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धर्मसंघ की महासभा में भाग ले रहे थेयातिनियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस धर्मसंघ की महासभा में भाग ले रहे थेयातिनियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

थेयातिनियों से पोप ˸ सुसमाचार व करुणा के कार्यों का साक्ष्य देने में दृढ़ बने रहें

संत पापा फ्राँसिस ने 15 जनवरी को ऑर्डर ऑफ क्लेरिक्स रेगुलर (थेयातिनी) के 40 सदस्यों से वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की, जिन्होंने धर्मसमाज की महासभा में भाग लिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 15 जनवरी 2022 (रेई)- संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे पवित्र आत्मा के प्रति खुले, प्रार्थना, आराधना, सामुदायिक जीवन, भ्रातृप्रेम एवं गरीबों की सेवा में दृढ़ बने रहें।  

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को ऑर्डर ऑफ क्लेरिक्स रेगुलर थेयातिनी के सदस्यों से उनकी महासभा के बाद मुलाकात की। संत कजेतन जॉनपियेत्रो काराफा (बाद में पोप पौल चौथे), कोले के बोनिफस एवं पाऊलो कोनसिलिएरी ने ऑर्डर ऑफ क्लेरिक्स रेगुलर की स्थापना 1524 में की है। जिनका उद्देश्य है पुरोहितों के एक दल का निर्माण करना जो सुसमाचार को निष्ठापूर्वक जीयें, कलीसियाई नियमों पर ध्यान दे तथा भ्रातृप्रेम के जीवन को तीन सुसमाचारी सलाहों के साथ जीयें।

संत पापा ने ऑर्डर के सदस्यों से मुलाकात उनके धर्मसंघ की 164वीं महासभा के अवसर पर की तथा याद किया कि उन्होंने इतिहास के इस लम्बे समय में ईश्वर के कार्यों के लिए योगदान दिया है। महासभा की विषयवस्तु पर गौर करते हुए संत पापा ने सराहना की कि उन्होंने "मिशन" और दुनिया में सुसमाचार का प्रचार करने हेतु "बाहर जाने" जैसे विषयों पर जोर दिया है, ताकि हरेक ख्रीस्तीय व्यक्ति एवं समुदाय इसमें भाग ले सके तथा आध्यात्मिक जीवन में सुदृढ़ हो सके एवं उसे उदार कार्यों द्वारा प्रकट कर सके।  

संत, "जीवित सुसमाचार" के समान

संत कजेतन के साक्ष्य की प्रशंसा करते हुए जो व्यक्तिगत पवित्रता के लिए प्रेरित हुए एवं कलीसिया के सुधार को योगदान दिया, संत पापा ने कहा कि उन्होंने मार्गदर्शन दिया है वे एक "जीवित सुसमाचार" हैं जो हमें व्यक्ति एवं सामुदायिक यात्रा में आगे बढ़ने में मदद देते हैं।  

यह साक्ष्य येसु ख्रीस्त की ओर इंगित करता है जिनका अनुसरण करने के लिए हम सभी बुलाये गये हैं। जबकि हम उन संतों से सीख सकते हैं और उनका अनुकरण कर सकते हैं जिन्होंने स्वयं अपनी ख्रीस्तीय बुलाहट को जीने के लिए आध्यात्मिक गतिशीलता के साथ विभिन्न तरीको को खोजा। संत पापा ने कहा कि चुनौती है इस साक्ष्य को हमारे आधुनिक विश्व में किस तरह बदला जाए। उन्होंने थेयातिनियों की सराहना की कि वे आज की चुनौतियों का प्रत्युत्तर देते हुए अपने कैरिज्म को जी रहे हैं जबकि वे अपनी पहचान में गहराई से स्थापित हैं।  

पहचान पर ध्यान

पहचान पर ध्यान देने की याद दिलाते हुए संत पापा ने संत कजेतन के एक विचार को प्रस्तुत किया कि सुधार को अपने आप से शुरू होना है। संत पापा ने संत कजेतन के जीवन के आरम्भिक अनुभवों की याद की जब उन्होंने उस समय में बहुत अधिक आध्यात्मिक एवं नैतिक पतन का अनुभव किया था। तब उन्होंने अपनी प्रार्थना एवं आध्यात्मिक प्रशिक्षण में सुधार लाना शुरू किया था, उसके बाद रोगियों की सेवा की प्रेरिताई के लिए अस्पताल गये थे। संत पापा ने कहा कि ये कलीसिया के सच्चे सुधार हैं, जब वे खुद अपने जीवन को देखते हैं तथा सुसमाचार को अधिक गहराई से जीने की कोशिश करते हैं, साथ ही दूसरों तक पहुँचते एवं उनकी यात्रा में मदद करते हैं।  

एकता में जीना

दूसरा लक्ष्य जिसपर थेयातिनी विचार कर रहे हैं वह है एक साथ। संत पापा ने संत कजेतन के साक्ष्य की याद की कि वे अकेले आगे नहीं बढ़े, बल्कि उसी मिशन के साथ रेगुलर क्लेरिक्स के एक समुदाय की स्थापना की जो सुसमाचार को जीये एवं प्रथम प्रेरितों का अनुकरण करे। संत पापा ने कहा कि इस सामुदायिक जीवन को जीने के उत्तम उदाहरण मौजूद हैं। ख्रीस्तीय सामुदायिक जीवन एक-दूसरे के लिए कई दैनिक कार्यों, देखभाल के छोटे चिन्हों, समर्थन और एकात्मता से बनता है जो उन्हें उनकी प्रेरिताई में मदद देता है। संत पापा ने उन्हें एक-दूसरे के साथ खुलकर बात करने तथा गपशप की क्षति से हमेशा दूर रहने का प्रोत्साहन दिया जो एक समुदाय को चोट दे सकता है।  

आज की दुनिया में मिशन

अंततः संत पापा ने मिशन पर उनके ध्यान की याद दिलाई कि वे समय के चिन्ह के अनुसार आत्ममंथन कर करें ताकि लोगों के बीच ईश्वर के राज्य की घोषणा बेहतर रूप से कर सकेंगे एवं उसे जी सकेंगे। उन्होंने थेयातिनियों को कलीसिया एवं दूसरों की सेवा में अपने रास्ते पर आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने प्रार्थना, आराधना, सामान्य जीवन, भाईचारा दान, गरीबी और गरीबों की सेवा की अनिवार्यता में दृढ़ता से सहभागी होने के साथ-साथ कठोरता से बचने के लिए उन्हें लचीला होने हेतु प्रोत्साहित किया।

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15 January 2022, 15:30