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आइन करीम येरुसालेम का गिरजाघर आइन करीम येरुसालेम का गिरजाघर  

पवित्र भूमि के युवाओं से संत पापा: क्षितिज की ओर देखें!

ख्रीस्तीय मीडिया केंद्र को दिये एक संदेश में, संत पापा फ्राँसिस ने बेथलेहम और पवित्र भूमि के युवाओं से बात करते हुए उनसे पवित्र भूमि में अपनी जड़ों के प्रति वफादार रहने का आग्रह किया जहां येसु का जन्म हुआ था और हमेशा क्षितिज की ओर देखने का आग्रह किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 24 दिसम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : इन दिनों कोरोना वायरस महामारी के कारण और अधिक कष्टों का सामना करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र भूमि के युवाओं को क्षितिज की ओर आगे देखने के लिए आमंत्रित किया।

संत पापा ने इस महीने की शुरुआत में अपनी साइप्रस यात्रा के दौरान रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश में पवित्र भूमि के युवाओं से कहा, "मैं आपके करीब हूँ, दूसरे किनारे पर।"  संत पापा ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि वे सदा ही उनके विचारों में हैं।

एक वादा जो कभी निराश नहीं करता

संत पापा ने कहा, "कभी-कभी, आप नहीं जानते कि क्या करना है, कभी-कभी आप सोचते हैं कि वहां कोई भविष्य नहीं है और इसलिए आप कहीं और प्रवास करने की सोचते हैं।" संत पापा  ने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे खुद को “इन नकारात्मक विचारों में न फँसने” दें। "आगे देखें, क्षितिज को देखें! जीवन में हमेशा एक क्षितिज होता है....ईश्वर हमेशा अपने वचन को पूरा करते हैं, वे कभी किसी को निराश नहीं करते।"

उन्होंने कहा कि जब कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो हमारे पास दो विकल्प हैं: हम अपनी निगाहें नीचे करते हैं, या हम क्षितिज की ओर देखते हैं। संत पापा फ्राँसिस ने जोर देते हुए कहा, "आप क्षितिज को देखने की कोशिश करें!" ....ईश्वर हमेशा अपने वचन को पूरा करते हैं, वे कभी किसी को निराश नहीं करते।"

इतिहास में जड़ जमाएं और भविष्य पर दांव लगाएं

संत पापा ने पवित्र भूमि के युवाओं को अपनी भूमि, अपने देश, अपने इतिहास के प्रति प्रतिबद्ध होने और ईश्वर द्वारा दिए गए मानवीय बुलाहट को आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।संत पापा ने कहा, "आप हार न मानें, हमेशा आगे देखें,  अपने लोगों को आगे बढ़ायें। अपनी जड़ें, अपनी सांस्कृतिक संपदा, अपनी धार्मिक संपदा में आगे बढ़ना न छोड़ें!"

संत पापा ने उन्हें उस आशा की याद दिलाई जो क्रिसमस से आती है, ज्योतिषियों का उदाहरण देते हुए संत पापा ने कि उन्होंने जोखिम उठाया और नवजात बच्चे को ईश्वर के पुत्र के रूप में पहचाना।  आप भी अपनी गरीबी में, युद्धों के समय में,  बाधाओं के बीच और स्वतंत्रता की कमी के बीच, येसु की चरनी के बारे में सोचें। बालक येसु ने चरनी से हमारे जो किया, आप भी, विरोधाभास की स्थितियों में, महान कार्य कर सकते हैं! भविष्य पर दांव लगायें, साहस के साथ आगे बढ़े और पायेंगे कि ईश्वर आप पर किस तरह से आशीष प्रदान करते हैं।”

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24 December 2021, 22:59