खोज

अरिच्चा के दिव्य गुरू आध्यात्मिक साधना केंद्र में आध्यात्मिक साधना करते हुए अरिच्चा के दिव्य गुरू आध्यात्मिक साधना केंद्र में आध्यात्मिक साधना करते हुए 

संत पापाः आध्यात्मिक साधना के लिए व्यक्तिगत व्यवस्था करें

कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य आपातकाल का प्रभाव, संत पापा फ्राँसिस एवं परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालय के वार्षिक आध्यात्मिक साधन पर भी पड़ रहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 जनवरी 22 (रेई)- कोविड-19 महामारी समाप्त नहीं होने के कारण इस साल भी रोमन कूरिया की आध्यात्मिक साधना, अरिच्चा के दिव्य गुरू आश्रम में नहीं हो पायेगा।

बृहस्पतिवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि "संत पापा ने रोम में रहनेवाले कार्डिनलों, विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों एवं रोमन कूरिया के सदस्यों को निमंत्रण दिया है कि वे रविवार 6 मार्च से शुक्रवार 11 मार्च तक अपने लिए व्यक्तिगत प्रार्थना की व्यवस्था करें।"

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस सप्ताह के बीच, 9 मार्च के आमदर्शन समारोह समेत संत पापा के सभी कार्य स्थगित रहेंगे। यही एहतियात 2021 में भी अपनाये गये थे।

आध्यात्मिक साधना

कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले, तीन साल संत पापा फ्राँसिस ने कूरिया के सदस्यों के साथ, रोम के बाहर अरिच्चा के दिव्य गुरू आध्यात्मिक साधना केंद्र में पाँच दिनों की आध्यात्मिक साधना की थी।    

उन्होंने प्रकट किया कि शुरू में यह निर्णय उन्होंने विन्ती उपवास के आध्यात्मिक आयाम को बढ़ावा देने एवं काम करते रहने के प्रलोभन से बचने के लिए लिया था।

रोमन कूरिया की आध्यात्मिक साधना संत इग्नासियुस की आध्यात्मिक साधना से प्रेरित है। संत पीयूस 11वें जो येसु समाज के संस्थापक से प्रभावित थे उन्होंने, उन्हें 1922 में आध्यात्मिक साधना का संरक्षक घोषित किया था।  

1929 में संत पीयूस 11वें ने ही प्रेरितिक विश्व पत्र मेंस नोस्त्रा प्रकाशित कर आध्यात्मिक साधना को बढ़ावा दिया था। इसी में उन्होंने वाटिकन में वार्षिक आध्यात्मिक साधना किये जाने के निर्णय को सार्वजनिक किया था।

उसी समय से आध्यात्मिक साधना रोमन कूरिया के लिए निर्धारित वार्षिक मिलन बन गया है। शुरू में, चालीसा काल के पहले सप्ताह में उपदेश होते थे, 1964 में संत पापा पौल छटवें की इच्छा अनुसार प्रायश्चित काल से जोड़ा गया जो पास्का की ओर ले जाती है।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

20 January 2022, 16:51