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खुशियों और मुश्किलों में ईश्वर आपके साथ है, दंपतियो से संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र परिवार पर्व के दिन देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद घोषणा की, कि उन्होंने आज विवाहित दंपतियों के लिए अमोरिस लेतिसिया परिवार वर्ष के हिस्से के रूप में एक खुला पत्र प्रकाशित किया। संत पापा ने परिवारों को येसु की ओर मुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जो दैनिक पारिवारिक जीवन के सभी उतार-चढ़ावों में हमेशा निकट रहते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी,सोमवार 27 दिसम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : काथलिक कलीसिया परिवारों की विश्व बैठक में 26 जून 2022 को अमोरिस लेतिसिया परिवार वर्ष मना रहा है। उस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में और पवित्र परिवार के पर्व दिवस पर संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को दुनिया भर में विवाहित दंपतियों के लिए एक पत्र जारी किया।

संत पापा ने सबसे पहले इच्छा व्यक्त की कि परिवार इस विशेष समय में उनके "स्नेह और निकटता" को महसूस करें, जिसे कोविड -19 महामारी और बार-बार होने वाले लॉकडाउन द्वारा चिह्नित किया गया है।

संत पापा ने कहा, "वर्तमान स्थिति ने मुझे प्रत्येक व्यक्ति, विवाहित दंपतियों और परिवार के साथ उन सभी परिस्थितियों में विनम्रता, स्नेह और खुलेपन के साथ आपका साथ देने के लिए प्रेरित किया है जिसमें आप खुद को पाते हैं।"

दंपतियों के लिए ईश्वर का बिना शर्त प्यार

संत पापा फ्राँसिस ने अपने पत्र को दंपतियों के लिए पारिवारिक जीवन की दिन-प्रतिदिन की स्थितियों में येसु की निरंतर उपस्थिति पर केंद्रित किया।

उन्होंने कहा कि सभी विवाहित दंपति अब्राहाम की तरह एक यात्रा पर निकल पड़े हैं, क्योंकि वे अपने माता-पिता का घर छोड़कर विवाह में एक साथ एक नए जीवन की शुरुआत करते हैं।

"ईश्वर के साथ हमारा संबंध हमें आकार देता है, हमारा साथ देता है और हमें आगे बढ़ाता है और अंततः हमें "अपनी भूमि से बाहर निकलने" में मदद करता है। हालांकि  कई मामलों में अज्ञात स्थानों में जाने के लिए निश्चित रुप से घबराहट और यहां तक ​​कि डर का सामना करना पड़ता है।

फिर भी हमारा ख्रीस्तीय धर्म हमें याद दिलाता है कि हम विवाहित जीवन की चुनौतियों में अकेले नहीं हैं, क्योंकि येसु समय बीतने के साथ मौजूद हैं, बच्चे पैदा होते हैं और बड़े होते हैं और काम और बीमारियाँ बढ़ती जाती हैं।

संत पापा ने कहा, विवाहित दंपति "उस भूमि की ओर प्रस्थान करते हैं जिसकी ईश्वर प्रतिज्ञा करते हैं: मसीह में दो, एक में दो होना।" "आपका जीवन एक ही जीवन बन जाता है; आप येसु के साथ प्रेमपूर्ण संवाद में एक 'हम' बन जाते हैं। येसु आपको अस्तित्व के प्रत्येक क्षण में जीवित और उपस्थित रहते हैं।"

"ईश्वर हमेशा आपके पक्ष में है; वे आपको बिना शर्त प्यार करते हैं। आप अकेले नही हैं!"

ईश्वर के प्रेम की निशानी हैं बच्चे

संत पापा ने तब अपने विचारों को बच्चों की ओर मोड़ दिया। उन्होंने माता-पिता से हर बातचीत में मसीह के प्रेम को जीने का आग्रह किया, क्योंकि बच्चे हमेशा अपने माता पिता की बातों पर ध्यान देते हैं और सब कुछ अपने अंदर ग्रहण करते हैं।

संत पापा ने कहा, “बच्चे हमेशा एक उपहार होते हैं; वे हर परिवार का इतिहास बदलते हैं। वे प्यार, कृतज्ञता, सम्मान और विश्वास के प्यासे हैं। माता-पिता होने के नाते आपको अपने बच्चों को यह महसूस करने का आनंद देना है कि वे ईश्वर के बच्चे हैं।”

संत पापा ने स्वीकार किया कि बच्चों की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन बच्चे भी अपने माता-पिता को "बढ़ाते" हैं, उन्हें अधिकार में बढ़ने में मदद करते हैं जो बच्चों को सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना देता है।

हमारे तूफानी नाव में येसु हमेशा उपस्थित

संत पापा फ्राँसिस ने दंपतियों से भी आग्रह किया कि वे अपनी पल्ली के सक्रिय सदस्य बनें, कलीसिया को उन परिवारों के पास जाने के मिशन में सहायता करें जो ईश्वर की उपस्थिति के बारे में कम जानते हैं।

उन्होंने कहा, "आपका मिशन अपने काम करने के स्थानों में अपनी उपस्थिति द्वारा समाज को बदलना और परिवारों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें संभालना है।"

उन्होंने ‘विवाह’ को एक बुलाहट कहा और इसकी तुलना समुद्र पर चल रही नाव से की। संत पापा ने कहा कि येसु हमेशा या तो समुद्र को शांत करने के लिए नाव में हैं या आस-पास चल रहे हैं और हमारे निमंत्रण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि, आप एक साथ, अपनी आँखें येसु पर टिकाए रखें। केवल इस तरह, आप शांति पाएंगे, संघर्षों को दूर कर सकेंगे और अपनी कई समस्याओं का समाधान खोज पाएंगे। बेशक, जीवन से समस्याएं गायब नहीं होंगी, लेकिन आप उन्हें एक अलग नजरिए से देख पाएंगे।”

विवाह 'महामारी के तूफान में'

संत पापा ने महामारी के दौरान परिवारों के सामने आने वाली कठिनाइयों और अवसरों पर विचार किया।

उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले लॉकडाउन ने कई परिवारों को एक ही घर में काम करने, अध्ययन करने, मनोरंजन करने और आराम करने के लिए मजबूर किया है, ऐसी स्थिति में कई बार मुश्किलें आ सकती है।

उन्होंने कहा, "जब आप मिलकर एक साथ बिताते हैं, आपके लिए यह कष्टसे भरा समय, तूफानों के बीच एक शरण बन जाएगा। हर परिवार स्वीकृति और आपसी-समझ का स्थान बने।"

संत पापा फ्राँसिस ने याद दिलाया कि वे रात को बिस्तर पर जाने से पहले आपस में शांति बनाये। उन्हें "कृपया, धन्यवाद, माफ करें" कहने के अपने निमंत्रण को भी याद दिलाया।

संत पापा ने कहा कि विवाहित दंपति पवित्र संस्कार के सामने एक साथ घुटने टेक सकते हैं और हर शाम एक छोटी प्रार्थना कर सकते हैं। "यह भी याद रखें कि क्षमा हर घाव को भर देती है। आपसी क्षमा एक आंतरिक संकल्प का फल है जो ईश्वर के साथ हमारे रिश्ते में और प्रार्थना में परिपक्वता लाता है। "

संत पापा ने उल्लेख किया कि कुछ दंपतियों ने महामारी को असहनीय पाया और अलग रहने लगे। संत पापा ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति बच्चों के लिए बहुत दुःखदायी है। उन्होंने अलग हुए दंपतियों को अपनी "निकटता और स्नेह" का आश्वासन दिया।

रचनात्मक साहस और मुस्कान

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने विवाह की तैयारी करने वाले भावी दंपतियों को "रचनात्मक साहस" रखने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि वे पहले से कहीं कठिन समय में विवाहित जीवन की ओर यात्रा कर रहे हैं।

संत पापा ने बुजुर्गों, दादा-दादियों को अभिवादन किया, जिनमें से कईयों ने लॉकडाउन के दौरान अधिक अकेला महसूस किया है। संत पापा ने उन्हें "मानवता की जीवित स्मृति" कहा है।

संत पापा ने विवाहित जोड़ों को हमेशा एक मुस्कान और उत्साह के साथ अपनी बुलाहट को जीने और कभी अपने चेहरों में उदासी या मनहूस न आने देने का प्रोत्साहन देते हुए  अपने पत्र को समाप्त किया।

"संत जोसेफ सभी परिवारों में रचनात्मक साहस की प्रेरणा दें, जो परिवर्तनशील युग के लिए आवश्यक है। माँ मरियम आपके विवाहित जीवन में ‘मुलाकात की संस्कृति’ को बढ़ावा देने में आपकी मदद करे, जो आज की समस्याओं और परेशानियों का सामना करने के लिए बहुत आवश्यक है।”

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27 December 2021, 14:45