथ और भली इच्छा रखनेवाले के सभी नागरिकों के साथ सामाजिक देखभाल का एक सूचकांक है।"

उपनगर

उपनगर या सुदूर क्षेत्र येसु के बेतलेहेम के गौशाले में जन्म लेने और येरूसालेम के बाहर कलवारी में मृत्यु की याद दिलाता है। यह उपनगरों में सुसमाचार प्रचार का केंद्र होने का स्मरण दिलाता है। संत पापा ने कहा कि अक्सर पतित उपनगरों में त्रासदी का अनुभव किया जाता है जहाँ सामाजिक उपेज्ञा, हिंसा एवं बहिष्कार उत्पन्न होते हैं। उपनगर से शुरू करने का अर्थ किसी का बहिष्कार नहीं होता, यह एक प्रणाली का चुनाव है, यह किसी दृष्टिकोण का चुनाव नहीं है बल्कि गरीबों से शुरू करना है ताकि सभी के हित के लिए सेवा किया जा सके।  

हालांकि, संत पापा ने कहा कि उपनगरों एवं समाज के हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले लोगों की मदद करना काफी नहीं है, बल्कि उपनगरों (या गाँवों) को नये आर्थिक एवं सामाजिक मॉडल के प्रयोगशाला में बदलना है जिसमें व्यक्ति को काम और जीविका प्रदान करने के द्वारा हरेक व्यक्ति की प्रतिष्ठा सुनिश्चित की जा सके।     

सामाजिक शांति

संत पापा ने शांति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह तनाव का अभाव नहीं है, बल्कि एक नये प्रकार की मुलाकात की ओर अग्रसर होने की क्षमता एवं दूसरों के साथ सहअस्तित्व है। तनाव खतरनाक होता है यदि यह अपने आपमें बंद रहता।   

इस संबंध में उन्होंने गौर किया कि "संकट को संघर्ष से नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि संकट का सकारात्मक पक्ष है कि यह बदलाव एवं विकास का अवसर प्रदान करता है, हालांकि जब संकट संघर्ष में बदल जाता है एवं अपने आपमें बदल रहता है तो यह युद्ध में परिणत हो जाता है जिसमें आगे बढ़ने के लिए समाधान खोजने की संभावना नहीं होती।"

जिम्मेदारियों का पूरा करना

संत पापा ने अपने सम्बोधन में इटली के महापौरों को प्रोत्साहन दिया कि वे लोगों के करीब रहें तथा अपनी जिम्मेदारियों से भागने के प्रलोभन से बचें।

 

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05 February 2022, 15:28