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ईश वचन रविवार को पोप लोकधर्मी महिलाओं एवं पुरूषों को प्ररिताई सौपेंगे

संत पापा फ्राँसिस 23 जनवरी को संत पेत्रुस महागिरजाघर में ईश वचन रविवार मनायेंगे। इस अवसर की व्याख्या नवीन सुसमाचार प्रचार को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति ने की है। उन्होंने कहा है कि इस साल की धर्मविधि में कुछ खास बातें हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 जनवरी 22 (रेई)- ईश वचन रविवार को हर साल सामान्य काल के तीसरे रविवार को मनाया जाता है (इस साल यह 23 जनवरी को पड़ेगा)। इसकी स्थापना संत पापा फ्राँसिस ने काथलिकों को धर्मग्रंथ जानने के महत्व का स्मरण दिलाने के लिए 30 सितम्बर 2019 को की थी।

नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अनुसार आनेवाला यह समारोह बहुत महत्वपूर्ण क्षण होगा।

लोकधर्मी पुरूषों एवं महिलाओं के लिए नई प्रेरिताई

धर्मविधि के दौरान पाठ पढ़ने की प्रेरिताई को लोकधर्मी पुरूषों एवं महिलाओं को, एक स्थायी एवं संस्थागत रूप में, एक विशेष विधि के साथ सौंपी जाएगी। इस विधि को ईश वचन रविवार के दिन सम्पन्न किया जाएगा एवं धर्मविधि में व्यक्त किया जाएगा।

पहले के अनुसार यह प्रेरिताई सिर्फ पुरूषों के लिए आरक्षित थी क्योंकि ऐसा माना जाता था कि वे पवित्र पुरोहिताई संस्कार लेनेवाले हैं। नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हालांकि "कलीसिया में अच्छी तरह स्थापित अभ्यास ने पुष्ट किया है कि बपतिस्मा संस्कार प्राप्त सभी लोकधर्मी मिनिस्टर जो योग्य हैं चाहे वे पुरूष हों अथवा स्त्री हों, इसे प्रदान किया जा सकता है, जैसा कि कलीसिया के कानून नम्बर 230 में पहले ही अप्रत्यक्ष रूप से लागू है, इसपर संत पापा ने थोड़ा संशोधन किया है।"  

प्रचारक की प्रेरिताई

समारोह के दौरान संत पापा कई लोकधर्मियों को (स्त्री और पुरूष दोनों) नये प्रचारक के रूप में नियुक्त करेंगे। बयान में कहा गया है कि दोनों प्रकार के मिनिस्टरों की नियुक्ति हेतु दिव्य उपासना एवं संस्कारों के अनुष्ठान के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ द्वारा तैयार रीति के अनुसार किया जाएगा। इस विधि को पहली बार मनाया जाएगा।

उपदेश के पहले उम्मीदवारों के नाम पुकारे जायेंगे तथा उन्हें कलीसिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रचारकों का मिशनरी स्वभाव

बयान में बतलाया गया है कि "उपदेश के बाद, जिन्हें पाठ पढ़ने की प्रेरिताई सौंपी जायेगी, उन्हें बाईबिल, ईश वचन प्रदान किया जाएगा जिसकी घोषणा करने के लिए वे बुलाये गये हैं। दूसरी ओर प्रचारकों को पुनः उत्पादित एक क्रूस प्रदान किया जाएगा। यह प्रेरितिक क्रूस है जिसका प्रयोग सबसे पहले संत पापा पौल छटवें ने की थी, उसके बाद संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने भी किया था, उस सेवा के मिशनरी स्वभाव को याद करने के लिए, जिसे वे सम्पन्न करनेवाले हैं।"

विश्वभर से विश्वासियों की उपस्थिति

बयान में यह भी प्रकट किया गया है कि जो लोग पाठ पढ़ने की प्रेरिताई प्राप्त करेंगे वे दक्षिणी कोरिया, पाकिस्तान, घाना और इटली के विभिन्न हिस्सों के लोकधर्मी प्रतिनिधि होंगे।

प्रचारक की प्रेरिताई प्राप्त करनेवालों में अमाजोन के पेरू से दो और ब्राजील से दो लोकधर्मी होंगे जो प्रचारक का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। घाना के कुमासी से महिला लोकधर्मी, पोलैंड से एक महिला एवं एक पुरूष लोकधर्मी तथा स्पेन से भी प्रतिनिधि चुने गये हैं।

स्वास्थ्य आपातकाल के कारण यात्रा में कठिनाई होने पर कोंगो और यूगांडा के दो विश्वासियों की उपस्थिति संभव नहीं हो पायेगी।

समारोह को वाटिकन मीडिया द्वारा सीधा प्रसारित किया जाएगा।

 

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20 January 2022, 15:54