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सूडान में तख्तापलट के बाद प्रदर्शन सूडान में तख्तापलट के बाद प्रदर्शन 

सूडान में जारी तनाव के बीच पोप द्वारा शांति की अपील

सूडान में सैनिक शासन को समाप्त करने की मांग के साथ खार्तूम की सड़कों पर प्रदर्शन के बीच, संत पापा फ्राँसिस ने दोनों दलों से मेल-मिलाप एवं शांति की खोज करने की अपील की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सूडान, मंगलवार, 11 जनवरी 2022 (वीएनएस)- अक्टूबर में हुए तख्तापलट के विरोध में सूडान में प्रदर्शन जारी है जहाँ प्रदर्शनकारी फौज से मांग कर रहे हैं कि वे लोकतंत्र की ओर लौटें।

सुरक्षा बल ने राजधानी खार्तूम में रविवार को एक प्रदर्शनकारी को मार दिया। सूडान के डॉक्टरों की समिति ने कहा कि व्यक्ति की मौत उसके गले में आँसू गैस के कनस्तर लगने से हुई। उसकी मौत ने 25 अक्टूबर को तख्तापलट के बाद से मरनेवालों की कुल संख्या 62 कर दी है।    

पोप की चिंता

संत पापा ने इस आंतरिक तनाव के लिए अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सभी पक्षों के लोगों से अपील की है कि वे एक स्पष्ट मुलाकात के माध्यम से पुनः मेल-मिलाप और शांति के रास्ते की खोज करें, जिसमें लोगों की जरूरतों को सबसे ऊपर रखा जाए।

संत पापा ने यह बात सोमवार को उस समय कही जब वे राजनयिक कोर से मिले।

वार्ता हेतु प्रयास

पोप की यह अपील विपक्षी समूहों और सत्तारूढ़ जनरलों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित पहल शुरू होने के ठीक पहले आयी है।

सूडान के लिए यूएन के राजदूत ने शनिवार को एक सभा की मेजबानी की ताकि देश में लोकतंत्र एवं शांति की ओर बढ़ने हेतु सतत् रास्ता खोजा जा सके।  

यूएन प्रतिनिधि वोल्कर पार्थेस ने कहा कि सभी दल निमंत्रित होंगे, जिनमें, सैनिक, विद्रोही दल, राजनीतिक पार्टी और प्रदर्शनकारी शामिल होंगे। उनके साथ महिलाओं और नागरिक समाज के दल भी उपस्थित होंगे।

वार्ता का विरोध

हालांकि, रविवार को सूडान के एक प्रदर्शनकारी दल ने यूएन समर्थित पहल का बहिष्कार किया।

सूडानी व्यवसायी संघ ने वार्ता में भाग लेने से इनकार करते हुए कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य जनरलों को सत्ता से हटाना था।

संघ ने कहा कि वह पूरी तरह से एक असैनिक सरकार की खोज कर रही है जो लोकतांत्रिक रूप से शासन करे और उसका आदर्श वाक्य हो, : "सैनिक के साथ न बातचीत, न समझौता, न सत्ता-साझा हो।"

संघ ने 2019 में लंबे समय तक शासन करनेवाले उमर अल-बशीर और उनकी इस्लामी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नेतृत्व किया था।

सेना द्वारा अल-बशीर को बाहर करने से एक नागरिक-सेना सत्ता-साझाकरण समझौता हुआ, जिसे 2022 में चुनावों का नेतृत्व करना था।

लेकिन पिछले साल के तख्तापलट ने सूडान में लोकतंत्र के शांतिपूर्ण बदलाव की कई उम्मीदों को खत्म कर दिया।

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11 January 2022, 15:32