संत पापा इतालवी वायु सेना से:ऊंची उड़ान भरें, आप शांतिदूत हैं
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार 11 दिसम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : 10 दिसंबर लोरेटो की माता मरियम की शतवर्षीय जुबली को समाप्त हुई। संत पापा बेनेडिक्ट पंद्रहवें ने सौ साल पहले लोरेटो की माता मरियम को सभी वायुसैनिकों की संरक्षिका घोषित किया था।
एक सदी से पायलटों और यात्रियों ने माता मरियम से हवा में उन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रार्थना की है।
शुक्रवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर में इतालवी वायु सेना के सदस्यों का अभिवादन करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने आकाश की ओर देखने के महत्व को रेखांकित किया, जो स्वयं को ईश्वर और दूसरों के लिए खोलता है।
संत पापा ने कहा कि प्रत्येक जयंती, प्राचीन बाइबिल परंपरा के अनुसार, हमें याद दिलाती है कि हम इस दुनिया में तीर्थयात्री हैं: हम न पृथ्वी और न स्वर्ग के 'स्वामी' नहीं हैं लेकिन जिस पृथ्वी में ईश्वर ने हमें रखा है, उसे विकसित करने और संरक्षित करने का उत्तरदायित्व ईश्वर ने हमें दिया है।
उन्होंने आगे कहा, “यह जुबली हमें याद दिलाती है कि ईश्वर ने हमारे लिए स्वर्ग भी बनाया है।"
आसमान की ओर देखें
संत पापा ने कहा कि आकाश पर चिंतन हमें सीमाहीन स्थान की ओर ले जाता है जहाँ हम अपने आप को बहुत छोटा महसूस करते हैं, साथ ही ब्रह्मांड को बनाने वाले ईश्वर के द्वारा हम सदा याद किये जाते हैं। एक वास्तविकता जो हमें विस्मित करना बंद नहीं करती है क्योंकि हम एक शक्तिशाली उपकरण अवलोकन द्वारा उन्हें ढूँढ़ पाते हैं।
संत पापा ने कहा कि "आकाश हमें याद दिलाता है कि हम भी उड़ने के लिए बनाये गये हैं, भौतिक अर्थों में इतना नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से सबसे ज्यादा।"
संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "हम उस पिता के बच्चे हैं, जो हमें ऊंची उड़ान भरने को कहते हैं, अतः सेवा, दया और उदारता के लिए जगह बनाना महत्वपूर्ण है न कि अहंकार के लिए, जो लोगों को खुद में बंद करता है।"
संत पापा ने जोर देते हुए कहा, "ईश्वर केंद्रित जीवन जीने से, आपका जीवन उड़ान भरेगा। "
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने दैनिक कर्तव्यों के प्रदर्शन में इन मूल्यों के लिए जगह बनानी चाहिए, लेकिन सबसे पहले अपने निजी जीवन में, ताकि वे जो हैं और जो वे करते हैं, उनके बीच एकता हो सके।
शांतिदूत
संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित वायु सेना के सदस्यों से कहा, "आपके लिए, 'उड़ने' का अर्थ है शांतिदूत बनना, हवा और जमीन दोनों में, देश और विदेश में, संघर्ष क्षेत्रों में शांति के लिए काम करना।"
अंत में, संत पापा ने कहा कि "लोरेटो का पवित्र घर हमें याद दिलाता है कि हम जहां भी हैं, हमारे पास एक घर है जो हमारे ख्रीस्तीय जड़ों की रक्षा करता है और हमारी एक माता है जो हम पर नजर रखती है। कलीसिया हमारा घर है और मरियम हमारी माता हैं। उनसे हम विनम्रता सीखते हैं और वे स्वर्ग की ओर ले जाने वाली मार्ग हैं।"
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