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2016 में पोलैंड में  विश्व युवा दिवस के दौरान युवा 2016 में पोलैंड में विश्व युवा दिवस के दौरान युवा 

जॉन पौल द्वितीय यूनिवर्सिटी से पोप : सपने साकार करने में युवाओं की मदद करें

संत पापा फ्राँसिस ने क्राकोव में संत पापा जॉन पौल द्वितीय परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय के ईशशास्त्र विभाग की 625वीं वर्षगाँठ के अवसर पर एक संदेश भेजा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 11 जनवरी 2022 (रेई)- क्राकोव के संत जॉन पौल द्वितीय विश्वविद्यालय के ग्रैंड चांसलर महाधर्माध्यक्ष मारेक जेद्रासजेवस्की को एक संदेश भेजकर पोप फ्राँसिस ने इस अवसर के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया है।

11 जनवरी 1397 को रानी संत एडविग एवं उनके पति लादिस्लाव के आग्रह पर संत पापा बोनिफस 9वें ने प्रेरितिक पत्र "एक्सिमियाए देवोशनिस अफेक्सुस" के साथ क्राकोव के विद्यापीठ में ईशशास्त्र विभाग की रचना की थी। इस विभाग को वर्तमान में परमधर्मपीठीय संत जॉन पौल द्वितीय विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है।

आज की चुनौतियाँ

संत पापा ने लिखा है कि इस युगांतरकारी घटना के 625 वर्ष बीत चुके हैं जो आपके युवा विश्वविद्यालय के इतिहास की शुरुआत का प्रतीक है। "मैं आप लोगों के साथ छः शताब्दियों से अधिक की परम्परा, इसके सैद्धांतिक और उपदेशात्मक उपलब्धियों, साथ ही साथ, इसके संस्थापकों, प्रोफेसर और विद्यार्थियों द्वारा इसकी आध्यात्मिकता का निर्माण करने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ।"

संत पापा ने विश्वविद्यालय के इतिहास की याद दिलाते हुए भविष्य को ओर आशा के साथ बढ़ने हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि इतिहास जिसपर आप वर्तमान का निर्माण कर रहे हैं वह उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण है किन्तु साथ ही चुनौतीपूर्ण भी। आज समय हमसे मांग करती है कि हम परम्परा को न भूलें बल्कि भविष्य को आशा के साथ देखें और भविष्य का निर्माण करें।

विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य है, "जाओ और शिष्य बनाओ।" (मती.28,19)

अपने मिशन के दस्तावेज़ में कहा गया है कि गतिविधि में शास्त्रीय और समकालीन शोध विधियों का उपयोग करते हुए, रहस्योद्घाटन की सामग्री पर वैज्ञानिक प्रतिबिंब शामिल हो। संत जॉन पॉल द्वितीय ने इस तरह के "विचार की प्ररिताई" की आवश्यकता पर बल दिया था, जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय परिवार कलीसिया के मिशन में मसीह के संदेश को दुनिया में फैलाने के लिए शामिल हो सके।

पोलैंड के लिए महत्वपूर्ण मिशन

पोप फ्राँसिस ने कहा कि अतः वे उन शताब्दियों की परम्पराओं के प्रति विश्वस्त रहकर, समय के चिन्ह को पढ़ते हुए, समकालीन दुनिया के लोगों के बीच सुसमाचार की सच्चाई को प्रभावशाली ढंग से लाने की नयी चुनौतियों को साहस पूर्वक स्वीकार करें। "आपका विश्वविद्यालय ख्रीस्तीयों की नई पीढ़ी के प्रशिक्षण का स्थान बने। न केवल सैद्धांतिक अध्ययन एवं सच्चाई की खोज द्वारा बल्कि विश्वास को जीने के सामाजिक साक्ष्य के द्वारा भी। यही एक समुदाय है जहाँ ज्ञान की प्राप्ति के साथ-साथ, हरेक व्यक्ति के सम्मान, ईश्वर के प्रति प्रेम जिन्होंने उसकी सृष्टि की है तथा हृदय के विकास पर ध्यान को प्रोत्साहन दिया जाता है ताकि उसे सबसे महत्वपूर्ण, स्थायी और अमर चीज के लिए खोला जा सके।" युवाओं के अपने सपने और लक्ष्य होते हैं और काथलिक यूनिवर्सिटी को चाहिए कि वह उन्हें सच्चाई, अच्छाई एवं सुन्दरता के आधार पर साकार करने में मदद दे जिनके स्रोत ईश्वर हैं।

संत पापा ने कहा कि आज पोलैंड की कलीसिया एवं विश्व में विचार की प्रेरिताई एवं सच्चाई की खोज आवश्यक है। उन्होंने उनके आदर्शवाक्य "जाओ और शिष्य बनाओ" को जिम्मेदारी की भावना के साथ आगे बढ़ाने का प्रोत्साहन दिया।     

अंत में, उन्होंने विभाग के सभी सदस्य को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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11 January 2022, 16:15