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इटली के भवन–निर्माण राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के साथ संत पापा फ्रांँसिस इटली के भवन–निर्माण राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के साथ संत पापा फ्रांँसिस  (Vatican Media)

पोप ˸ मजदूर व्यक्ति होते हैं, संख्या नहीं

संत पापा फ्राँसिस ने इटली के भवन–निर्माण राष्ट्रीय संघ के 55 सदस्यों से वाटिकन में मुलाकात की तथा उनके काम के महत्व पर बातें करते हुए, सभी के लिए कार्य स्थल की सुरक्षित स्थित की आवश्यकता पर जोर दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 जनवरी 2022 (रेई)- भवन–निर्माण के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों ने कुछ महीनों पहले, संघ की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ मनायी है। संत पापा ने कहा कि यह इतिहास की याद करने का अवसर है जो इटली में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के समय की याद दिलाती है। भवन –निर्माण के राष्ट्रीय संघ का जन्म 1946 में हुआ था जो एक उद्यमी संघ हैं और जो निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे किसी भी आकार की इतालवी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।

संत पापा ने गौर किया कि इस समय संघ भी कठिन दौर से गुजर रहा है। अतः इस समय प्रेरणा एवं स्थापना के विकल्प की ओर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। संत पापा ने उनके कार्यों के अनुरूप सुसमचार की शिक्षा की याद दिलाते हुए कहा कि सुसमाचार बतलाता है कि येसु ने शिक्षा देने के लिए भवन –निर्माण के प्रतीक का प्रयोग किया था। उदाहरण के लिए संत लूकस रचित सुसमचार का अध्याय 6 (पद 46-49) जहाँ येसु उन लोगों के ढोंगी एवं आलसी व्यवहार को प्रकट करते हैं जो सिर्फ बोलते, करते नहीं। भवन–निर्माण करनेवालों की बुद्धिमानी का उदाहरण देते हुए वे ढोंगी लोगों की तुलना बालू में बिना नींव के घर बनानेवालों से करते हैं, लेकिन फिर वे उन भवन निर्माणकर्ताओं की ओर इंगित करते हैं जो नदी के किनारे घर बनाते और जानते हैं कि घर बाढ़ में न बह जाए।  

"जो मेरे पास आकर मेरी बातें सुनता, जानते हो वह किसके सदृश्य है वह उस मनुष्य के सदृश्य है जो घर बनाते समय गहरा खोदता और उसकी नींव चट्टान पर डालता है।" (47-48) यह छवि और भी रोचक है यदि हम गौर करें कि निर्माता न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के संभावित बाढ़ को भी सोचकर निर्माण किया।

येसु की शिक्षा में विश्वासी वह है जो अपने आपको ख्रीस्तीय दिखाने तक सीमित नहीं रहता बल्कि एक ख्रीस्तीय के रूप में प्रभावशाली ढंग से कार्य करता है। यह "कार्य सुसंगतता" उसे अपने आपका निर्माण करने देता है न केवल जीवन के सामान्य समय में बल्कि कठिन समय में भी। इसका अर्थ यह भी है कि विश्वास हमें चीजों से नहीं बचाता हालांकि भले कार्यों द्वारा साथ देता, बल प्रदान करता एवं सक्षम बनाता है। संत पापा ने कहा कि यही कारण है कि उन मूल्यों की रक्षा की जानी चाहिए जो दैनिक जीवन में संघ के सदस्यों को प्रेरित करता है।

प्रतिस्प्रद्धा एवं पारदर्शिता

संत पापा ने कहा कि प्रतिस्पर्धा केवल काफी नहीं है। बाजार के उपयोगितावादी तर्क के अनुसार यह विपक्ष पर इतना दबाव डाल सकता है कि दूसरा को बाहर कर दे। प्रतिस्पर्धा को बेहतर और अच्छा करने के लिए एक प्रोत्साहन होना चाहिए, न कि हावी होने और बाहर करने की इच्छा। यही कारण है कि निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और आर्थिक विकल्पों में पारदर्शिता मौलिक है। यह अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोकने में मदद देता है जिसका अर्थ, आर्थिक और रोजगार के क्षेत्र में अक्सर नौकरी छूटना, अघोषित काम के लिए समर्थन या कम वेतनवाला काम होता है। इस तरह, हम भ्रष्टाचार के उन रूपों का पक्ष लेते हैं जो अवैधता और अन्याय की उथल-पुथल को बढ़ाते हैं।

जिम्मेदारी एवं स्थिरता

स्थिरता की बात पहले कभी इतनी अधिक नहीं हुई थी जितनी इस समय की जा रही है, यह हर पारिस्थितिकी तंत्र के पुनःउत्पादन क्षमता पर सवाल कर रहा है। निर्माण विभाग में उन सामग्रियों का प्रयोग महत्वपूर्ण है जो लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही हमें पर्यावरण के शोषण से दूर रखते हैं। इसके लिए प्रत्येक कंपनी अपना जिम्मेदार योगदान दे ताकि काम टिकाऊ हो।  

इसके अलावा, स्थिरता का अर्थ है स्थान की सुन्दरता एवं संबंधों की गुणवत्ता। संत पापा ने शहरी क्षेत्र एवं मानव व्यवहार पर प्रेरितिक पत्र लौदातो सी का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग भवन, पड़ोसी, सार्वजनिक स्थल एवं शहरों का निर्माण करते हैं उन्हें कई अनुशासनों की जरूरत है जो प्रक्रिया, प्रतीकवाद और व्यक्ति के व्यवहार को समझने में मदद देता है। उन्होंने कहा कि परियोजना में सुन्दरता खोजना काफी नहीं है क्योंकि एक अलग प्रकार की सुन्दरता का निर्माण अधिक महत्वपूर्ण है और वह है लोगों के जीवन की गुणवत्ता, पर्यावरण के साथ उनका सामंजस्य, मुलाकात एवं आपसी मदद आदि। आपका काम समुदायों को एकजुटता, सहयोग और पारस्परिक सहायता के बंधन को मजबूत करने में मदद करे।

नैतिक, वैध और सुरक्षा

संत पापा ने भवन निर्माण संघ को सम्बोधित करते हुए श्रमिकों की सुरक्षा पर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल काम करते हुए कई लोगों की मौत हो गई। भवन निर्माण के दौरान भी कई त्रासदियाँ हुई हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। संत पापा ने कहा, "सच्चा धन व्यक्ति है, उसके बिना कोई श्रमिक समुदाय का निर्माण नहीं किया जा सकता, न ही व्यवसाय अथवा अर्थव्यवस्था ही। कार्यस्थल की सुरक्षा का अर्थ है मानव संसाधनों की रक्षा करना जो ईश्वर और सच्चे उद्यमी की नजरों में मूल्यवान हैं।" सुरक्षित रूप से कार्य करना हरेक को अपनी दैनिक रोटी अर्जित करते हुए अपने आपको बेहतर रूप से प्रस्तुत करने का अवसर देता है। हम जितना अधिक काम का कद्र करते हैं उतना ही अधिक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और सुंदरता में वृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।  

संत पापा ने उनके लिए संत जोसेफ की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना की तथा उन्हें अपने प्रार्थना का आश्वासन दिया।

 

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20 January 2022, 16:42