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ग्लासगो में कोप 26 के समापन की पूर्व संध्या पर जागरण प्रार्थना ग्लासगो में कोप 26 के समापन की पूर्व संध्या पर जागरण प्रार्थना 

पोप ने सृष्टि की देखभाल में असफलता पर ईश्वर के न्याय की चेतावनी

स्कॉटलैंड के काथलिकों को प्रेषित एक पत्र में संत पापा फ्राँसिस ने पर्यावरण पर कोप 26 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं के लिए "प्रज्ञा एवं शक्ति" की याचना की है एवं चेतावनी दी है कि यह अवसर व्यर्थ न हो अन्यथा हमें ईश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 11 नवम्बर 2021 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने स्कॉटलैंड के काथलिकों को प्रेषित पत्र में कहा है कि "समय समाप्त हो रहा है।" पत्र को ग्लासगो के महाधर्माध्यक्ष द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने कहा है कि "कोप 26 शिखर सम्मेलन के अवसर को व्यर्थ नहीं जाना चाहिए अन्यथा हमें सौंपी गई दुनिया के विश्वस्त करिंदा बने रहने में असफल होने के कारण ईश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा।"

हमारे समय का एक महान नैतिक मुद्दा

संत पापा ने स्कॉटलैंड के सम्मेलन में भाग नहीं लेने और वहाँ के काथलिकों से मुलाकात नहीं कर पाने के लिए खेद प्रकट किया है। हालांकि उन्होंने विश्वासियों के प्रति आभार प्रकट किया है कि उन्होंने उनके मतलब एवं सम्मेलन के फलप्रद परिणाम के लिए प्रार्थना की है जो हमारे समय के एक महान नैतिक मुद्दे का सामना कर रहे है ˸ ईश्वर की सृष्टि की रक्षा करने, जो हमें एक उद्यान के रूप में खेती करने एवं हमारे मानव परिवार के लिए आमघर के रूप में दी गई है।   

उन्होंने नेताओं के लिए "ज्ञान और शक्ति" हेतु प्रार्थना करने का आह्वान किया है ताकि वे "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का मार्गदर्शन कर सकें जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के प्रति जिम्मेदारी से प्रेरित ठोस निर्णयों के साथ गंभीर चुनौती का सामना करना चाहते हैं।"

निष्ठावान बने रहना

पत्र को संत पापा ने 9 नवम्बर को संत जॉन लातेरन महागिरजाघर के समर्पण के पर्व के दिन प्रेषित किया था जो विश्वास में कलीसिया की शीर्ष संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के साथ एकता एवं उदारता का प्रतीक है। उन्होंने स्कॉटलैंड के विश्वासियों से अपने लिए एवं धर्माध्यक्षों के लिए भी प्रार्थना की मांग की है तथा उन्हें प्रोत्साहन दिया है कि वे प्रभु एवं उसकी कलीसिया के प्रति निष्ठा में दृढ़ बने रहें।  

नवीकृत प्रतिबद्धता

उन्होंने कहा कि इस चुनौतिपूर्ण समय में स्कॉटलैंड में ख्रीस्त के सभी अनुयायी अपनी प्रतिबद्धता को नवीकृत करें ताकि वे सुसमाचार के आनन्द एवं इसकी शक्ति के सच्चे साक्षी बन सकें तथा न्याय, भाईचारा एवं समृद्धि के भविष्य का निर्माण करने के हर प्रयास को प्रकाश एवं आशा प्रदान कर सकें, भौतिक एवं आध्यात्मिक दोनों रूपों में।  

पोप फ्रांसिस ने अपने पत्र के अंत में स्कॉटलैंड के काथलिकों को अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया है तथा उन्हें कलीसिया की माता मरियम की प्रेमपूर्ण मध्यस्थता के सिपूर्द किया है।  

ग्लासगो में कोप 26 का शिखर सम्मेलन 12 नवम्बर को समाप्त होगा।

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11 November 2021, 15:44