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ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें 

रतज़िंगर ˸ शर्म, दुःख, सारे दिल से क्षमा की याचना

म्यूनिक के विश्वासियों को लिखे पत्र में ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने बाल यौन दुराचार के संबंध में अपने लिए संकेत लेते हुए इन शब्दों में कहा है, "मेरे भारी कसुर से" जिसको मिस्सा बलिदान में दुहराया जाता है ˸ "हम सभी खुद यह भारी गलती कर बैठते हैं जब कभी हम इसे दरकिनार करते या आवश्यक निर्णायकता और जिम्मेदारी के साथ इसका सामना करने में विफल होते हैं।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 8 फरवरी 2022 (रेई) ˸ ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने 20 जनवरी को म्यूनिक एवं फ्रेइसिंग महाधर्मप्रांत में दुराचार के रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, एक पत्र द्वारा रिपोर्ट का जवाब दिया है। पोप बेनेडिक्ट 16वें करीब पाँच वर्षों तक जर्मनी में म्यूनिक एवं फ्रेइसिंग के महाधर्माध्यक्ष रहे थे। उन्होंने लिखा कि "मैं अपने आपको म्यूनिक महाधर्मप्रांत का बहुत अधिक हिस्सा मानता एवं उसे अपना घर समझता हूँ।"

पत्र के पहले भाग में ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने उन लोगों को धन्यवाद दिया है जिन्होंने डॉक्यूमेंट की सामग्री की जाँच करने तथा आयोग को भेजने के लिए उत्तर तैयार करने में सहयोग दिया है। जैसा कि उन्होंने हाल में किया था उस भूल के लिए माफी मांगी है जिसको उन्होंने बिल्कुल अनजाने में, 15 जनवरी 1980 की सभा में उपस्थित होकर की थी, जिसमें एक ऐसे पुरोहित को धर्मप्रांत में स्वीकार करने का निर्णय लिया गया था जिसे उपचार की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा है कि मेरे लिए यह दुखदायी रहा कि इस चूक का इस्तेमाल मेरी सच्चाई पर संदेह करने और मुझे झूठा करार देने के लिए किया गया। उन्होंने संत पापा फ्राँसिस के प्रति उनके भरोसे, समर्थन और प्रार्थना के लिए आभार व्यक्त किया है।     

पत्र के दूसरे भाग में पोप बेनेडिक्ट 16वें ने कहा है कि वे इस बात से प्रभावित हुए कि कलीसिया प्रतिदिन पावन मिस्सा बलिदान के केंद्र में "हमारे पापों को स्वीकार करने एवं उसके लिए क्षमा याचना को" केंद्र में रखती है। हम सार्वजनिक रूप से हमारे कसूरों, हमारे भारी कसूरों के लिए ईश्वर से क्षमायाचना करते हैं।" यह स्पष्ट है कि "शब्द "भारी कसूर" हर दिन और हर व्यक्ति के लिए एक समान लागू नहीं होता। फिर भी हर दिन हम ऐसा करते हैं, जो मुझसे सवाल करता है कि क्या आज मुझे भी इस भारी कसूर के बारे बोलना है। और वे दिलासा के साथ बतलाते हैं कि आज मेरे अपराध कितने ही भारी क्यों न हों, प्रभु मुझे क्षमा करते हैं, यदि मैं ईमानदारी पूर्वक उन्हें मेरा जाँच करने देता और सचमुच मन-परिवर्तन के लिए तैयार होता हूँ।"  

उसके बाद जोसेफ रतज़िंगर ने याजकों द्वारा दुराचार के शिकार लोगों के साथ सीधे बातचीत की याद की। उन्होंने कहा, "पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार के शिकार लोगों से मेरी सभी मुलाकातों में, खासकर, कई प्रेरितिक यात्राओं के दौरान हुईं, मैंने इस भारी कसूर के प्रभाव को खुद देखा है और मैं समझ गया हूँ कि हम खुद इस भारी कसूर में शामिल हैं, जब कभी हमने इसे दरकिनार किया है या आवश्यक निर्णायकता और जिम्मेदारी के साथ इसका सामना करने में असफल हुए हैं, जैसा कि अक्सर होता है और हो रहा है।"       

सेवानिवृत संत पापा ने कहा है कि उन मुलाकातों की तरह, मैं सभी यौन दुराचार से पीड़ित लोगों से पुनः अपना लज्जा व्यक्त करता हूँ, गहरा दुःख व्यक्त करता एवं दिल से क्षमा याचना करता हूँ। काथलिक कलीसिया में मेरी बड़ी जिम्मेदारी रही है। मेरे परमाध्यक्षीय काल में उन अलग-अलग जगहों पर हुई गलतियों और त्रुटियों के लिए मेरा दर्द उतना ही बड़ा है। हर दुराचार का मामला भयानक और अपूरणीय है। पीड़ितों के प्रति मेरी गहरी सहानुभूति है और मैं प्रत्येक के प्रति गहरा दुःख महसूस करता हूँ।

पोप बेनेडिक्ट 16वें ने कहा है कि मैं अधिक से अधिक ख्रीस्त के विरोध एवं डर को समझता हूँ जिसको उन्होंने जैतून पहाड़ पर महसूस किया था, जब उन्होंने भयावाह चीज को देखा, जिसे उन्हें पार होना था। दुखद बात ये है कि उस समय में उसके शिष्य सो गये थे, यही स्थिति आज भी है। जिसका उत्तर देने के लिए मैं भी बुलाया गया महसूस करता हूँ। अतः मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूँ एवं सभी दूत-संतों और आप सभी भाई-बहनों से यही याचना करता हूँ कि आप मेरे लिए प्रभु ईश्वर से प्रार्थना करें।     

ससम्मान संत पापा ने अपने पत्र के अंत में लिखा है, "जल्द ही मैं, अपने आपको जीवन के अंतिम न्याय के सामने पाऊँगा। जब मैं अपने लम्बे जीवन को पीछे मूड़ कर देखता हूँ यद्यपि भय और कांपने के बड़े कारण हैं, तथापि मैं दिलासा महसूस करता हूँ क्योंकि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रभु न केवल सच्चे न्यायकर्ता हैं बल्कि मित्र और भाई भी हैं, जिन्होंने खुद मेरी कमजोरियों के लिए दुःख सहा है, अतः वे मेरे वकील, मेरे सहायक भी हैं। न्याय की घड़ी के आलोक में, ख्रीस्तीय होने की कृपा मेरे लिए अधिक स्पष्ट हो जाती है। यह मुझे ज्ञान प्रदान करती और मेरे जीवन के न्यायधीश के साथ, मित्र बनकर साथ देती और इस प्रकार मुझे मौत के अंधेरे द्वार से पार होने का साहस प्रदान करती है।"     

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08 February 2022, 16:57