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लिथुआनिया में फंसे  प्रवासी लिथुआनिया में फंसे प्रवासी 

संत पापा द्वारा लिथुआनिया में फंसे प्रवासियों की सहायता

संत पापा फ्राँसिस ने कारितास विलनियुस को बेलारूस की सीमा से लगे लिथुआनिया में फंसे प्रवासियों की सहायता के लिए सहायता दान भेजा, कई लोग कठिन जीवन स्थितियों में हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 14 फरवरी 2022 (वाटिकन न्यूज) : समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने शनिवार को घोषणा की कि लिथुआनिया की पूर्वी सीमा के पास फंसे प्रवासियों की सहायता हेतु संत पापा फ्राँसिस ने लिथुआनिया में प्रेरितिक दूतावास के माध्यम से कारितास विलनियुस को 50,000 यूरो भेजा। एक बयान के अनुसार, संत पापा का सहायता राशि उनकी "आध्यात्मिक निकटता और पितृ प्रोत्साहन की भावना" की तत्काल अभिव्यक्ति है।

बयान में कहा गया कि भेजे गये धन को प्रवासियों के लिए दवाएं, खाद्य पदार्थ और गर्म कपड़े उपलब्ध कराने के लिए खर्च किया जाएगा, जिससे प्रवासियों को कड़ाके की ठंड की कठिन स्थिति का सामना करने में मदद मिलेगी।

 प्रवास संकट

2021 की गर्मियों में हजारों प्रवासियों ने बेलारूस से लिथुआनिया, पोलैंड और लातविया में प्रवेश किया, जिससे एक नए प्रवासन संकट की शुरुआत हुई।

यूरोपीय संघ ने बेलारूस के राष्ट्रपति पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के प्रतिशोध में प्रवासियों के प्रवाह को व्यवस्थित करने का आरोप लगाया। लिथुआनिया ने अपनी बेलारूस सीमा पर बाड़ लगा दी और प्रवासियों के लिए जल्दबाजी में बनाए गए स्वागत केंद्र खोले।

अधिकांश प्रवासी मध्य पूर्वी और अफ्रीकी देशों से हैं और कई स्वागत केंद्रों में महीनों से फंसे हुए हैं।

शिविरों में कठोर जीवन

लिथुआनिया की संसद ने जुलाई 2021 में एक कानून पारित किया जिसमें शरण चाहने वालों को छह महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति दी गई, जिसे बाद में एक साल तक के लिए बढ़ा दिया गया। कानून प्रवासियों को निर्वासित करने की भी अनुमति देता है, जबकि उनके शरण हेतु अपील पर विचार किया जा रहा है।

प्रवासी शिविरों में प्रवासियों के प्रति सैन्य कर्मियों के कठोर व्यवहारों के रिपोर्टे सामने आये हैं। शरण चाहने वाले खराब स्वास्थ्य स्थितियों की शिकायत करते हैं, जिसमें पीने के पानी की कमी, बहुत कम साबुन और कमरे को गर्म रखने की खराब व्यवस्था शामिल हैं।

संत पापा की चिंता

संत पापा फ्राँसिस ने क्षेत्र में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे प्रवासियों के लिए अक्सर अपना समर्थन व्यक्त किया है। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने बेलारूस के साथ पोलैंड की सीमा पर फंसे प्रवासियों की सहायता के लिए एक अलग दान भेजा।

अप्रैल में माल्टा की उनकी आगामी यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू यूरोपीय संघ में प्रवेश करने के इच्छुक प्रवासियों की खतरनाक दुर्दशा को उजागर करना होगा।

 

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14 फ़रवरी 2022, 16:24