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पोप फ्राँसिस का चालीसा संदेश ˸ अच्छाई के बीज बोयें

2022 के चालीसा काल के संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को निमंत्रण दिया है कि वे अच्छाई के बीज बोयें ताकि हम अपने लिए एवं दूसरों के लिए मुक्ति के फसल लुन सकेंगे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने 2022 के चालीसा काल के लिए अपने संदेश में गलातियों को लिखे संत पौलुस के पत्र पर चिंतन किया है। जिसमें वे गलातियों का आह्वान करते हुए कहते हैं, "हम भलाई करते-करते हिम्मत न हार बैठें ; क्योंकि यदि हम दृढ़ बने रहेंगे तो समय आने पर अवश्य फसल लुनेंगे। इसलिए जब तक हमें अवसर मिल रहा है हम सबों की भलाई करते रहें, विशेष रूप से उन लोगों की, जो विश्वास के कारण हमारे संबंधी हैं।” (गला. 6:9-10)

ईश्वर के सहकर्मी

बोने एवं लुनने की छवि से शुरू करते हुए संत पापा ने कहा कि "चालीसा काल हमें मन-परिवर्तन, मानसिकता में बदलाव का आह्वान कर रहा है ताकि जीवन की सच्चाई एवं सुन्दरता को लेने में नहीं बल्कि देने में, संचय करने में नहीं बल्कि बोने एवं अच्छाइयों को बांटने में पाया जा सके।"

उन्होंने कहा कि ईश्वर सबसे पहले मानव परिवार में प्रचूर मात्रा में अच्छाई बोते हैं चालीसा काल में हम भी ईश्वर के उपहार को, उनके वचनों को सुनने के द्वारा ग्रहण करने के लिए बुलाये जाते हैं ताकि यह हमारे जीवन में फल ला सके। इस तरह हम ईश्वर के सहकर्मी बनते हैं, जो ईश्वर की असीम भलाई को बांटने की कृपा है।  

फसल लुनना

जब हम अच्छाई एवं करुणा के बीज बोते हैं चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, हमारे जीवन में हम प्रकाश बनते तथा ख्रीस्त की खुशबू को दुनिया में फैलाते हैं। सुसमाचार की कहावत को याद करते हुए संत पापा ने कहा कि एक बोता है दूसरा लुनता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, फल जिसको हम बोते उसके सिर्फ छोटे अंश को देख पाते हैं (यो. 4:37) जब हम दूसरों की भलाई के लिए बोते हैं तब हम ईश्वर के परोपकारी प्रेम में सहभागी होते हैं। "दूसरों के लाभ के लिए अच्छाई बोना हमें संकीर्ण स्वार्थ से मुक्त करता है, हमारे कार्यों को उदारता से भर देता है, और हमें ईश्वर की परोपकारी योजना के शानदार क्षितिज का हिस्सा बनाता है।"

प्रार्थना, उपवास एवं दान

संत पापा ने चालीसा काल में प्रार्थना, उपवास एवं दान देने की परम्परा की याद दिलाते हुए कहा है कि "हम प्रार्थना करने से न थकें, इस बात पर गौर करते हुए कि हमें ईश्वर और पड़ोसियों की आवश्यकता है। हमारे जीवन से बुराई को उखाड़ फेंकने में हम शिथिल न हों। उपवास करें ताकि पाप के विरूद्ध संघर्ष करने में अपनी आत्मा को मजबूत कर सकेंगे, खासकर, पाप स्वीकार संस्कार एवं वासना के विरूद्ध संघर्ष करते हुए। आइये हम पड़ोसियों की उदारता पूर्वक मदद कर भलाई करने से हिम्मत न हारें, दूसरों को खुशी और उदारता से दें, खासकर, उन्हें जो बहुत अधिक जरूरत में हैं।   

संत पापा फ्राँसिस ने कहा है कि प्रत्येक वर्ष चालीसा के दौरान "हमें याद दिलाया जाता है कि 'अच्छाई, प्रेम, न्याय और एकजुटता, एक बार और हमेशा के लिए प्राप्त नहीं की जाती है; उन्हें हर दिन अभ्यास किया जाना है।'"

भलाई करने से न थकें

संत पापा ने अपने संदेश के अंत में कहा है कि जमीन, उपवास से तैयार की जाती है, प्रार्थना से सिंचित होती और उदार कार्यों से समृद्ध की जाती है। उन्होंने सभी विश्वासियों पुनः निमंत्रण दिया है कि हम अच्छाई के कार्य करने से कभी न थकें। उन्होंने इस बात पर विश्वास करने का निमंत्रण दिया है कि 'यदि हम हार नहीं मानते हैं, तो हम नियत समय पर अपनी फसल काटेंगे, और दृढ़ता के उपहार के साथ, हम अपनी मुक्ति और दूसरों की मुक्ति की प्रतिज्ञा को प्राप्त करेंगे।"

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24 February 2022, 16:12