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बुधवारीय आम दर्शन के दौरान संत पापा फ्राँसिस  विश्वासियों से मुलाकात करते हुए बुधवारीय आम दर्शन के दौरान संत पापा फ्राँसिस विश्वासियों से मुलाकात करते हुए 

पोप द्वारा दुर्व्यवहार व नौकरी संकट से आहत लोगों के लिए प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने दुर्व्यवहार के शिकार लोगों की रक्षा करने के कर्तव्य को याद किया, क्योंकि 18 नवंबर को यौन दुर्व्यवहार और यौन शोषण के खिलाफ बच्चों के संरक्षण पर यूरोपीय दिवस मनाया जाता है। संत पापा ने इटली के वेनेतो क्षेत्र में संघर्षरत कारखानों के श्रमिकों के प्रति अपनी निकटता भी व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 17 नवम्बर 2021(वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आम दर्शन समारोह के दौरान दुर्व्यवहार पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस को याद करते हुए, उन लोगों के विशिष्ट कार्य पर जोर दिया जो शैक्षिक संदर्भों में युवा लोगों के साथ काम करते हैं जहाँ अनेक तरह के दुर्व्यवहार अक्सर पंजीकृत होते हैं।

इटालियन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन पीड़ितों और बचे हुए लोगों की मानवीय और आध्यात्मिक समर्थन करने के लिए प्रार्थनाओं का आह्वान करता है, जो भी कलीसिया के अंदर या बाहर पीड़ित हुए हैं।

पिछले मार्च में इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने 18 नवंबर को इस दिन की स्थापना की, जो यौन उत्पीड़न और यौन शोषण के खिलाफ बच्चों के संरक्षण पर यूरोपीय दिवस के साथ मेल खाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि यूरोपीय क्षेत्र में 18 वर्ष से कम आयु के 204 मिलियन बच्चों में से 9.6% का यौन शोषण किया गया है।

इटली के इस राष्ट्रीय दिवस का उल्लेख करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने अपनी आशा व्यक्त की कि "यह पहल पीड़ितों के मानवीय और आध्यात्मिक सुधार के मार्ग का समर्थन करने के लिए चिंतन, जागरूकता और प्रार्थना का एक अवसर बने।" उन्होंने शिक्षा, मनोरंजन और प्रशिक्षण के संदर्भ में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को भी रेखांकित किया, "जिनके पास परिवार, पल्ली, स्कूल, मनोरंजक और एथलेटिक माहौल में शैक्षिक जिम्मेदारियां हैं, उन लोगों का अपरिहार्य कर्तव्य है कि उन्हें सौंपे गए किशोरों और युवाओं की रक्षा करें और उनका सम्मान करें," क्योंकि इन संदर्भों में अधिकांश दुर्व्यवहार होता है।

तब संत पापा ने इटली के वेनेतो क्षेत्र में दो ऐतिहासिक कंपनियों के सामने आने वाली आर्थिक कठिनाइयों को याद किया। संत पापा ने इन दोनों कंपनियों में श्रमिकों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की, साथ ही अपील की ताकि इस स्थिति में, जो इतने सारे परिवारों को मुश्किल में डालते हैं, लाभ का तर्क प्रबल नहीं होता है बल्कि निष्पक्ष और एकजुटता-आधारित साझाकरण"। उन्होंने कहा कि "हर काम के मुद्दे के केंद्र में हमेशा मानव व्यक्ति की गरिमा होती है: जब आप अपनी रोटी नहीं कमाते हैं, तो आप अपनी गरिमा खो देते हैं। हमें इन लोगों के लिए बहुत प्रार्थना करनी चाहिए।"

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17 November 2021, 15:40