खोज

संत पापा फ्रांसिस संत पापा फ्रांसिस 

यादों के झरोखे से संत पापा फ्रांसिस

कुछ महीनों पहले संत पापा फ्रांसिस जेमेली पॉलीक्लिनिक में भर्ती थे जहाँ उनका शल्यचिकित्सा हुआ था। वे वहाँ आज भी जाते और खासकर बीमारों और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे लोगों से मुलाकात करते हैं। पिछले जुलाई के महीने में उन्होंने अस्पताल का दौरा किया और अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। वे आज भी वहाँ बिताये गये समय के बारे में सोचते हैं, अस्पताल में छुट्टियां बिताने के लिए मजबूर होना, “उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता, हम केवल विश्वास में ईश्वर के संग बनें रह सकते हैं, और उनसे पूछ सकते हैं, “क्

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 दिसम्बर 2021 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने संत मार्था में इतावली समाचार पत्रों रिपब्लिका और ला स्ताम्पा के संग ख्रीस्त जन्म के अर्थ को बतलाते हुए अतीत की बातों को साझा किया।

अपने साक्षात्कार में उन्होंने आज की स्थिति में क्रिसमस के अर्थ,गरीबों, हाशिए में रहने वाले, शोषि लोगों के बारे में अपने विचार व्यक्त किये और 1940 के दशक ब्यूनस आयर्स में बचपन के दिनों में बिताएं गये छुट्टियों की चर्चा की।

संत पापा, अर्जेटीना में ख्रीस्त जंयती के संबंध में आप किन बातों की याद करते हैंॽ

“कभी-कभी शाम को हम मौसी के पास जाते थे, क्योंकि ब्यूनस आयर्स में और हमारे परिवार में उस समय आज की तरह क्रिसमस की पूर्व संध्या मनाने का कोई रिवाज नहीं था। यह 25 तारीख की सुबह हमेशा दादा-दादी के साथ मनाया जाता था। मुझे एक बात उत्सुकतापूर्ण ढ़ंग से आज भी याद है, हम दादा-दादी के घर पहुंचे, मेरी दादी अभी भी रोटियाँ बना रही थीं, उन्होंने उन्हें हाथ से बनाया था। उन्होंने 400 रोटियाँ बनाई थीं। हम सभी चकित थे। हमारा पूरा परिवार था, चाचा-चाची और चचेरे भाई-बहन सब आए थे। उस समय मैं एक किशोर के रूप में था, मैंने मौसी के घर में क्रिसमस की पूर्व संध्या में आनंद मनाया शुरू किया”।

और आज ख्रीस्त जयंती कैसे मनाते हैंॽ

“मैं खुद को अच्छी तरह से तैयार करता हूँ, क्योंकि क्रिसमस हमेशा एक आश्चर्य होता है। यह प्रभु हैं जो हमसे मिलने आते हैं, और मैं आगमन के रहस्य से उनके आने का अनुभव करता हूँ, प्रतीक्षा की घड़ी और ईश्वर से मिलन हेतु तैयारी करना, सब कुछ को नवीनीकृत करता है। इसके अलावा, मुझे क्रिसमस गाने बहुत पसंद हैं, वे कविता से भरे हुए हैं। “साइलेंट नाइट”, “आप सितारों से नीचे आते हैं”... वे शांति, आशा का संचार करते हैं, ये सारे गाने ईश्वर के जन्म हेतु पृथ्वी पर हमारे लिए खुशी का माहौल बनाते हैं”।

इस क्रिसमस में आप विशेष रुप से क्या सोचते हैंॽ

“सदैव, गरीबों के बारे में। येसु की तरह, जो दरिद्रता में पैदा हुए, उस दिन मरियम एक साधारण नारी थी, क्योंकि उसके पास जन्म देने के लिए पर्याप्त जगह नहीं था। इस तरह मैं सभी भूले हुए, परित्यक्त, हाशिए और खास कर शोषण के शिकार तथा गुलाम बच्चों के बारे में सोचता हूँ। मुझे उन कमजोर वयस्कों और शोषित बच्चों के बार में सुन कर रोना और गुस्सा आता है। और फिर, मैं बीमार बच्चों के बारे में सोचता हूं जो अस्पताल में क्रिसमस बिताएंगे, इसे बयां करने हेतु कोई शब्द नहीं है, हम केवल विश्वास में, ईश्वर से संयुक्त रह सकते हैं, और उनसे सवाल कर सकते हैं, “क्यों?”। और जिन माता-पिता के बच्चे अस्पाल से बाहर हैं, उन्हें इस बात को याद करना चाहिए कि वे कितने भाग्यशाली हैं, वे उन्हें कसकर गले लगाएं और उन्हें अधिक समय दें। मैं उन छोटे बच्चों की पीड़ा को कम करने के लिए हर अस्पताल और बाल चिकित्सा कक्ष के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रशंसा करता हूँ। येसु बम्बीन अस्पताल में एक डॉक्टर है, वह प्रत्येक युवा रोगी का नाम जानती है। यह अपने में असाधारण बात है। हम अक्सर इन चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के दैनिक कार्य की भयावहता का एहसास नहीं करते हैं, हमें उनमें से हरएक के प्रति आभारी होना चाहिए।

कुछ दिनो पहलों आप ने 85 वर्ष पूरे किये....

आप गलती कर रहे हैं मैं 75 वर्ष पूरे किये हैं.... (माजकिये अदांज में)।

आपने बचपन में अपना जन्मदिन कैसे मनाया?

हम घर में पांच भाई-बहन हुआ करते थे। मेरे अलावा मार्टा रेजिना, अल्बर्टो होरासियो, ऑस्कर एड्रियन और मारिया एलेना थे। जन्मदिन हमेशा पूरे परिवार के लिए एक उत्सव हुआ करता था। दादा-दादी और चाचा-चाची... इसमें आया करते थे। मेरी मां पीने के लिए बहुत गाढ़ा,चॉकलेट बनाया करती थी”।

आप बचपन में क्या खेलते थेॽ

“हमारे घर ने निकट एक छोटा प्रांगण हुआ करता था। सड़कें तीन ओर से मिलती हुई एक त्रिकोण का निर्माण करती थीं। वह हमारे लिए फुटबॉल का मैदान था। मोहल्ले के सारे लड़के वहीं खेलते थे, कभी-कभी तो कुछ लड़कियां भी आ जाती थीं। हमेशा चमड़े की गेंद उपलब्ध नहीं होता था और इसलिए हम “पेलोटा डे ट्रैपो” (लत्ता और रैग से बना) लत्ता की गेंद से खेलते थे। अर्जेंटीना में, रैगबॉल उस युग का एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गया है,  यह इतना प्रसिद्ध है कि इस पर एक लोकप्रिय कवि ने “बैलोन ऑफ रैग्स” नामक एक कविता लिखी, साथ ही “बैलोन ऑफ रैग्स” नामक एक फिल्म भी बनाई गई है, जो उस समय की “संस्कृति” को प्रस्तुत करती है”।

क्या आप फुटबॉल अच्छा खेलते थेॽ

“उन्होंने मुझे “पाटा दूरा” उपनाम दिया था जिसे शाब्दिक रुप में “हार्ड लेग” (सक्त पैर) कहेंगे, क्योंकि मैं बहुत अच्छा नहीं था। अतः मैं गोलरक्षक हुआ करता था। गोलकीपर होना मेरे लिए जीवन का एक महान पाठशाला था। एक गोलकीपर को हर तरफ से आने वाले खतरों का जवाब देने हेतु तैयार रहना चाहिए…”।

क्या आप और कुछ दूसरा खेल भी खेलेॽ

“मैंने बास्केटबॉल भी खेला, इसे मैं पसंद करता था क्योंकि मेरे पिताजी सन लोरेंजो बास्केटबॉल टीम के एक स्तंभ थे”।

आप बचपन से किताबें पढ़ा करते थेॽ कैसी किताबेंॽ

“मेरे माता-पिता हमारी पढ़ाई की चिंतित करते थे। मुझे याद है कि बीस भागों की एक श्रृंखला निकली थी, “इल तेसोरो देला जुवेन्तु” (युवाओं का खजाना)। हम इसे दोपहर में एक साथ पढ़ते थे। हमारे घर में टेलीविजन नहीं था। कई बार, रात में खाने के बाद, पिताजी ऊँचे स्वर में उसे पढ़कर हमें सुनाते थे। मुझे अच्छी तरह याद है कि उन्होंने हमारे लिए एडमोंडो डी एमिसिस का “हार्ट” पढ़ा था, और आज भी मुझे “ब्लड ऑफ रोमाग्ना”, की कहानी याद है जिससे मैं बहुत प्रभावित हुआ।

एक बच्चे और एक युवा के रूप में उनके अलावे और किन किताबों ने आपको प्रभावित कियाॽ

“एक युवा के रूप में मैंने जो किताबें पढ़ीं, उनमें रिकार्डो गुइराल्ड्स की “डॉन सेगुंडो सोम्ब्रा” थी; और फिर जॉर्ज लुइस बोर्गेस और फ़ेडर दोस्तोवस्की के उपन्यास, और फ्रेडरिक होल्डरलिन की कविताएँ। पिछले मेरे लिए एक प्रलोभन थे। और फिर, किशोरावस्था में, मैंने आर्चीबाल्ड जोसेफ क्रोनिन की “ग्रीन इयर्स” पढ़ी, मैंने इसके इतालवी संस्करण को फिर पढ़ा जिससे मुझे अपनी भाषा को परिष्कृत करने में सहायता मिली। ये पठन मेरे बचपन और युवावस्था के खजाने थे, क्योंकि उनसे मुझे मजबूती मिली जहाँ मैंने अपने को भावनारूप में प्रेरित होता पाया। पिता ने हमारे लिए पढ़ा, उन्होंने कुओरे (हृदय) नामक पुस्तक से शुरू की। मुझे याद है कि मेरे भाई और मैं इसे सुना कर अक्सर रोया करते थे। कुओर हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा था और यह मेरे लिए एक अविस्मरणीय पुस्तक है। दादी हमारे लिए “इ प्रोमेसी स्पोसी” के कुछ अध्याय पढ़ा करती थी, वे हमें उसे पढ़ने और याद करने में मदद करती थी। मैंने हाल ही में उसे अपने लिए लिया, क्योंकि हर बार जब आप उसे खोलते हैं तो आप उसमें कुछ नया पाते हैं। मेरे पिता अक्सर हमें अपनी स्मरण-शक्ति “इ प्रोमेसी स्पोसी” सुनाते थे और फिर उन्हें हमें समझाते थे”।

आपके पिता एक महान और उम्दा पाठक थे ...

“हाँ, वे बहुत पढ़ते थे। उनके पास एक बड़ा पुस्तकालय था, और वे एक शिक्षित व्यक्ति थे। वे दांते को स्मरण शक्ति में व्यक्त करते थे। उन्होंने हमारी परवरिश हेतु कड़ी मेहनत की, और हमें  कामयाब बनाया। शनिवार को रेडियो ओपेरा की रिकॉर्डिंग प्रसारित होती थी, और मेरी माँ उन्हें सुनती और हमें उनके बारे में बताती थी। वे हमें थिएटर में भी ले जाती थी, मुझे याद है कि हमने थियत्रो कोलोन में टेनर टीटो शिपा देखा था”।

आप बच्चों को कौन-सी किताब पढ़ने का सुझाव देंगे?

“मैं विशिष्ट पुस्तकों की सिफारिश नहीं दूंगा। यह अपने-अपने हित में हो। मैं एक से अधिक किताब पढ़ने की सलाह दूंगा। क्योंकि टेलीविजन के द्वारा मिलने वाले संदेश खतरे से भरे होते हैं वे ज्याद दिन तक नहीं टिकते, जबकि पढ़ना दूसरी बात है। पढ़ने के द्वारा हम पुस्तक के साथ एक संवाद करते हैं। यह आत्मीयता का क्षण है जो न तो टीवी और न ही टैबलेट दे सकता है”।

बर्गोग्लियो घर में भोज की मेज कैसी होती थी?

“मेज पर हम पाँच भाई-बहन होते। हम सब कुछ के बारे में बातें करते थे। हम ला नैसिओन से प्रेरणा लेते, जो हमारे घर पर हर दिन मौजूद रहता था”।

संत पापा के रूप में आप के पास हजारों दैनिक कार्य हैं। क्या आप अपने बीते दिनों की याद कर थोड़ी उदासी महसूस करते हैं?

“मुझे अच्छी चीजें याद आती हैं। विशेष और खास पल। उदाहरण के लिए एक विशेष जन्मदिन, जब मैं 16 साल का था। अर्जेंटीना में, शॉर्ट्स को घुटने की लंबाई के मोज़े संग पहना जाता था। लेकिन 16 साल की उम्र में पुरुषों की पतलून पहनने की प्रथा शुरू हो गई थी। उस समय यह एक समाज में शामिल होने जैसा था। मुझे याद है उस जन्मदिन मेरी नानी, मारिया ...मेरे घर आईं, उन्होंने मुझे एक तरफ बुलाया, और मुझे जन्मदिन के उपहार रूप कुछ पैसे दिए। फिर लंबी पतलून को देख उनकी आंखों में आंसू आ गये।

और दादी रोजा?

“वह अधिक चुपचाप रहती थी। जब वह 13 साल की थी तब दादी मारिया अपने परिवार के साथ एक प्रवासी थी, उन्होंने तुरंत एक फ्रांसीसी घर में काम करना शुरू कर दिया, वहाँ उन्होंने बच्चों की देखभाल की, और भाषा सीखा। और फिर उन्होंने अपने पोते-पोतियों के लिए कई फ्रांसीसी गाने गाए। जबकि दादी रोजा अल्पभाषी थीं, उन्हें बहुत कष्ट हुआ, लेकिन वह सब कुछ समझती थीं। मैंने पहले दादा और मां को खोया, उस समय मैं 16 साल का था। जब मैं 25 साल का था तब दादाजी जियोवानी एंजेलो चल बसे। और फिर दादी जब मैं अर्जेंटीना में येसु समाजी (1973-1978) प्रांतीय अधिकारी था। मुझे अपने दादा-दादी की बहुत याद आती है, लेकिन उनकी  यादें मुझे उदास नहीं करती हैं”।

आपको ऐसा क्यों लगता है?

“शायद यह मेरा अपना व्यक्तिगत प्रशिक्षण है। और शायद थोड़ा इसलिए क्योंकि मैं अपनी मां के गुणों को अपने में धारण करता हूँ, जो हमेशा आगे देखती थी”।

क्या आप किसी और व्यक्ति को विशेष रूप से याद करते हैं, जो अब नहीं है?

“मैं अपने भाइयों के बारे में याद सोचता हूँ जो पहले गुजर गये हैं। अभी मेरी केवल एक बहन, मारिया ऐलेना बची है। मैं उन्हें और अपने सारे मित्रों की याद करता हूँ जो चैन की नींद सो रहे हैं”।

जेमेली पॉलीक्लिनिक में सर्जरी के पांच महीने बाद, आप कैसे हैंॽ

“ईश्वर का शुक्र है मैं ठीक हूँ। ऑपरेशन के निशान ठीक हो रहे हैं, मैं थोड़ा लगंडता हूँ क्योंकि मैं अब जवान नहीं रहा, लेकिन मैं ठीक हूँ। जुलाई में सर्जरी के बाद, मैंने दो अंतरराष्ट्रीय प्रेरितिक यात्राएं की हैं, सितंबर में बुडापेस्ट और स्लोवाकिया, दिसंबर में साइप्रस और यूनान, लेस्बोस के शरणार्थी शिविर में जाते हुए हमने वहाँ मानवता के एक प्लेग का स्पर्श किया है, मैंने अस्सीसी की भी यात्रा की। यदि ईश्वर की इच्छा रही तो मैं 2022 में और भी अन्य यात्राएं करूंगा”।

आपकी आदतों में क्या कोई बदलाव हैॽ

“मेरे दिनचर्या में कुछ भी नहीं बदला है: मैं सदैव सुबह 4 बजे उठता हूं और तुरंत प्रार्थना करना शुरू करता हूँ। इसके बाद विभिन्न तरह की प्रतिबद्धताओं और नियुक्तियों का निपटारा करता हूँ। दोपहर को भोजन उपरांत थोड़ी देर सुस्ता लेता हूँ।

दुनिया महामारी से बाहर निकल रही है जबकि संघर्ष और विभाजन कई स्थानों में बने हैं। आप मानवता के भविष्य को कैसे देखते हैंॽ

“दुनिया का भविष्य तभी निखरेगा जब इसे बनाया जाएगा और जहां इसकी  आवश्यकता है वहाँ हमें मिलकर कार्य करना होगा। केवल सच्चा और सशक्त सार्वभौमिक भ्रातृत्व ही हमें बचाएगा और हमें बेहतर तरीके से जीने देगा। हालांकि, इसका मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संत पापा से शुरू होने वाली कलीसिया, संस्थाएं, वे जिनके पास राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियां हैं और हरएक नागरिक, विशेष रूप से सबसे अमीर देशों, सबसे कमजोर, सबसे संवेदशील क्षेत्रों को अनदेखा नहीं कर सकते, हमें उन्हें नहीं भूलना चाहिए, जो रक्षाहीन, उदासीनता और स्वार्थ के शिकार हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि यह क्रिसमस पृथ्वी पर और अधिक उदारता और एकजुटता का संचार करे। लेकिन सत्य, व्यावहारिक और स्थिरता सिर्फ शब्दों में निहित नहीं है। मुझे उम्मीद है कि क्रिसमस पीड़ित लोगों के दिलों को जोश से भर देगा। यह हमारे दिलों को खोलते हुए इसे मजबूत करेगा ताकि हम जरूरतमंदों की और अधिक मदद करने हेतु प्रज्जवलित हों”। 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 December 2021, 16:37