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फ्राँस के काथलिक संघ "वोय एंसोम्बले" के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस फ्राँस के काथलिक संघ "वोय एंसोम्बले" के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

व्यक्ति सिर्फ दिल से अच्छी तरह देख सकता है, नेत्रहीनों के संघ से पोप

संत पापा फ्राँसिस ने फ्राँस के काथलिक संघ "वोय एंसोम्बले" (एक साथ देखें) के सदस्यों को प्रोत्साहन दिया कि वे नेत्रहीनों एवं देखने में असमर्थ लोगों के हित अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 19 फरवरी 2022 (रेई) "एक साथ देखें संघ के सदस्यों से संत पापा ने वाटिकन में मुलाकात की जो रोम की तीर्थयात्रा पर हैं। संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा कि उनका संघ कई नेत्रहीन एवं देखने में असमर्थ लोगों को एक साथ लेकर चलता है जो भ्रातृत्व में सुसमाचार के आनन्द को जीने के लिए एक साथ चलना चाहते हैं।

संत पापा ने कहा, "आपकी तीर्थयात्रा कलीसिया की एकता में, दिव्यांग की स्थिति में विश्वासियों की पूर्ण भागीदारी का चिन्ह है।" संत पापा ने येसु द्वारा जन्म से अंधे व्यक्ति को चंगा किये जाने पर चिंतन किया, जिससे प्रेरित होकर संघ का नामकरण किया गया है।

भाईचारा की भावना अपनाना

संत पापा ने कहा कि पहली चीज जिसपर गौर किया जा सकता है वह है येसु की नजर। यह एक ऐसी नजर है जो हमें मुलाकात करने, कदम उठाने, कोमलता और भ्रातृत्व की भावना रखने के लिए बुलाती है। येसु सिलोआम के कुंण्ड के पास पहुँचे, वहाँ उन्होंने एक व्यक्ति को देखा जो जन्म से अंधा था। वह व्यक्ति येसु से कुछ नहीं मांगा किन्तु येसु ने उसमें एक भाई को देखा जिसे मुक्त किया जाना और बचाया जाना था। संत पापा ने कहा कि प्रभु हमें कोमलता एवं मुलाकात की भावना में बढ़ने के लिए बुलाते हैं।

पूर्वाग्रह को दूर करना

दूसरी ओर शिष्य अपनी ही धारणाओं में दृढ़ थे और वे सोचते थे कि जन्म से अंधा व्यक्ति, पाप में जन्मा, ईश्वर द्वारा दण्डित तथा बहिष्कार की दृष्टि का गुलाम था।

संत पापा ने कहा, "पूर्वाग्रह की संस्कृति में, येसु इस तरह के दृष्टिकोण को पूरी तरह खारिज करते हैं। इसीलिए वे शिष्यों के सामने यह स्पष्ट करते हैं कि "न तो इस मनुष्य ने पाप किया है और न ही इसके माता-पिता ने" (यो.9,3) संत पापा ने कहा कि ये स्वतंत्रता, स्वागत एवं मुक्ति का शब्द हैं। दुर्भाग्य से आज हम चीजों के बाह्य रूप को देखने के आदी हैं, सिर्फ बाहरी आयाम को देखते हैं। हमारी संस्कृति बतलाती है कि लोग शारीरिक बनावट, कपड़े, सुन्दर मकान, कीमती कार, सामाजिक प्रतिष्ठा और धन से आकर्षित होते हैं। जबकि सुसमाचार हमें सिखलाती है कि आज भी बीमार या विकलांग व्यक्ति जो अपनी दुर्बलता और कमजोरी से शुरू करता, वह मुलाकात का केंद्र बन सकता है। येसु के साथ मुलाकात जो जीवन एवं विश्वास को खोल देता है,  कलीसिया एवं समाज में भाईचारा एवं सहयोग पूर्ण संबंध स्थापित कर सकता है।

पीड़ित व्यक्ति के प्रति उदासीन नहीं रहना

ख्रीस्त ने अंधे व्यक्ति को चंगा करते हुए पिता ईश्वर का कार्य सम्पन्न किया। वे अंधे व्यक्ति के पास गये, उनकी आँखों में मिट्टी लगायी और उसे सिलोआम के कुँड में भेजा। संत पापा ने कहा, "येसु का दिल पीड़ित लोगों के सामने उदासीन होकर नहीं रह सकता। वे हमें हमारे भाइयों के घावों को देखते हुए तुरन्त कदम उठाने, सांत्वना एवं चंगा करने के लिए बुलाते हैं। कलीसिया एक अस्पताल के समान है। कितने घायल लोगों को चंगा करने के लिए हमें हाथ बढ़ाने की जरूरत है।"

दिल से देखना

विराधाभास यह है कि अंधा व्यक्ति जिसने दुनिया की ज्योति से मुलाकात की, वह देखने लगा जबकि हम जो देखते हैं येसु से मुलाकात करने के बावजूद अंधे बने रहते हैं, देख नहीं पाते हैं। यह विरोधाभास कई बार हमारे जीवन एवं व्यवहार में भी दिखाई पड़ता है। संत एक्सुपेरी ने अपनी किताब द लिटल प्रिंस में लिखा है, "व्यक्ति सिर्फ दिल से अच्छी तरह देख सकता है, जो महत्वपूर्ण है वह आँख के लिए अदृश्य होता।" हृदय से देखने का अर्थ है दुनिया और अपने भाई-बहनों को ईश्वर की नजर से देखना। येसु हमें व्यक्तियों एवं चीजों को नवीकृत आँख से देखने का निमंत्रण देते हैं। हमें दूसरों के साथ हमारे संबंध को नये नजरिये से देखने के लिए प्रेरित करते हैं, खासकर, परिवार में, मानव कमजोरी, बीमारी और मृत्यु में। वे हमें इन चीजों को ईश्वर की नजर से देखने के लिए आमंत्रित करते हैं। विश्वास को कुछ ईशशास्त्रीय धारणाओं, परम्पराओं और रीति-रिवाजों तक सीमित नहीं किया जा सकता। यह एक संबंध है, येसु का अनुसरण करने का रास्ता, जो दुनिया एवं भाइयों को देखने के हमारे नजरिये को शुद्ध करता है।  

अपने जीवन द्वारा येसु का साक्ष्य देना

संत पापा ने कहा कि हम ख्रीस्तीय, ज्योति पाकर संतुष्ट नहीं रह सकते बल्कि हमें उस ज्योति का साक्ष्य देना है। (यो.1,8) जब फरीसी अपनी परम्परा और अपनी रूढ़िवादिता में बंद होने के कारण, जन्म से अंधे व्यक्ति को पापी कहकर उसकी निंदा की, येसु ने बड़ी सरलता एवं सहानुभूति से उसे चंगा किया।     

संत पापा ने कहा, "हम भी अपने जीवन से येसु का साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं, स्वागत एवं भ्रातृत्व प्रेम द्वारा।"

अंत में संत पापा ने "वोईर एंसेम्बल" (एक साथ देखें) संघ के सदस्यों को प्रोत्साहन दिया कि वे "एक साथ देखने" के रास्ते पर दिल से चलते रहें, अपने संस्थापक पादर युवेस मोल्लात के कैरिज्म के अनुसार फल लाते रहें।  

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19 February 2022, 15:33