खोज

संत पापा फ्राँसिस  सात नए राजदूतों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस सात नए राजदूतों को संबोधित करते हुए 

संत पापा राजदूतों से : सभी के लिए टीका न्याय का प्रश्न हैं

संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में सात नए राजदूतों से परिचय पत्र प्राप्त किया। महामारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, संत पापा ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जनहित की सेवा में "मुलाकात की संस्कृति" को आगे बढ़ाने हेतु आमंत्रित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 17 दिसम्बर 2021(वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 17 दिसम्बर को मोल्दोवा, किर्गिस्तान, नामीबिया, लोसोथो, लक्समबर्ग, चाड और गिनी-बिसाऊ के नये राजदूतों से मुलाकात की और वाटिकन में सहृदय स्वागत करते हुए उनका प्रत्यय पत्र स्वीकार किया।

महामारी की चुनौतियां

संत पापा फ्राँसिस ने अपने संबोधन में कहा कि वे एक साल पहले नये राजदूतों का वाटिकन में स्वागत समारोह की याद करते हैं उस समय पूरी दुनिया कोविद-19 महामारी से जूझ रही थी। महामारी से लड़ने के लिए टीके की खोज की गई। इसके बाद टीके लेने की प्रक्रिया के साथ ही आशा के संकेत उभर रहे थे, कि जल्द ही महामारी का अंत हो जाएगा।

महामारी के एक साल बाद भी इसका अंत नहीं हो पाया। इस महामारी के कारण अभी भी कई लोग दुख और पीड़ा में हैं। कईयों ने अपने प्रियजनों को खो दिया।

सभी के लिए टीकों तक पहुंच

संत पापा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सहयोग के अपने प्रयासों को तेज करे ताकि सभी लोगों को टीके उपलब्ध हो सकें। यह सुविधा या शिष्टाचार की बात नहीं है, बल्कि न्याय की बात है।

संत पापा ने कहा कि अभी तक चल रही महामारी की वास्तविकता हमें याद दिलाती है कि हम "एक वैश्विक समुदाय हैं जहां एक व्यक्ति की समस्याएं सभी की समस्याएं हैं।" (फ्रातेल्ली तुत्ती, 32) वर्षों से हमारे सभी चिकित्सा और तकनीकी विकास के बावजूद, कुछ सूक्ष्म जीव ने हमारी दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया है, चाहे हम इसे पूरी तरह से महसूस करें या नहीं। इस अनुभव से सीखने और अपनी आँखें खोलने की तत्काल आवश्यकता है।

मुलाकात की संस्कृति

संत पापा की आशा है कि इस अनुभव के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस तथ्य का अहसास होगा कि हम एक मानव परिवार के सदस्य हैं, हम में से प्रत्येक अपने भाइयों और बहनों के लिए जिम्मेदार है, कोई भी इससे बाहर नहीं है। यह एक ऐसा सत्य है, जो हमें न केवल वर्तमान स्वास्थ्य संकट बल्कि हमारे आम घर और मानवता, गरीबी, प्रवास, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन इत्यादि सभी समस्याओं का सामना एकात्मक तरीके से करने के लिए मजबूर करता है। आगे संत पापा ने कहा हालांकि महामारी ने उदारता, सेवा और बलिदान के व्यक्तिगत और सामूहिक कार्यों के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ मानवता को सामने लाया है, तथापि हमारे मानव परिवार की सेवा में 'मुलाकात की संस्कृति' को आगे बढ़ाने के लिए संस्थागत और अंतर सरकारी स्तर पर बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।

इस संबंध में, परमधर्मपीठ आपकी राजनयिक उपस्थिति एवं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देता है। आपका काम, अक्सर मौन में और सार्वजनिक मान्यता के बिना किया जाता है। एक अधिक न्यायपूर्ण दुनिया के निर्माण हेतु एक साथ काम करने के लिए विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमि के लोगों के साथ संबंधों को विकसित करने की आवश्यकता है। इस कार्य को करने के लिए आपके पास मुख्य साधन संवाद है। राजनयिकों को "संवाद की धैर्यवान और निर्विवाद शक्ति" का एहसास है।

अपने संदेश के अंत में संत पापा ने उन्हें नये मिशन के लिए शुभकामनाएँ दी। संत पापा ने विश्वास दिलाया कि परमधर्मपीठ के कार्यालय सामान्य सरोकार के मामलों, विशेष रूप से मानवता और हमारे आम घर को प्रभावित करने वाले मामलों को संबोधित करने के लिए उपयोगी वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 December 2021, 15:50