खोज

युवाओं से संत पापाः ईश्वर के प्रेम का अनुभव करें, बड़े सपने देखें

रोम के लिए प्रस्थान करने से पहले, संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार की सुबह एथेंस में ग्रीस के विभिन्न स्थानों से आये युवाओं से मुलाकात की और उनसे ईश्वर के प्रेम के अनुभव करने हेतु अपने आसपास के लोगों के साथ मुलाकात करने का आग्रह किया।

माग्रेट सनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मौरोसी, ग्रीस, सोमवार 6 दिसम्बर, 2021 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं से आग्रह किया कि वे खुद को ईश्वर के प्रेम से चकित होने दें, दूसरों के साथ मुलाकातें करें और बड़े सपने देखें। उन्होंने एथेंस के उत्तरी उपनगर मारौसी में उर्सुलाइन धरमबहनों द्वारा संचालित संत देवनीसियुस स्कूल में सोमवार सुबह एक कार्यक्रम में ग्रीस के विभिन्न हिस्सों से युवाओं को प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में फिलीपींस, ग्रीस और सीरिया के तीन युवाओं की गवाही शामिल थी, जिस पर संत पापा ने अपने विचार साझा किए।

एथेंस में युवाओं के साथ संत पापा फ्राँसिस की बैठक
एथेंस में युवाओं के साथ संत पापा फ्राँसिस की बैठक

संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं को संबोधित कर कहा, “प्रिय भाइयों और बहनों, कालीमेरा सास! [सु प्रभात!] आज आप में से बहुत से दूर के स्थानों से आये हैं यहाँ आने के लिए धन्यवाद! जैसे-जैसे मेरी ग्रीस यात्रा समाप्त हो रही है, मुझे आपके पास आकर प्रसन्नता हो रही है। इस अवसर पर मुझे मिले स्वागत और इस यात्रा को आयोजित करने के लिए किए गए सभी कार्यों के लिए अपनी कृतज्ञता को नवीनीकृत करता मैं हूँ।

मैं आपकी बहुत ही उम्दा साक्ष्य से प्रभावित हुआ। मैंने उन्हें पहले ही पढ़ लिया था, और अब मैं आपके द्वारा उठाए गए कुछ बिंदुओं पर आपके साथ विचार करना चाहता हूँ।

संदेह "विश्वास के विटामिन"

कथरीना ने अपने विश्वास में आने वाले संदेहों के बारे में बताया। संत पापा ने कहा कि संदेह से न डरे, क्योंकि वे विश्वास की कमी के संकेत नहीं हैं। इसके विपरीत, संदेह "विश्वास के विटामिन" हैं: वे विश्वास को मजबूत करने और इसे और अधिक मजबूत बनाने में मदद करते हैं। वे विश्वास को अधिक जागरूक, स्वतंत्र और परिपक्व बनने में सक्षम बनाते हैं। वे दिन-ब-दिन बाहर निकलने, नम्रता से लगे रहने के लिए इसे और अधिक उत्सुक बनाते हैं। विश्वास में येसु हमारे हाथ पकड़ते हैं, हमारा साथ देते हैं, हमें प्रोत्साहित करते है, और जब हम गिरते हैं, तो हमें ऊपर उठाते हैं। विश्वास एक प्रेम कहानी की तरह है, जहां हम दिन-ब-दिन एक साथ आगे बढ़ते हैं। एक प्रेम कहानी की तरह, कई बार हमें सोचना पड़ता है, सवालों का सामना करना पड़ता है, अपने दिलों में झांकना पड़ता है। और यह अच्छा है, क्योंकि यह रिश्ते की गुणवत्ता को बढ़ाता है!

युवाओं को संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस
युवाओं को संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस

कथरीना के अनुभव के एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा कि कभी-कभी गलतफहमी या जीवन की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, अकेलेपन या निराशा के साथ, संदेह हमारे दिल के दरवाजे पर दस्तक दे सकता है। हम सोच सकते हैं: "शायद मेरे साथ कुछ गलत है ... मुझे लगता है कि मैंने चीजों को गड़बड़ कर दिया है ..." यह एक प्रलोभन है! अस्वीकार करने का प्रलोभन। हमें उदास और निराश करने के लिए शैतान हमारे दिलों में इस संदेह को बोता है। और हम अपना आत्मविश्वास खो देते हैं और यह भी नहीं जानते कि कहां से शुरू करें? हमें शुरुआती बिंदु पर वापस जाने की जरूरत है। वह शुरुआती बिंदु क्या है? इसे समझने के लिए आइए सुनते हैं कि आपकी महान शास्त्रीय संस्कृति का क्या कहना है। क्या आप सभी दर्शनशास्त्र, कला, संस्कृति और विज्ञान के शुरुआती बिंदु जानते हैं ? वह सब जो एक चिंगारी के साथ शुरू हुआ, एक अहसास, एक शानदार शब्द : (थौमेज़िन) आश्चर्य के साथ, विस्मय के साथ शुरू हुआ। दर्शन शास्त्र उन चीजों के बारे में आश्चर्य की भावना से उभरा जो मौजूद हैं, हमारे अपने जीवन के बारे में, हमारे चारों ओर प्रकृति की सद्भाव के बारे में और जीवन के रहस्य के बारे में।

आश्चर्य, विस्मय, न केवल दर्शन शास्त्र की, बल्कि हमारे विश्वास की भी शुरुआत है। विश्वास मुख्य रूप से विश्वास करने वाली चीजों की सूची और पालन करने के नियमों के बारे में नहीं है। गहरे अर्थों में, विश्वास कोई विचार या नैतिकता की व्यवस्था नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है, एक सुंदर सत्य है जो हम पर निर्भर नहीं है। हम ईश्वर के प्यारे बच्चे हैं! वे हम पर नजर रखते है और हमें प्यार करना बंद नहीं करते है। हम जो कुछ भी सोचते हैं या करते हैं, यहां तक ​​कि सबसे बुरी चीजें भी संभव हैं, ईश्वर हमें प्यार करना जारी रखते हैं।

ईश्वर के प्रेम और क्षमा का आश्चर्य

संत पापा ने कहा, जब हम आईने के सामने खड़े होते हैं, तो हो सकता है कि अपनी कमियां नजर आये जो हमें पसंद नहीं हैं। लेकिन अगर हम ईश्वर के सामने खड़े होते हैं, तो नजरिया बदल जाता है। हमारे सभी पापों और असफलताओं के बावजूद हम ईश्वर के प्यारे बच्चे हमेशा रहेंगे। संत पापा ने उन्हें दिन की शुरुआत आईने में देखने की बजाय अपने बेडरूम की खिड़की खोलकर चारों ओर की सुंदरता को देखने और ध्यान देने को कहा। संत पाप ने कहा, यदि प्रकृति हमारी दृष्टि में सुंदर है, तो ईश्वर की दृष्टि में आप में से प्रत्येक असीम रूप से अधिक सुंदर है! पवित्र शास्त्र कहता है: "उसने हमें आश्चर्यजनक रूप से बनाया है" (सीएफ स्तोत्र 139:14)। संत पापा ने युवाओं से कहा कि वे ईश्वर को प्यार करने दें। ईश्वर हमेशा उनपर पर विश्वास करते हैं। ईश्वर के प्यार की वजह से वे खुद से प्यार करने में सफल होते हैं।

संत पापा ने कहा “जब आप अपने द्वारा किए गए किसी काम के लिए दुःख महसूस करते हैं, तो आपको एक और प्रकार का आश्चर्य महसूस करना चाहिए: क्षमा का आश्चर्य। उस आश्चर्य में, हम पिता के प्रेममय चेहरे और हृदय की शांति को फिर से खोजते हैं। ईश्वर हमें एक नई शुरुआत करने के लिए अपने प्यार को आलिंगन में उंडेलता है। हमारे द्वारा की गई बुराई को दूर करता है और अपने प्यारे बच्चों के रूप में हमारे भीतर मौजूद अपरिवर्तनीय सुंदरता को पुनर्स्थापित करता है। आइए, हम आलस्य, भय या लज्जा को कभी क्षमा के खजाने को लूटने न दें। हम हमेशा ईश्वर के प्रेम से चकित रहें! हम खुद को फिर से खोज लेंगे: हमारी गहरी वास्तविकता, हमारी अद्वितीय सुंदरता को ईश्वर देखते है ओर हमपर वे विश्वास करते हैं।”

सीरिया के आबोद और उसके भाई से मिलते हुए संत पापा फ्राँसिस
सीरिया के आबोद और उसके भाई से मिलते हुए संत पापा फ्राँसिस

खुद को जानें

संत पापा ने युवाओं को स्वयं को जानने के लिए कहा, "आपका मूल्य इस बात पर है कि आप कौन हैं, यह नहीं कि  आपके पास क्या है" - " आप किस ब्रांड के पोशाक या जूते पहनते हैं।"

उन्होंने उनसे आसान लाभ, उपभोक्तावाद, शारीरिक कल्याण के पंथ, हर कीमत पर मनोरंजन के "आज के सायरन" से उपर देखने का आग्रह किया ...जो आतिशबाजी की तरह एक पल के लिए छा जाते हैं और हवा में धुएं में बदल जाते हैं। "इसीलिए आश्चर्य, विस्मय, विश्वास की सुंदरता को संजोना महत्वपूर्ण है!"

संत पापा ने युवाओं को "सृष्टि, मित्रता, ईश्वर की क्षमा और अन्य लोगों के चेहरों पर आश्चर्य करने" के लिए आमंत्रित करते हुए जोर देकर कहा, "हम ख्रीस्तीय कर्तव्य से नहीं, बल्कि सुंदरता से हैं।"

असली लोगों के चेहरे

अपनी गवाही में, टिनोस धर्मप्रांत की योअन्ना विडाली ने अन्य लोगों के चेहरों के बारे में बात की, विशेष रूप से उसकी माँ और दादी जिन्होंने उसे हर दिन प्रार्थना करना और ईश्वर को धन्यवाद देना सिखाया। संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि इस तरह उनमें स्वाभाविक और वास्तविक विश्वास आया। इसलिए हर चीज के लिए प्रभु की ओर मुड़ने की जरूरत है, "उससे बात करने के लिए, अपनी चिंताओं को उनके साथ साझा करने के लिए"। इस तरह येसु योअन्ना का मित्र बन गया। "ईश्वर के बारे में स्पष्ट विचार रखना पर्याप्त नहीं है, बल्कि अपने जीवन को उनके सामने लाना है। शायद यही कारण है कि इतने सारे लोग ईश्वर को नहीं जानते हैं, क्योंकि वे जो कुछ सुनते हैं वह सब उपदेश और भाषण हैं।"

दूसरी ओर, येसु वास्तविक चेहरों और वास्तविक लोगों के माध्यम से स्वयं को प्रकट करते हैं। ईश्वर हमें धर्मशिक्षा नहीं देते हैं; वे लोगों के जीवन की कहानियों के माध्यम से खुद को प्रस्तुत करते हैं। वह हमारे बीच चलते है।

वास्तविक बनाम आभासी मुलाकात

योअन्ना के जीवन में एक अन्य व्यक्ति एक सिस्टर थी जिसने उसे "जीवन को सेवा के रूप में देखने" का आनंद दिखाया। दूसरों की सेवा करना सच्चे आनंद का मार्ग है, संत पापा ने कहा, "दूसरों की मदद करना हारने वालों के लिए नहीं, बल्कि विजेताओं के लिए है।" संत पापा ने कहा कि कुछ ट्वीट्स पोस्ट करने या आभासी मुलाकात करने से कोई जवान बना नहीं रहता, बल्कि वास्तविक मुलाकातों के माध्यम से विशेष रूप से उन लोगों के साथ जिन्हें मदद की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग आज लगातार सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन वे खुद सामाजिक नहीं हैं: वे अपने आप में कैद हैं, अपने सेल फोन के कैदी बन गये हैं।

संत पापा के स्वागत में नृत्य करते हुए युवा
संत पापा के स्वागत में नृत्य करते हुए युवा

संत पापा ने कहा, "एकता का रहस्य, साझा करने का आनंद, सेवा करने का उत्साह पैदा करें।" "भाईचारे के सपने देखते रहें" क्योंकि "दूसरे लोग ही खुद को खोजने और जानने के मार्ग हैं।"

संत पापा ने स्वीकार किया कि आराम की जिन्दगी और टीवी के सामने सोफे से उठना और बाहर निकलना आसान नहीं है। अपने आप को "दूसरों के लिए खुला रहने, कुछ अतिरिक्त कदम उठाने, दूसरों से अपनी दूरी कम करने, बाधाओं को पार करने के लिए और खुद को प्रशिक्षित करने के लिए आध्यात्मिक अभयास में संलग्न होने की आवश्यकता है।" अन्य लोगों के साथ मिलकर रहना, दूसरों की नवीनता की खोज करना कितना सुंदर है! एकता का रहस्य, बांटने का आनंद, सेवा करने का उत्साह पैदा करें!

दूसरे के द्वारा अपने को पाना

संत पापा फ्रांसिस ने स्लोवाकिया में अपनी यात्रा की याद करते हुए कहा कि वहाँ कुछ युवा में अपने हाथों में बैनर पकड़े थे जिसमें लिखा हुआ था, “फ्रात्तेल्ली तूत्ती”, हम सभी भाई-बहने हैं। मैं उसके पंसद किया। बहुधा हम अपने हाथों में बैनर पकड़े और उसमें अपने विचारों को व्यक्त करते जिसका हम समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वह बैनर अपने में एक नई विचार को व्यक्त कर रहा था जहाँ हम दूसरें को अपने जीवन का अंग समझते हैं। विभिन्न देशों और इतिहासों को होते हुए भी एकता में आप का साथ आना मुझे आनंद से भर देता है, भ्रातृत्व के इस भाव को आप बनाये रखें।

यूनानी भाषा में एक अच्छी कहावत है, “एक मित्र आप का दूसरा भाग है”। संत पापा ने कहा,“हां, दूसरे के द्वारा हम अपने को पाते हैं”। यह स्वाभाविक है कि हम अपने आरामदायक स्थल से बाहर नहीं निकल पाते हैं, दूरदर्शन के सामने बैठना हमारे लिए सहज होता है। यह बुजुर्गों के लिए हैं, युवाओं का नहीं। युवा अपने में प्रक्रिया व्यक्त करते हैं, उन्होंने कहा कि जब आप अकेलेपन का अनुभव करते तो अपने को खोलते हैं, जब आप परीक्षा में पड़ते तो अपने को बंद करते हुए दूसरों को खोजते हैं। आप अपने में एक तरह से आध्यात्मिक व्यायाम का अभ्यास करें। इस देश में विश्व के लिए ओलोंपिक मैराथन को दिया...शारीरिक अच्छाई के साथ हमें आत्मा के स्वास्थ्य को भी देखना है। संत पापा ने युवाओं को यह सुझाव दिया कि वे अपने को दूसरों के लिए खोलने का अभ्यास करें जो उन्हें अपनी बोझ के साथ-साथ दूसरों के बोझ को हल्का करने में मदद करेगा और वे अपने को खुश, युवा और रोमांचकारी जीवन जीने का लुफ्त उठायेंगे।  

बड़ा सपना

अबोऊद के साक्ष्य, जो अपने परिवार के संग युद्धग्रस्त सीरिया से विकट परिस्थितियों में बचकर बाहर निकला संत पापा ने कहा उसकी साहसिक यात्रा को होमर की समुद्री यात्रा बतलाया। उसके पहले उसका पुत्र तेलेमैकस साहसिक यात्रा के द्वारा अपने को बचाया।  

संत पापा ने कहा कि तेलेमैकस अपनी पिता को कभी नहीं जाना, वह अपने में हताश और निराश था क्योंकि वह नहीं जानता था कि उसका पिता जीवित है भी या नहीं। वह अपने को जड़विहीन पाया उसके अंदर बहुत सारी आवाजें आ रही थीं यहाँ तक कि आतेना की देवी की भी जो साहस में उसे अपने पिता की खोज हेतु निकलने को कह रही थीं। अतः वह अपने जहाज को सुसज्जित करता और खोजी अभियान में निकल पड़ता है। संत पापा ने कहा कि जीवन का अर्थ यह नहीं है कि हम आशा में किनारों में बैठे और यही सोचें कि लहरें हमारे कुछ लायेंगी। मुक्ति हमारे लिए खुले समुद्र में हैं जहाँ हम अपने सपनों, सच्चे सपनों की खोज हेतु खुली आंखों से निकल पड़ते और अपने को तूफानों, लहरों और कठिनाइयों से जूझता पाते हैं। उन्होंने कहा कि आप डरें नहीं, बल्कि सपने देखें, एक साथ सपना देखें तेलेमैकस की तरह, वहीं लोग आपकी राहों में रोड़ा उत्पन्न करेंगे। वे कहेंगे,“छोड़ उसे, अपने जीवन को जोखिम में मत डालो, वह बेकार है।” वे अपने सपनों का विनाश करते हैं, आशा के हत्यारे जो अतीत में असाध्य रूप से अटके हुए हैं।

बैठक के दौरान पारंपरिक नृत्य करते युवा
बैठक के दौरान पारंपरिक नृत्य करते युवा

संत पापा फ्रांसिस ने युवाओं को अपने लिए चुनाव करने और निर्णय लेते हुए आशा में बने रहने को उत्साहित किया। चुनाव हमारे लिए एक चुनौती है। यह हमें अनजानों से भयभीत करता है। सही चुनाव करने हेतु आप एक चीज की याद करें, यह अपने लिए सोचने में नहीं अपितु दूसरों के लिए सोचने में निहित है। उन निर्णयों की पूर्ति हेतु कार्य करना हमारे लिए उचित है जिसके लिए हमें साहस की जरुरत है। संत पापा ने युवाओं के शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पिता ईश्वर जो आप को प्रेम करते हैं, उनमें अपनी आशा के साहस को प्राप्त करें। आप एक साथ मिलकर आगें बढ़ते जायें।

एथेंस में युवाओं के साथ संत पापा फ्राँसिस की बैठक

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

06 December 2021, 14:58