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ग्रीस के लेसबोस में मितिलेन रिसेप्शन केन्द्र में आप्रसावी बच्चों के संग सन्त पापा फ्राँसिस, 05.12.2021 ग्रीस के लेसबोस में मितिलेन रिसेप्शन केन्द्र में आप्रसावी बच्चों के संग सन्त पापा फ्राँसिस, 05.12.2021  

यूरोपीय आप्रवासी बहस के केंद्र ग्रीक द्वीप पर लौटे सन्त पापा

ग्रीस में अपनी यात्रा के दूसरे दिन सन्त पापा फ्राँसिस पुनः ग्रीक द्वीप लेसबोस पहुँचे जो यूरोपीय आप्रवासी विषय पर गहन विचार-विमर्श का केन्द्र रहा है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

मितिलेन, रविवार, 5 दिसम्बर 2021 (रेई, एपी, वाटिकन रेडियो): ग्रीस में अपनी यात्रा के दूसरे दिन सन्त पापा फ्राँसिस पुनः ग्रीक द्वीप लेसबोस पहुँचे जो यूरोपीय आप्रवासी विषय पर गहन विचार-विमर्श का केन्द्र रहा है। छः वर्ष पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने लेसबोस के शिविरों में निवास करते आप्रवासियों की भेंट की थी तथा आप्रवास संकट से निपटने हेतु यूरोपीय संघ की सरकारों द्वारा अपनाई जा रही नीतियों की कड़ी निन्दा की थी।

यूरोप एकजुटता का इंजन बने

साईप्रस तथा ग्रीस में सन्त पापा की पाँच दिवसीय प्रेरितिक यात्रा मुख्यतः आप्रवास विषय पर केन्द्रित रही है।  साइप्रस में, शुक्रवार को उन्होंने प्रवासियों के प्रति प्रदर्शित "उदासीनता की संस्कृति" की निंदा की थी तथा शनिवार को आथेन्स में उन्होंने यूरोपीय सरकारों से प्रवासियों को "प्रत्येक देश के साधनों के अनुपात में" लेने का आग्रह किया था। यूरोपीय संघ की सरकारों को फटकार बताते हुए उन्होंने कहा, "एकजुटता का इंजन बनने के बजाय यूरोप लगातार राष्ट्रवादी स्वार्थ के रूपों का शिकार हो रहा है, जो कभी-कभी,  लड़खड़ाता हुआ और असंयमित प्रतीत होता है।'' उन्होंने कहा, "अतीत में, वैचारिक संघर्षों ने पूर्वी और पश्चिमी यूरोप के बीच पुलों के निर्माण को रोक रखा था किन्तु आज आप्रवास के मुद्दे ने दक्षिण और उत्तर के बीच भी दरार पैदा कर दी है।''

आप्रवासियों को आशीर्वाद

लेसबोस द्वीप के मितिलेन स्थित रिसेप्शन एवं आईडेनटीफिकेशन सेन्टर में सन्त पापा फ्राँसिस ने आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की भेंट कर उनके प्रति एकात्मता का प्रदर्शन किया तथा कईयों के साक्ष्य सुनें। उन्होंने आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के लिये प्रार्थना समारोह की अध्यक्षता की तथा उनके साथ मध्यान्ह देवदूत प्रार्थना का पाठ कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया।   

साक्ष्य

लेन मिआखिम नामक लेसबोस समुदाय के एक सदस्य ने सन्त पापा फ्राँसिस को उनकी उपस्थिति के धन्यवाद दिया। उसने सन्त पापा से कहा कि आप्रवासी एवं शरणार्थी अपना घर-बार और सबकुछ छोड़कर, एक नये जीवन एवं एक नई शुरुआत के लिये यूरोप का रुख करते हैं। मेरी उत्कट अभिलाषा है कि इन भाइयों एवं बहनों के प्रति बढ़ाया गया दोस्ती का हाथ इन्हें अपने मुकाम और प्रतिज्ञात भूमि पर पहुँचनें में समर्थन प्रदान करेगा। ''मेरा व्यक्तिगत अनुभव मुझे इस दृढ़ विश्वास की ओर ले जाता है, कि उनके पास हमें देने के लिए उससे भी कहीं अधिक बढ़कर है जितना हम उन्हें दे सकते हैं।''  

मानवाधिकार संगठन

रविवार को सन्त पापा फ्रांसिस के लेस्बोस आगमन से पूर्व मानवाधिकार संगठनों ने ग्रीस तथा यूरोपीय संघ के 27 राष्ट्र सदस्यों द्वारा अपनाई जा रही आप्रवास नीतियों की आलोचना को सघन कर दिया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने तो यहाँ तक कहा कि ग्रीक द्वीपों पर यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित नये निरोध शिविर जरूरतमंद लोगों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करने हेतु आथेन्स की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है। एमनेस्टी संगठन को भय है कि ग्रीक प्रशासनाधिकारी शरण चाहने वालों को उनकी स्वतंत्रता से, अवैध रूप से वंचित करने के लिए, तथाकथित बंद-नियंत्रित केंद्रों की अस्पष्ट अवधारणा के पीछे छिप रहे हैं।  संगठन ने ग्रीस की सरकार का आह्वान किया कि वह बंद-नियंत्रित केंद्रों के निर्णय को तुरन्त वापस ले तथा प्रतिबन्धों को हटाये।  

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05 December 2021, 11:44