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कलीसिया के भविष्य पर संत पापा फ्राँसिस के विचार

इतालवी टेलीविजन कार्यक्रम "के टेम्पो के फा" में संत पापा फ्राँसिस ने फाबियो फ़ाज़ियो के साथ बातचीत की है, जिसमें उन्होंने कलीसिया और विश्व के भविष्य पर प्रकाश डालते हुए, मानव को सब कुछ के केंद्र में रखे जाने पर बल दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कहा है कि दुनिया के भविष्य में, जैसा कि विश्व पत्र "फ्रातेल्ली तूत्ती" में दर्शाया गया है, अर्थव्यवस्था एवं विकल्पों के केंद्र में मानवता होनी चाहिए। यह एक प्राथमिकता है जिसको उन्होंने कई देशों के नेताओं के साथ साझा किया है जिनके पास अच्छे विचार हैं। हालांकि, इसमें राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थिति के साथ टकराव होता है, जो अच्छे मतलबों का अंत कर देता है। यह एक छाया है जो समाज, जनता एवं जिम्मेदार लोगों पर दबाव डालता है। इसके बाद बहुत सारे समझौते करने पड़ते हैं।      

कलीसिया का भविष्य

कलीसिया के भविष्य पर पोप फ्राँसिस ने संत पापा पौल छटवें द्वारा प्रेरितिक प्रबोधन "एवंजेली नूनसियांदी" में उल्लिखित कलीसिया की छवि की याद की है, जिससे उन्होंने खुद अपने प्रेरितिक प्रबोधन "एवंजेली गौदियुम" के लिए प्रेरणा प्राप्त की है जिसके अनुसार "कलीसिया तीर्थयात्रा पर है।"

उन्होंने कहा कि "आज कलीसिया जिस बड़ी बुराई का सामना कर रही है वह है 'आध्यात्मिक दुनियादारी' जो एक खराब चीज - याजकवाद को विकसित करती है जो कलीसिया की विकृति है।" संत पापा ने कहा कि याजकवाद की नींव कठोरता या अकड़ता में होती है, और हर तरह की कठोरता के नीचे सड़न है। आज कलीसिया में कुरूप चीजों के बीच अकड़पन, वैचारिक रूप से कठोर स्थिति है जो सुसमाचार का स्थान ले रही है।

प्रेरितिक मनोभाव के बारे में उन्होंने दो चीजों का जिक्र किया ˸ पेलाजियनवाद और नोस्टीसिज्म। जो विश्वास करते हैं वे अपनी ही शक्ति पर आगे जा सकते हैं। जबकि कलीसिया ईश्वर की शक्ति, ईश्वर की दया एवं पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से आगे चलती है। संत पापा ने नोस्टीस्ज्म को एक तरह का रहस्यवाद कहा जो बिना ईश्वर के, खाली आध्यात्मिकता है।  

संत पापा ने कहा, "ख्रीस्त के शरीर के बिना समझना मुश्कित है, उनके मांस के बिना मुक्ति संभव नहीं है। हमें फिर से केंद्र की ओर लौटना है, 'शब्द ने शरीरधारण किया।'" कलीसिया का भविष्य क्रूस की मूर्खता, शब्द के शरीरधारण में निहित है।

प्रार्थना

संत पापा ने प्रार्थना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "प्रार्थना करना उस बालक के समान होना है जो अपने में सीमित एवं शक्तिहीन महसूस करता है। बच्चे के समान पापा, मम्मी पुकारना है। प्रार्थना का अर्थ अपनी कमजोरियों, जरूरतों अपने पापों... को पहचाना है।" हम ख्रीस्तियों के लिए प्रार्थना पिता के साथ मुलाकात है।  

बालक अपने पिता के उत्तर का इंतजार नहीं करता, जब पिताजी उत्तर देना शुरू करता है तो वह दूसरा सवाल करता है। बच्चा चाहता है कि पिता की नजर उसपर रहे। वह उत्तर पर अधिक ध्यान नहीं देता, बल्कि पिता की नजर पर ध्यान देता है जो उसे सुरक्षा प्रदान करता है। प्रार्थना कुछ इसी तरह है।

 मित्र

मिस्टर फाजियो ने संत पापा फ्राँसिस के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित सवाल भी किये। उन्होंने पूछा कि "क्या आप एकाकीपन महसूस करते हैं? क्या आपके सच्चे मित्र हैं?"

संत पापा ने इसका उत्तर साकारात्मक रूप में देते हुए कहा, "जी हाँ, मेरे मित्र हैं जो मेरी मदद करते हैं, वे मेरे जीवन को एक सामान्य व्यक्ति की तरह जानते हैं – मैं बिलकुल सामान्य व्यक्ति नहीं हूँ, मुझमें असामान्यताएँ भी है और वे उसे अच्छी तरह जानते हैं। मेरी अपनी असामान्यताएँ हैं, एक साधारण व्यक्ति की तरह मित्र हैं; और मैं अपने मित्रों के साथ रहना पसंद करता हूँ, कभी-कभी अपनी चिंताओं को उन्हें बतलाना, उन्हें सुनना चाहता हूँ, इस तरह मुझे सचमुच मित्रों की जरूरत है। यही एक कारण है जिसके लिए मैं पोप के आवास में नहीं गया, संत पापागण जो मुझसे पहले वहाँ रहे, वे संत थे, मैं संत नहीं हूँ। मुझे मानवीय संबंधों की जरूरत है, यही कारण है कि मैं संत मर्था में रहता हूँ, जहाँ सभी लोगों से बातचीत किया जा सकता है, मित्रों को पाया जा सकता है। यह मेरे लिए एक आसान जीवन है। मैं दूसरों के समान महसूस नहीं करता, मुझमें शक्ति नहीं है और मित्रता मुझे बल प्रदान करती है। मुझे सचमुच मित्रों की आवश्यकता है। उनकी संख्या अधिक नहीं है किन्तु वे सच्चे मित्र हैं।"  

संत पापा ने अपनी प्रतिज्ञा की भी याद की, जिसमें उन्होंने 16 जुलाई 1990 को कार्मेल की माता मरियम से टेलीविजन नहीं देखने के लिए की थी। उन्होंने कहा, "मैं टेलीविजन नहीं देखता किन्तु इसलिए नहीं कि मैं इसकी निंदा करता हूँ।" उन्होंने अपने संगीत प्रेम के बारे भी बतलाया, खासकर, शास्त्रीय संगीत। उन्होंने अपने विनोदी भावना का भी जिक्र किया, जिसके बारे कहा कि यह एक दवाई है जो बहुत अच्छा करता है।  

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08 February 2022, 16:22