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फ्राँस के साथलिक एक्शन दल के संचालकों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस फ्राँस के साथलिक एक्शन दल के संचालकों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

पोप फ्राँसिस : ईश वचन पर आधारित प्रभावशाली प्रेरित बनें

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को फ्राँस के काथलिक एक्शन दल के सदस्यों से मुलाकात कर उनसे कहा कि ईश्वर का वचन उनकी प्रेरिताई का केंद्रविन्दु है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 13 जनवरी 22 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 13 जनवरी को फ्राँस के काथलिक एक्शन दल के 40 संचालकों से मुलाकात की। वे तीर्थयात्रा हेतु रोम आये हुए हैं।

इस दल की पुरानी परम्परा है कि इसके सदस्य रोम आकर पोप से मुलाकात करते हैं। 1929 में पोप पियुस 11वें ने काथलिक एक्शन दल के कुछ सदस्यों का स्वागत किया था तथा उन्हें लोकधर्मियों से सहयोग की भावना के साथ ईश्वर के राज्य के प्रचार हेतु नवीकृत रूप में, आरम्भिक ख्रीस्तीयों के समान आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया था।   

काथलिक एक्शन दल ने अपनी तीर्थयात्रा की विषयवस्तु रखी है, "प्रेरित आज"।

स्मृति का महत्व

संत पापा ने कहा, "मैं आज, प्रभावशाली प्रेरित बनने की हमारी बुलाहट पर चिंतन करना चाहता हूँ।" "जब शिष्य येसु के साथ एम्माउस के रास्ते पर चल रहे थे तब वे अपने अनुभवों के साथ घटनाओं की याद करने लगे। उसके बाद उन्होंने उन घटनाओं में ईश्वर की उपस्थिति को पहचाना। अंततः वे येरूसालेम लौटे कि पुनर्जीवित ख्रीस्त की घोषणा कर सकें।" संत पापा ने दल का ध्यान तीन शब्दों की ओर आकृष्ट किया : देखना, परखना और कार्य करना।  

देखना

यह पहला चरण मौलिक है। इसके लिए उन अवसरों को देखने हेतु रूकना है जिनसे हमारे जीवन बने हैं। जिनसे हमारा इतिहास, हमारा परिवार, हमारी संस्कृति एवं ख्रीस्तीय मूल बनता है। काथलिक एक्शन का शिक्षाशास्त्र हमेशा स्मृति के क्षण से शुरू होता है, मजबूत दल की भावना से, यह समझने से कि कोई क्या है और उसने क्या जिया है, और यह भी समझने से कि उसके जीवन में ईश्वर हर पल कैसे मौजूद रहे। हमारे जीवन में प्रभु के सूक्ष्म और नाजुक कार्यों के कारण हम उन्हें समझ नहीं पाते हैं।  

प्रेरितिक विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती की शुरूआत, हमारे विश्व की चिंताजनक परिस्थिति को देखने के साथ होती है। संत पापा ने कहा कि यह निराशावादी आदत के समान लग सकता है किन्तु यह आगे बढ़ने के लिए जरूरी है। स्मृति के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।

परखना

दूसरा चरण है परखना या इसे आत्मपरख भी कहा जा सकता है। यह ऐसा समय होता है जब हम अपने आपसे सवाल करते हैं। इस चरण का मुख्य विन्दु है पवित्र धर्मग्रंथ। हम अपने आपको ईश वचन के आलोक में देखते हैं जो किसी दुधारी तलवार से अधिक तेज है। यह हृदय के विचार एवं भावना की परख करता है। संत पापा ने कहा कि "फ्रातेल्ली तूत्ती" में उन्होंने दुनिया के साथ, दूसरों के साथ एवं खासकर गरीबों के साथ हमारे संबंध पर सवाल करने के लिए भले समारितानी के दृष्टांत को लिया है। एक ओर, दुनिया की घटनाओं एवं हमारे जीवन में तथा दूसरी ओर, ईश वचन में हम परख सकते हैं कि प्रभु हमसे क्या करते हैं।

संत पापा ने काथलकि एक्शन दल के विकास पर गौर करते हुए, एक दल के रूप में सिनॉडल कलीसिया के लिए, इसके योगदान की याद की। उन्होंने कहा कि पूरी कलीसिया सिनॉडल प्रक्रिया में संलग्न है और मैं आपके योगदान की सराहना करता हूँ। इस संबंध में हमें यह याद रखना चाहिए कि सिनॉडालिटी कोई साधारण चर्चा नहीं है, अथवा संसद के रूप में बहुमत की सहमति की ही खोज है। यह कोई योजना या कार्यक्रम भी नहीं है जिसको लागू किया जाना है। बल्कि एक शैली है जिसको ग्रहण किया जाना चाहिए। जिसके नायक हैं पवित्र आत्मा। जो सबसे बढ़कर ईश वचन, उसके पाठ, उसपर चिंतन में प्रकट होते हैं। संत पापा ने पवित्र क्रूस पर चिंतन करते हुए कहा कि इसकी भुजाएँ लंबवत और क्षैतिज हैं। क्षैतिज भुजा, हमारा जीवन, इतिहास एवं हमारी मानवता है। वहीं लम्बवत भुजा प्रभु हैं जो अपने वचन एवं आत्मा से हमसे मुलाकात करने आते और हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करते हैं। संत पौलुस के अनुसार येसु के क्रूस पर नजर डालने का अर्थ है, अपने जीवन को उनकी नजरों में रखना, अपनी गरीब मानवता एवं उनके परिवर्तनकारी ईश्वरता के बीच मुलाकात को स्वीकार करना। संत पापा ने उन्हें ईश वचन का पाठ करने, प्रार्थना एवं आराधना हेतु समय निकालने की सलाह दी।

कार्य करना

तीसरे चरण पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा कि यह कार्य करना है। सुसमाचार हमें सिखलाता है कि कार्य (एक्शन)जो आपके संगठन का नाम है उसे ईश्वर से शुरू होना चाहिए। संत मारकुस बतलाते हैं कि पुनरूत्थान के बाद प्रभु ने शिष्यों के साथ काम किया और वचन को चिन्ह के साथ पुष्ट किया। इस प्रकार कार्य प्रभु से आता है अतः हमारा कर्तव्य है कि हम ईश्वर के कार्य को समर्थन एवं बढ़ावा दें।

संत पापा ने उन्हें युवाओं पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा क्योंकि वे पहली की पीढ़ी से अधिक कमजोर, दुर्बल और विश्वास में अस्थिर हैं लेकिन फिर भी अर्थ और  सत्य की तलाश में कम उदार नहीं हैं। काथलिक एक्शन दल से संत पापा ने कहा कि यह आपका मिशन है कि आप उनके पास पहुँचे, उन्हें ख्रीस्त एवं पड़ोसी के प्रेम में बढ़ने में मदद करें तथा बड़े ठोस प्रतिबद्धता के लिए प्रोत्साहित करें। ताकि वे अपने जीवन एवं कलीसिया के जीवन के नायक बन सकें।  

संत पापा ने उनके उदार सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया तथा उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।  

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13 January 2022, 16:02