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सन्त पापा फ्राँसिस निर्धनता पर असीसी में, तस्वीरः 12.11.2021 सन्त पापा फ्राँसिस निर्धनता पर असीसी में, तस्वीरः 12.11.2021  (AFP or licensors)

"काथलिक तथ्य-जांच" मीडिया समूह को सन्त पापा ने किया सम्बोधित

सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में "काथलिक तथ्य-जांच" नामक अन्तरराष्ट्रीय मीडिया समूह के पत्रकारों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया। कोविद-महामारी से सम्बन्धित मिथ्या प्रचार और झूठी एवं मनगढ़न्त ख़बरों के खिलाफ़ इस मीडिया समूह की स्थापना की गई थी।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 28 जनवरी 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में "काथलिक तथ्य-जांच" नामक अन्तरराष्ट्रीय मीडिया समूह के पत्रकारों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया। कोविद-महामारी से सम्बन्धित मिथ्या प्रचार और झूठी एवं मनगढ़न्त ख़बरों के खिलाफ़ इस मीडिया समूह की स्थापना की गई थी।

निरीक्षण, मूल्यांकन एवं सटीक प्रस्तुति

संचार एवं सम्प्रेषण माध्यम के कार्यकर्त्ताओं के मिशन पर ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने पूर्व सन्त पापा सन्त पौल षष्टम द्वारा सन् 1972 में प्रकाशित सम्प्रेषण दिवस सन्देश के शब्दों का स्मरण दिलाया, जिन्होंने लिखा था, "संचारकों को तथ्यों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करना चाहिए, उनकी सटीकता की जांच करनी चाहिए, उनकी जानकारी के स्रोतों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करना चाहिए, और अंत में, अपने निष्कर्षों को प्रस्तुत करना चाहिए। ज़िम्मेदारी का बोझ तब और बढ़ जाता है जब पत्रकार अथवा रिपोर्टर को न केवल एक मामले के सामान्य तथ्य देने के लिए कहा जाता है, बल्कि एक निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए आवश्यक टिप्पणी और तत्व प्रदान कर इसके निहितार्थों की व्याख्या करने के लिए भी कहा जाता है।"

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि हालांकि सन्त पापा पौल षष्टम ने उक्त शब्दों को 50 वर्षों पूर्व प्रकाशित किया था तथापि, उनके उक्त शब्द आज भी समसामयिक हैं। आज भी पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों से यही मांग की जाती हैं कि वे तथ्य का पूर्ण पता लगायें तथा समाज के हितार्थ उसकी उचित समीक्षा करें।

पत्रकारों का मिशन

सन्त पापा ने  "काथलिक तथ्य-जांच" समूह के पत्रकारों से कहा, "आपने स्वयं नकली समाचारों और कोविड -19 टीकों के बारे में आंशिक या भ्रामक जानकारी को बेनकाब करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और विभिन्न काथलिक मीडिया और विशेषज्ञों को नेटवर्किंग के माध्यम से शामिल कर यह मिशन आरम्भ किया है, जो कि सराहनीय है।"

सन्त पापा ने कहा कि इस मिशन के लिये सबसे पहले एक साथ काम करने की नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नेटवर्किंग, साझा करने के कौशल, ज्ञान और उपयुक्त जानकारी इसमें मददगार सिद्ध होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब हम समाज में महामारी और विभाजन के प्रभावों को महसूस कर रहे हैं, यह तथ्य कि आप ईसाई संचारकों के रूप में नेटवर्किंग कर रहे हैं, अपने आप में एक सशक्त संदेश है।

सन्त पापा ने कहा कि कोविद-महामारी के साथ-साथ आज हम देख रहे हैं कि  "भ्रामक सूचना" नामक महामारी भी फैल रही है। यह भय के आधार पर वास्तविकता की विकृति है, जो हमारे वैश्विक समाज में मिथ्या टिप्पणियों के विस्फोट का कारण बन रही है तथा मनगढ़न्त समाचारों का प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में "काथलिक तथ्य-जांच" मीडिया समूह अर्थगर्भित है, इसलिये कि मानवजाति के कल्याण के लिये "ज्ञान को साझा किया जाना चाहिए, विशेषज्ञता को साझा किया जाना चाहिये तथा विज्ञान का लक्ष्य सबकी भलाई में निहित होना चाहिये, जिसमें भ्रामक विचारधाराओं एवं मिथ्या प्रचार के लिये कोई गुँजाइश नहीं है।"

उपचार सबको मिले

विश्व के निर्धन वर्ग के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा ने कहा कि सभी के लिये वैक्सीन उपलभ्य बनाये जाने हेतु प्रयास किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा, "उन देशों की मदद करने की तत्काल आवश्यकता है जिनके पास वैक्सीनों की कमी है, तथापि यह कार्य दूरदर्शिता के साथ किया जाये, केवल अमीर देशों को सुरक्षित होने के लिए प्रेरित किया जाना पर्याप्त नहीं है। उपचार", उन्होंने कहा, "गरिमा के साथ वितरित किया जाये, इसे दयनीय भिक्षा के रूप में नहीं दिया जाये। वास्तव में भला करने के लिए, हमें विज्ञान और इसके समग्र कार्यान्वयन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा, "तदनुसार, उचित रूप से सूचित किया जाना, वैज्ञानिक डेटा के आधार पर स्थितियों को समझने में मदद करना तथा नकली समाचार से बचना, एक मानवाधिकार है। सबसे पहले उन लोगों के लिए सही जानकारी सुनिश्चित की जानी चाहिए जो कम सुरक्षित हैं, जो सबसे कमज़ोर हैं।

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्तीय पत्रकार अथवा संवाददाता होने के नाते हम प्राप्त समाचारों को सत्यापित करें, उन्हें उपयुक्त तरीके से प्रस्तुत करें तथा सत्य की अपनी खोज को आगे बढ़ाने में कभी न थकें। वह खोज व्यावसायिक दृष्टिकोण से, केवल शक्तिशाली लोगों के हितों के लिए न हो बल्कि सम्पूर्ण मानवजाति के हित में हो।

 

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28 January 2022, 11:47