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संत पापा फ्रांसिस और फिनलैंड से आये ख्रीस्तीय एकता वर्धक वार्ता के प्रतिनिधिमंडल संत पापा फ्रांसिस और फिनलैंड से आये ख्रीस्तीय एकता वर्धक वार्ता के प्रतिनिधिमंडल 

ख्रीस्तीय एकता की खोज की यात्रा एक साथ होनी चाहिए, संत पापा

ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह के पूर्व संत पापा फ्रांसिस ने वाटिकन में फिनलैंड से आये ख्रीस्तीय एकता वर्धक वार्ता के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 17 जनवरी 2022 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने  सोमवार 17 जनवरी को वाटिकन में फिनलैंड से आये ख्रीस्तीय एकता वर्धक वार्ता के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। संत पापा ने अपने संबोधन की शुरुआत, ज्योतिषियों पर एक चिंतन के साथ की, जिन्होंने बालक येसु को पाया और उनेहें दंडवत किया।

संत पापा ने कहा, " ज्योतिषी अपने लक्ष्य तक पहुंचे क्योंकि उन्होंने इसकी खोज की थी।" "वे उन्हें ढूँढ़ पाये, क्योंकि ईश्वर ने उस तारे को चिन्ह के रुप में प्रकट किया था।" ज्योतिषियों की तरह, ईश्वर हमें भी खोजते हैं "और हमारी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से ज्योतिषियों की तरह एक साथ यात्रा होनी चाहिए।"

एक साथ यात्रा

संत पापा ने जोर देकर कहा, "जो लोग ईश्वर की कृपा से प्रभावित होते हैं, वे अपने आप को बदल देते हैं और दूसरों के लिए जीते हैं; वे हमेशा आगे बढ़ते हैं और एक साथ आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं।"

फिर से, ज्योतिषियों की तरह, जिसकी परंपरा विविध संस्कृतियों और लोगों के प्रतिनिधियों के रूप में प्रतिनिधित्व करती है, आज ख्रीस्तियों को "हमारे भाइयों और बहनों का हाथ थामने ... और एक साथ आगे बढ़ने के लिए चुनौती दी जाती है।" संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तियों को प्रोत्साहित किया कि वे एक दूसरे को "ईश्वर के और करीब" आगे बढ़ने में मदद करें।

संत पापा ने कहा कि एक साथ इस यात्रा में कुछ चरण आसान हैं, जो हमें "दृढ़ता के साथ तेजी से आगे बढ़ने" की अनुमति देते हैं। उन्होंने उदारता के कार्यों का उदाहरण दिया, जो हमें न केवल गरीबों और जरूरतमंदों के करीब बल्कि एक दूसरे के करीब भी लाता है। दूसरी ओर, पूर्ण एकता की ओर यात्रा कभी-कभी अधिक कठिन होती है, जो "एक निश्चित थकान और निराशा की ओर ले जा सकती है।

संत पापा ने ख्रीस्तियों को खुद को यह याद दिलाने के लिए प्रोत्साहित किया कि "हम यह यात्रा उन लोगों के रूप में नहीं कर रहे हैं जिनके पास पहले से ही ईश्वर है, बल्कि उन लोगों के रूप में है जो उसे खोजते रहते हैं।" उन्होंने एक दूसरे को प्रोत्साहित करने और समर्थन करने के लिए रास्ते में साहस और धैर्य का आह्वान किया।

दो महत्वपूर्ण क्षण

संत पापा फ्राँसिस ने आगामी दो वर्षगाँठों को ख्रीस्तीय एकता की दिशा में चल रही यात्रा में "महत्वपूर्ण क्षण" के रूप में इंगित किया: 2025 में, नीस की परिषद की 1700 वीं वर्षगांठ और लूथरन ऑग्सबर्ग स्वीकारोक्ति की 500वीं वर्षगांठ।

संत पापा ने नोट किया कि नीस का "त्रित्वमय ईश्वर और ख्रीस्तीय धर्म स्वीकारोक्ति" सभी बपतिस्मा प्राप्त लोगों को एकजुट करता है और उन्होंने सभी ख्रीस्तियों को मसीह का अनुसरण करने के लिए अपने उत्साह को नवीनीकृत करने हेतु प्रोत्साहित किया। संत पापा ने कहा,"ये मसीह ही हैं जिन्हें हम और हर समय के पुरुष और महिलाएं अनजाने में ही खोज रहे हैं।"

दूसरी ओर, ऑग्सबर्ग स्वीकारोक्ति, उस समय तैयार की गई थी जब "ख्रीस्तीय अलग-अलग रास्तों पर निकलने वाले थे" उस समय यह प्रोटेस्टेंट सुधार के रूप में जाना जाता था।

संत पापा ने कहा कि स्वीकारोक्ति एकता को बनाए रखने का एक प्रयास था, हालांकि यह विभाजन को रोकने में सफल नहीं हुआ। हालांकि, आने वाली वर्षगांठ "हमें हमारी सहभागिता की यात्रा पर प्रोत्साहित करने और पुष्टि करने के लिए एक उपयोगी अवसर के रूप में काम कर सकती है, ताकि हम ईश्वर की इच्छा के प्रति अधिक विनम्र बन सकें सकें और सांसारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की अपेक्षा आध्यात्मिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए अधिक इच्छुक हो सकें।"

आदिवासियों के सपने

संत पापा फ्राँसिस ने फिनलैंड के एवांजेलिकल लूथरन कलीसिया के धर्माध्यक्ष जुक्का केस्किटालो को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने अमाज़ोनिया के लिए फिनलैंड के आदिवासी लोगों के अपने सपने को साकार किया। संत पापा ने कहा, "एक चरवाहे को अपनी अपनी चरागाह के भेड़ों के साथ ठोस रुप से होना चाहिए, उसे खुद सपना देखना बंद नहीं करने देना चाहिए। सपने देखने के लिए धन्यवाद।"

फिनलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ संत पापा फ्राँसिस
फिनलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ संत पापा फ्राँसिस

हम कब हासिल करेंगे एकता

अंत में, संत पापा ने पूछा, "एकता कब प्राप्त होगी?" उन्होंने एक "महान ऑर्थोडोक्स धर्मशास्त्री" की टिप्पणी को याद किया, जिन्होंने कहा था कि "एकता दुनिया के अंत में होगी" - यानी समय की अंतिम समाप्ति तक नहीं। बहरहाल, संत पापा ने जोर देकर कहा, "एकता का मार्ग महत्वपूर्ण है।" जबकि धर्मशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कार्य आवश्यक और अच्छा है, "यह भी अच्छा है कि हम, ईश्वर पर विश्वास करने वाले एक साथ यात्रा कर रहे हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तियों को "निडरता से और ठोस तरीकों से ईश्वर की तलाश में" एक साथ यात्रा जारी रखने और "प्रार्थना में एक दूसरे के करीब" रहते हुए "हमारी निगाह हमेशा मसीह पर टिकी रहने" के लिए आमंत्रित किया। संत पापा ने अपने संबोधन का समापन हमारे पिता के साथ मिलकर प्रार्थना करने में उपस्थित लोगों का नेतृत्व करते हुए किया।

हमारी निगाह मसीह पर 

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तियों को "निडरता से और ठोस तरीकों से ईश्वर की तलाश में" एक साथ यात्रा जारी रखने के लिए और "प्रार्थना में एक दूसरे के करीब" रहते हुए "मसीह पर अपनी नजर बनाए रखने" के लिए आमंत्रित किया।

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17 January 2022, 15:18