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लेओन के धर्माध्यक्ष, संत इरेनियुस लेओन के धर्माध्यक्ष, संत इरेनियुस  

संत इरेनियुस कलीसिया के धर्माचार्य बनेंगे

संत पापा फ्राँसिस ने संत इरेनियुस के लिए कलीसिया के धर्माचार्य (डॉक्टर) की उपाधि तथा संत घोषणा के रास्ते पर तीन उम्मीदवारों के वीरोचित सदगुणों को अनुमोदन दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 जनवरी 2022 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को संत प्रकरण के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल मर्चेल्लो सेमेरारो से मुलाकात की तथा उन्हें कार्डिनलों एवं धर्माध्यक्षों की आमसभा के विचार अनुसार, संत इरेनियुस को विश्वव्यापी कलीसिया के धर्माचार्य घोषित करने का अनुमोदन दिया।

संत पापा ने इस मकसद की घोषणा पिछले अक्टूबर को ही वाटिकन में संत इरेनियुस ऑर्थोडॉक्स काथलिकों संयुक्त कार्य दल से मुलाकात के दौरान की थी।   

उस अवसर पर उन्होंने संत इरेनियुस को पूर्वी एवं पश्चिमी ख्रीस्तियों के बीच एक महान आध्यात्मिक एवं ईशशास्त्रीय सेतु कहा था।  

वीरोचित सदगुण

बृहस्पतिवार को पोप फ्राँसिस ने वीरोचित सदगुणों के लिए 3 उम्मीदवारों की अज्ञप्तियों को भी अनुमोदन दिया। उनके नाम इस प्रकार हैं –

ईश सेवक फ्राँचेस्को सावेरियो टोप्पी, पोम्पेई के महाधर्माध्यक्ष और फ्रायर मायनर कपुचिन के सदस्य। उनका जन्म 1925 को इटली के ब्रुशियानो में हुआ था और निधन 2007 में इटली के नोला में हुआ।

ईश सेविका मरिया तेरेसा दी भिंचेंती, पवित्र हृदय की लिटल वर्क्रस के धर्मसमाज की संस्थापिका। उनका जन्म 1872 में इटली के अक्री में हुआ था और निधन 1936 में उसी स्थान में हुआ।

ईश सेविका गाब्रिएला बोरगारिनो, चैरिटी की पुत्रियों के धर्मसंघ की सदस्य। उनका जन्म 1880 में इटली के बोवेस में हुआ था और निधन 1949 को इटली के लुसेरना में हुआ।

विदित हो कि वीरोचित सदगुणों को पहचान मिलना संत घोषणा के रास्ते पर पहला चरण है। जिन लोगों ने वीरोचित सदगुणों का अभ्यास किया है उन्हें "सम्मानित" (वेनेरेबल) घोषित किया जाता है और उन्हें "ईश सेवक" पुकारा जाता है।  

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20 January 2022, 16:59