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सन्त पापा फ्राँसिस बुधवारीय आम दर्शन के समय, 23. 02. 2022 सन्त पापा फ्राँसिस बुधवारीय आम दर्शन के समय, 23. 02. 2022  

बेहतर विश्व के लिये अमरीका के छात्रों को प्रोत्साहन

रोम समयानुसार गुरुवार सन्ध्या सन्त पापा फ्राँसिस ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका के छात्रों से मुलाकात की। लगभग दो घण्टों तक जारी यह ऑनलाईन मुलाकात शिकागो के येसु धर्मसमाजी लोयोला विश्वविद्यालय तथा लातीनी अमरीका की प्रेरिताई हेतु गठित परमधर्मपीठीय आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 25 फरवरी 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): रोम समयानुसार गुरुवार सन्ध्या सन्त पापा फ्राँसिस ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका के छात्रों से मुलाकात की। लगभग दो घण्टों तक जारी यह ऑनलाईन मुलाकात शिकागो के येसु धर्मसमाजी लोयोला विश्वविद्यालय तथा लातीनी अमरीका की प्रेरिताई हेतु गठित परमधर्मपीठीय आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।

गुरुवार सन्ध्या सम्पन्न उक्त ऑनलाईन कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, मेक्सिको, करीबिआई एवं केन्द्रीय अमरीकी देशों, ब्राज़ील तथा दक्षिण अमरीका के छात्रों ने सन्त पापा के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। इनमें आप्रवास सम्बन्धी चुनौतियों, शिक्षा, पर्यावरण, धारणीय विकास, आर्थिक न्याय एवं अखण्ड मानव विकास जैसे गम्भीर एवं महत्पूर्ण मुद्दे शामिल थे।

सेतुओं का निर्माण

छात्रों ने सन्त पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र  फ्रात्तेल्ली तूती  की भावना में उन नवीन तरीकों की खोज के विषय में प्रश्न किये जिनके ज्वारा विश्व में दीवारों के बजाय सेतुओं का निर्णाण कर तथा वार्ताओं को प्रोत्साहित कर विश्व को बेहतर बनाया जा सकता है।

शिकागो के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ब्लेज़ क्यूपिख ने उक्त मुलाकात के दौरान सन्त पापा का अभिवादन किया तथा छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने सन्त पापा को बताया कि उक्त सत्र में भाग लेनेवाले सभी छात्र विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं और मानविकी से लेकर विज्ञान तक के क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं तथा अपने अनुभवों को साझा कर विभिन्न परियोजनाओं पर एक साथ सहयोग करने के तौर तरीकों की खोज कर रहे हैं।  

सन्त पापा ने वार्ताओं को प्रमुखता देने तथा लोगों के बीच सेतुओं के निर्माण हेतु छात्रों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसा कर वे अपनी ख्रीस्तीय बुलाहट का प्रत्युत्तर दे रहे थे। उन्होंने वर्तमान युग में हो रहे गहन परिवर्तनों के प्रति ध्यान आकर्षित कराया, जो हम सबके समक्ष चुनौतियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं। सन्त पापा ने कहा कि इन चुनौतियों का उत्तर केवल मन से ही नहीं अपितु हृदय से तथा ठोस कार्यों द्वारा दिया जाना नितान्त आवश्यक है।  

आप्रवासियों की सेवा

सन्त पापा ने कहा कि इन चुनौतियों में प्रमुख है आप्रवास का मुद्दा और इस सन्दर्भ में छात्रों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण हो उठती है। उन्होंने कहा कि छात्र इन मुद्दों पर विचार विमर्श द्वारा लोगों में सेवा, सत्कार तथा एकात्मता के भावों को जागृत कर सकते हैं तथा उन भाइयों एवं बहनों को महान सेवा प्रदान कर सकते हैं जो   आर्थिक, राजनीतिक और यहां तक ​​कि धार्मिक कारणों से अपने घरों से पलायन करने लिये बाध्य होते हैं।

धनी एवं निर्धन लोगों के बीच बढ़ती खाई तथा जलवायु परिवर्तन के संकट पर बातचीत करते हुए छात्रों ने डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर तथा महात्मा गाँधी जैसी प्रतिभाओं द्वारा सम्पादित अंहिसक संघर्षों के मर्म को समझाये जाने की आवश्कता पर बल दिया।

दया, करुणा और कोमलता

संत पापा ने पर्यावरणीय मुद्दों के महत्व और पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता को स्वीकार किया। अहिंसा के बारे में, उन्होंने कहा कि हमें हमेशा प्रार्थना करनी चाहिए ताकि हम वैसे बन सकें जैसे ईश्वर हमारे साथ हैं: समीप, दयालु और कोमल।

उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि सभी कार्यों में ईश्वरीय करुणा और कोमलता हमारा मार्गदर्शन करे। हम अहिंसक तरीके से आज के पारिस्थितिक संकट में योगदान देने वाली प्राकृतिक दुनिया के खिलाफ़ कार्रवाई करने में सक्षम बनें। सन्त पापा ने कहा कि मैत्री एवं परस्पर सद्भावना के साथ जीने के लिये ईमानदारी एवं निष्कपटता को हासिल करना तथा पाखण्ड एवं ढोंग से दूर रहना आवश्यक है।  

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25 February 2022, 11:19