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2016 में लेसबोस की यात्रा के दौरान मोरिया कैद खाने में शरणार्थियों एवं आप्रवासियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस 2016 में लेसबोस की यात्रा के दौरान मोरिया कैद खाने में शरणार्थियों एवं आप्रवासियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस 

साइप्रस एवं ग्रीस की प्रेरितिक यात्रा के पूर्व पोप का वीडियो संदेश

संत पापा फ्राँसिस ने साइप्रस एवं ग्रीस में अपनी प्रेरितिक यात्रा के पूर्व एक वीडियो संदेश भेजा। साइप्रस एवं ग्रीस में पोप की प्रेरितिक यात्रा 2 से 6 दिसम्बर 2021 के बीच सम्पन्न होगी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 नवम्बर 2021 (रेई)- संत पापा ने संदेश में कहा, "साइप्रस एवं ग्रीस के प्यारे भाइयो एवं बहनो, हमारी मुलाकात के कुछ ही दिन रह गये हैं और मैं आपकी गरिमामय भूमि जो इतिहास, संस्कृति एवं सुसमाचार से समृद्ध है, उसमें एक तीर्थयात्री के रूप में आने की तैयारी कर रहा हूँ। मैं आनन्द के साथ, सुसमाचार के नाम पर, प्रथम महान मिशनरियों खासकर, प्रेरित पौलुस और बर्नाबस के पदचिन्हों पर आ रहा हूँ। मूल की ओर लौटना और सुसमाचार के आनन्द को प्राप्त करना अच्छा है।" संत पापा कहा कि वे इसी भावना के साथ तीर्थयात्रा की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी यात्रा की तैयारी हेतु लोगों से प्रार्थना द्वारा मदद करने का आग्रह किया।

भाईचारा का स्रोत

प्रेरितिक यात्रा के द्वारा भाईचारा के बढ़ने की उम्मीद करते हुए उन्होंने कहा कि आपसे मुलाकात के द्वारा भाईचारा के स्रोत से मेरी प्यास बुझेगी, जो सिनॉडल यात्रा में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेरी मुलाकात स्थानीय ऑर्थोडोक्स कलीसिया के शीर्ष धन्य ख्रीसोसतोमस और हेरोनेमोस से हो सकती है। विश्वास में आप सभी के भाई होने के कारण मुझे स्वागत किये जाने और शांति के प्रभु के नाम पर आप से मुलाकात करने की कृपा प्राप्त होगी।

काथलिक कलीसिया का प्रोत्साहन प्रदान करने

संत पापा ने काथलिक भाई-बहनों एवं अन्य लोगों को सम्बोधित कर कहा कि वे एक छोटे झुण्ड के पास आ रहे है जिसको पिता ईश्वर अत्यधिक स्नेह से प्यार करते हैं और जिनसे येसु भले चरवाहे कहते हैं, "छोटे झुण्ड डरो नहीं।" (लूक. 12:32)

संत पापा ने कहा, "मैं स्नेह से आप सभी के पास आ रहा हूँ ताकि आप सभी को पूरी काथलिक कलीसिया का प्रोत्साहन प्रदान कर सकूँ।"

साथ रहने का स्रोत है आपसी स्वीकृति

प्रेरितिक यात्रा को संत पापा ने यूरोप के पुराने जलस्रोत से पीने का अवसर कहा, लेकिन कहा कि आज भी यूरोप भूमध्यसागर को अनदेखा नहीं कर सकता। यही वह सागर है जिसने सुसमाचार के प्रसार एवं महान सभ्यता के विकास को देखा है। हमारा सागर जो कई भूमियों को जोड़ता है हमें एक साथ चलने का निमंत्रण देता है, खासकर, महामारी के खिलाफ संघर्ष करने एवं जलवायु संकट का सामना करने के लिए।

समुद्र जो अपनी खुली बाहों से कई लोगों का आलिंगन करता है हमें स्मरण दिलाता है कि एक साथ रहने का स्रोत है आपसी स्वीकृति। संत पापा ने उन लोगों की याद की जो युद्ध और गरीबी के कारण समुद्र के रास्ते से पलायन कर रहे हैं और स्वागत किये जाने के बदले विरोध और शोषण के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे हमारे ही भाई बहनें हैं। समुद्र में कितने लोगों ने जान गवाँ दी है। भूमध्यसागर आज बड़ा कब्रस्थान बन गया है। संत पापा ने जानकारी दी कि वे मानवता के स्रोत की तीर्थयात्री के रूप में लेसबोस जाएँगे।     

वीडियो संदेश के अंत में संत पापा ने कहा कि वे इन्हीं भावनाओं के साथ उनसे मुलाकात करना चाहते हैँ। उन्होंने उनके लिए सर्वशक्तिमान ईश्वर से आशीष की याचना की तथा उनकी आशाओं, आकांक्षाओं एवं चिंताओं के साथ उन्हें ईश्वर को समर्पित किया।   

 

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27 November 2021, 12:19