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करुणा की जयन्ती करुणा की जयन्ती  

जुबली 2025 हेतु आधिकारिक प्रतीक चिन्ह की प्रविष्टियाँ आमंत्रित

नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति ने जुबली 2025 के लिए आधिकारिक प्रतीक चिन्ह के निर्माण हेतु एक प्रतियोगिता जारी की है जो सभी के लिए खुली है। प्रतियोगिता 22 फरवरी से शुरू होगी और 20 मई 2022 को समाप्त होगी।

उषा मनोरम ातिरकी- वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 22 फरवरी 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति को जयन्ती 2025 की तैयारी की जिम्मेदारी सौंपी है जिसका आदर्शवाक्य है, "आशा के तीर्थयात्री।"

जयन्ती मनाने हेतु कलीसिया में जब तैयारी शुरू हो रही है परमधर्मपीठीय समिति ने जुबली 2025 के लिए एक आधिकारिक प्रतीक चिन्ह के निर्माण हेतु एक प्रतियोगिता जारी की है जो सभी के लिए खुली है।  

पहचान एवं आध्यात्मिक विषयवस्तु के साथ एक प्रतीक चिन्ह

मंगलवार को जारी एक बयान में नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति ने कहा कि आधिकारिक प्रतीक चिन्ह का चुनाव "पहचान एवं प्रत्येक पवित्र वर्ष की विशेष आध्यात्मिक विषयवस्तु के साथ किया जाएगा, उस ईशशास्त्रीय अर्थ को स्वीकार करते हुए जिसके चारों ओर इस ऐतिहासिक घटना को विकसित और महसूस किया जा सके," जुबली की तैयारी के हिस्से के रूप में, रखी जानेवाली पहली गतिविधियों में से एक है।

इस संबंध में बयान में कहा गया है कि संत पापा के 11 फरवरी के पत्र जिसको उन्होंने परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष को लिखा था, कुछ प्रयोगात्मक विषयवस्तु हैं जिनसे प्रतीक चिन्ह के निर्माण हेतु विषयवस्तु मिल सकते हैं।

इसके अलावा, आदर्श वाक्य, "आशा के तीर्थयात्री" पसंदीदा विषय है जिससे प्रतिभागी प्रेरणा लेंगे।

बयान में कहा गया है कि जयन्ती वर्ष का प्रतीक चिन्ह सांकेतिक रूप से एक संदेश को तत्काल और उपयुक्त तरीके से व्यक्त करता है, और यह कलीसिया के संदेश की सर्वभौमिकता एवं हमारे समकालीनों की विशेष आध्यात्मिक आवश्यकताओं के बारे में, एक अभिव्यक्ति है जो इस संदेश से सांत्वना पाते तथा विषयवस्तु की आशा से प्रेरित होते हैं।

इसके अलावा, प्रतीक चिन्ह "उन पहलों, परियोजनाओं, संचारों और घटनाओं को आधिकारिक बनाता है जो जुबली 2025 की तैयारी एवं उत्सव के लिए प्रस्तावित की जाएंगी।"

जमा करने के नियम

परमधर्मपीठ ने इंगित किया है कि प्रतियोगिता में भाग लेनेवालों को उन नियमों एवं निर्देशों का पालन करना होगा, जिनमें चयन समिति में किसी की प्रविष्टि को चालू करने के लिए आवश्यक सभी जानकारी होती है।

अधिक जानकारी जयन्ती प्रतीक चिन्ह के वेबसाईट में दी गई है, जहाँ जल्द ही जमा करने का डिजिटल फाइल अपलोड करना संभव होगा।

जयन्ती वर्ष 2000 की याद करते हुए बयान में कहा गया है कि उस समय की प्रतियोगिता की विजेता थीं, 22 वर्षीय कला संस्थान की छात्रा।  

जयन्ती वर्ष

रोमन काथलिक कलीसिया की परम्परा में एक पवित्र वर्ष या जयन्ती वर्ष एक बड़ा धार्मिक अवसर है। यह पापों की क्षमा का वर्ष तथा दुश्मनों के बीच आपसी मेल-मिलाप, मन-परिवर्तन और एकात्मता का वर्ष है और सबसे बढ़कर ख्रीस्त का वर्ष है जो मानव को जीवन एवं वरदान प्रदान करते हैं।

इसे सिर्फ उद्घाटन, उत्सव मनाये जाने और समापन के कारण पवित्र वर्ष नहीं कहा जाता बल्कि इसलिए कि यह पवित्र जीवन जीने का प्रोत्साहन देता है।

एक जयन्ती "साधारण" रूप से 25 वर्षों की अवधि में मनायी जाती है और "असाधारण" जब किसी विशेष अवसर के उपलक्ष्य में घोषित की जाती है। पिछली साधारण जयन्ती 2000 में मनायी गई थी जबकि असाधारण जयन्ती 2015 में संत पापा फ्राँसिस द्वारा करुणा की असाधारण जयन्ती घोषित किये जाने पर मनायी गई थी। आगामी जयन्ती साधारण जयन्ती के 25 वर्षों बाद मनायी जायेगी।

 

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22 February 2022, 16:41