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कार्डिनल लुईजी दी माजिस्त्रिस संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात करते हुए कार्डिनल लुईजी दी माजिस्त्रिस संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात करते हुए 

कार्डिनल दी माजिस्त्रिस के निधन पर पोप फ्राँसिस का शोक संदेश

संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल लुईजी दी माजिस्त्रिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इटली के कालियारी धर्मप्रांत के विश्वासियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है। कार्डिनल लुईजी दी माजिस्त्रिस का निधन 16 फरवरी को हुआ। वे 95 साल के थे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 फरवरी 2022 (रेई) ˸ संत पापा ने कालियारी के महाधर्माध्यक्ष जुसेप्पे बातुरी को एक तार संदेश भेजकर कार्डिनल लुईजी के निधन पर वहाँ के विश्वासियों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।

परिश्रमी एवं बुद्धिमान सहयोगी

उन्होंने लिखा है, "कार्डिनल लुईजी दी माजिस्त्रिस की मृत्यु की खबर सुन जो इसी महान देश के सुपुत्र हैं, मैं आपको, उनके परिवार एवं पुरोहितों तथा विश्वासियों को अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता और शोकित प्रियजनों को सांत्वना प्रदान करता हूँ।"

उन्होंने उनके कार्यों की याद करते हुए कहा कि उन्होंने पुरोहितीय उत्साह तथा पूर्ण समर्पण के साथ प्रभु तथा कलीसिया की सेवा की है। "मैं कृतज्ञता पूर्वक परमधर्मपीठ में उनकी उदार सेवा की याद करता हूँ जो मेरे पूर्वाधिकारियों के परिश्रमी एवं बुद्धिमान सहयोगी थे। मैं मेल-मिलाप हेतु उनकी प्रेरिताई के प्रति प्रेम को नहीं भूलता हूँ जिसको उन्होंने हमेशा बड़ी मेहनत से पूरा किया एवं आत्माओं की भलाई के लिए लोगों तक पहुँचे।"

संत पापा ने धन्य कुँवारी मरियम की मध्यस्थता द्वारा उनके लिए प्रभु से प्रार्थना की कि वे अपने इस विश्वासी सेवक को अपने स्वर्ग राज्य में प्रवेश पाने दें। अंत में उन्होंने दफन-क्रिया में भाग लेनेवाले सभी लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।  

कार्डिनल लुईजी की जीवनी

कार्डिनल लुईजी दी माजिस्त्रिस का जन्म इटली के कालियारी में 23 फरवरी 1926 को हुआ था। 12 अप्रैल 1952 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ था। 1 अक्टूबर 1958 को उन्होंने परमधर्मपीठ में एक सचिव के रूप में सेवा देना शुरू किया। फरवरी 1959 से उन्होंने विश्वास के सिद्धांत हेतु गठित धर्मसंघ में सेवा देना आरम्भ किया। 2 मई 1979 को वे प्रेरितिक प्रायश्चित के रिजेंट नियुक्त हुए।

6 मार्च 1996 को वे धर्माध्यक्ष नियुक्त हुए एवं 28 अप्रैल 1996 को पावन धर्माध्यक्षीय अभिषेक प्राप्त किया। उन्होंने दिव्य उपासना एवं संस्कारों के अनुष्ठान के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ, संत घोषणा के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ, लोकधर्मियों के सुसमाचार के लिए गठित धर्मसंघ, याजकों के धर्मसंघ एवं परमधर्मपीठीय आयोग "एक्लेसिया देई" में परामर्श दाता के रूप में सेवाएँ दीं। वे 14 फरवरी 2015 को कार्डिनल बनाये गये थे।

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17 February 2022, 15:37