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देवदूत प्रार्थना ˸ भलाई करनेवाले अनन्त जीवन की पूँजी जमा करते है

संत पापा फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना के पूर्व विश्वासियों को भौतिक वस्तुओं और भौतिक दिखावे की क्षणिक प्रकृति पर विचार करने के लिए प्रेरित किया और अपने जीवन को ईश्वर के वचन पर आधारित करने हेतु आमंत्रित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार 14 नवम्बर 2021 (रेई)- वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 14 नवम्बर को गरीबों के लिए विश्व दिवस के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ येसु के एक शब्द से शुरू होता है जो हमें अचम्भित कर देता है। "उन दिनों के संकट के बाद सूर्य अंधकारमय हो जायेगा, चंद्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिर जायेंगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जायेंगी। (मार. 13,24-25) लेकिन कैसे, प्रभु भी प्रलय करना शुरू कर सकते हैं? जी नहीं, यह उनका मकसद नहीं है। वे हमें समझाना चाहते हैं कि जल्दी या देरी से इस दुनिया का सब कुछ समाप्त हो जाएगा। यहाँ तक कि सूर्य, चंद्रमा और तारे जो आकाश बनाते हैं और जो दृढ़ता एवं स्थायित्व को इंगित करते हैं वे भी टल जायेंगे।  

जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए प्रेरित

अंत में येसु बतलाते हैं कि क्या नहीं टल सकता। "आकाश और पृथ्वी टल जाएँ तो टल जाएँ परन्तु मेरे शब्द कभी नहीं टल सकते। (पद. 31) येसु अंत के पहले की चीजों जो टल जायेंगी और अंतिम चीजों जो समाप्त नहीं होंगी उनके बीच अंतर करते हैं। संत पापा ने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि हम जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए प्रेरित हों। हमारे जीवन में किन चीजों के लिए पूँजी जमा करना फायदेमंद है? समाप्त होनेवाली चीजों के लिए अथवा प्रभु के शब्दों के लिए जो हमेशा बने रहते हैं? निश्चय ही इसी चीज पर। किन्तु यह आसान नहीं है। निश्चय ही, जो चीजें हमारी इंद्रियों को संतुष्टि प्रदान करती हैं, वे हमें आकर्षित करती हैं जबकि प्रभु के शब्द सुन्दर हैं फिर भी शीघ्र और आवश्यक धीरज से परे जाते हैं। हम उन्हीं चीजों से चिपके रहना चाहते हैं जिन्हें हम देख और छू सकते हैं और जो हमारे लिए सुरक्षित लगते हैं। यह मानवीय है, प्रलोभन है। किन्तु झूठा है क्योंकि प्रभु कहते हैं स्वर्ग और पृथ्वी टल जायेंगे किन्तु मेरे शब्द नहीं टल सकते। अतः निमंत्रण है कि हम बालू में घर न बनायें। जब एक घर बनाया जाता है। तब गहरी खोदी जाती है एवं नींव मजबूत बनाया जाता है। केवल मूर्ख ऐसा कह सकता है कि यह उस चीज के लिए पैसे की बर्बादी है जिसको देखा ही नहीं जा सकता। येसु के लिए एक विश्वासी शिष्य वह है जो वचन रूपी चट्टान पर जीवन की नींव डालता है जो कभी नहीं टलेगा। (मती.7,24-27) येसु के शब्दों की दृढ़ता ही जीवन का आधार है जैसा येसु हमसे चाहते हैं और जो कभी समाप्त नहीं होगा।"  

पृथ्वी पर स्वर्ग का निर्माण

संत पापा ने विश्वासियों को चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, "जब कभी हम ईश वचन का पाठ करते हैं हम अपने आप से सवाल करें ˸ ईश वचन का केंद्रबिन्दु क्या है, उसके हृदय की धड़कन क्या है? संक्षेप में, जीवन को क्या साथ देगा और कभी समाप्त नहीं होगा? संत पौलुस बतलाते हैं कि जो केंद्रबिन्दु है और जो समर्थन देगा वह है प्रेम। प्रेम कभी समाप्त नहीं होगा। (1कोर 13,8) जो लोग भलाई करते हैं वे अनन्त जीवन के लिए पूँजी जमा करते हैं। जब हम किसी उदार, मददगार, विनम्र और धर्यशील  व्यक्ति को देखते हैं जो ईर्ष्या नहीं करता, शिकायत नहीं करता, घमंड नहीं करता, अभिमान से नहीं फूलता, किसी का अनादर नहीं करता (1कोर.13,4-7) तो यही वह व्यक्ति है जो पृथ्वी पर स्वर्ग बनाता है। शायद वह अधिक प्रसिद्ध न हो, उसका कोई कैरियर न हो, न ही सुर्खियों में रहता हो फिर भी वह जो करता है वह कभी नहीं खोयेगा क्योंकि अच्छाई कभी नहीं खोता, यह हमेशा बना रहता है।"

सब कुछ समाप्त होगा केवल प्रेम रह जायेगा   

हम अपने आप से पूछें ˸ मैं जीवन को किस चीज में पूँजी लगा रहा हूँ? हमारे जीवन को किस चीज के लिए जमा कर रहे हैं। समाप्त होने वाली चीजों जैसे- धन, सफलता, दिखावा शारीरिक कुशलता इत्यादि के लिए? संत पापा ने कहा कि इन चीजों से हमें कुछ हासिल नहीं होगा। क्या हम दुनिया की चीजों से आसक्त हैं मानो कि हमें हमेशा जीवित रहना है। हम जब तक जवान और सुस्वस्थ हैं सब कुछ ठीक है लेकिन जब जाने का समय आयेगा हमें सब कुछ छोड़ना होगा। ईश्वर का वचन हमें चेतावनी देता है। दुनिया समाप्त हो जायेगी केवल प्रेम रह जायेगा, अतः ईश वचन को जीवन का आधार बनाना इतिहास से भागना नहीं है। यह पृथ्वी की सच्चाई में प्रवेश करना है उसे ठोस बनाना और प्रेम से बदल देना है, उनमें अनन्त की छाप लगाना है ईश्वर की मूहर। यह एक महत्वपूर्ण चुनाव है। जब मैं नहीं जनता कि क्या करूँ, किस तरह सही चीज का चुनाव करूँ, ऐसा चुनाव जिसमें येसु का प्रेम है तो मुझे क्या करना चाहिए? निर्णय करने से पहले हम कल्पना करें कि हम जीवन के अंतिम समय में प्रभु के सामने खड़े हैं, उनके सामने जो प्रेम हैं। और उनके सामने, अनन्त के बारे सोचते हुए आज के लिए निर्णय करें। हमें हमेशा अनन्त जीवन की याद करते हुए, येसु को देखते हुए निर्णय करना चाहिए। यह तुरन्त नहीं आयेगा, शीघ्र नहीं होगा किन्तु यही अच्छा है, जो निश्चित है। (संत इग्नासियुस लोयोला, आध्यात्मिक साधना, 187)  

माता मरियम हमें जीवन में महत्वपूर्ण चुनाव करने में मदद दे जैसा कि स्वयं उन्होंने किया, प्रेम के अनुसार, ईश्वर के अनुसार चुना।     

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

ख्रीस्त गरीबों में उपस्थित

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने गरीबों के लिए विश्व दिवस की याद करते हुए कहा, "आज हम 5वाँ विश्व गरीब दिवस मना रहे हैं जिसकी उत्पति करुणा की जयन्ती के फल के रूप में हुआ था। इस साल इसकी विषयवस्तु येसु के शब्दों में है, "गरीब हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे।" और यह सच है। मानव प्रगति कर रहा है, विकास हो रहा है किन्तु गरीब हमेशा हमारे साथ रहेंगे, यह स्थिति हमेशा एक समान रहेगी और ख्रीस्त उनमें उपस्थित रहते हैं। ख्रीस्त गरीबों में उपस्थित रहते हैं। 12 नवम्बर को असीसी की यात्रा की याद करते हुए उन्होंने कहा कि परसों असीसी में हमने साक्ष्य और प्रार्थना के एक दृढ़ समय का अनुभव किया। संत पापा ने इसे जारी रखने की सलाह दी। उन्होंने उन एकजुट प्रयासों के प्रति आभार प्रकट किया जिनका आयोजन धर्मप्रांतीय एवं पल्ली स्तर पर दुनियाभर में किये गये हैं।

आमघर की देखभाल द्वारा सक्रिय नागरिक बनें

उन्होंने नेताओं का आह्वान करते हुए कहा, "गरीबों की पुकार, पृथ्वी की पुकार के साथ इन दिनों ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र के कोप 26 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में गूँजा। मैं राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से जिम्मेदार लोगों को प्रोत्साहन देता हूँ कि वे शीघ्र साहस एवं दूरदर्शिता से कारर्वाई करें। साथ ही, उन्होंने सभी भली इच्छा रखने वाले लोगों को भी निमंत्रण दिया कि वे आमघर की देखभाल द्वारा सक्रिय नागरिक होने का एहसास करें।" संत पापा ने जानकारी दी कि आज गरीबों के लिए विश्व दिवस से लौदातो सी मंच से लिए नमांकन शुरू होगा जो समग्र पारिस्थितिकी को प्रोत्साहन देता है।

विश्व मधुमेह दिवस

संत पापा ने विश्व मधुमेह दिवस की याद दिलाते हुए कहा कि यह बहुत सारे लोगों को पीड़ित करता है यहाँ तक कि युवाओं और बच्चों को भी। उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा, "मैं उनके तथा उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करता हूँ जो उनके दुःख को साझा करते हैं, खासकर, स्वास्थ्यकर्मी एवं स्वयंसेवक जो उनकी मदद करते हैं।"

तत्पश्चात् संत पापा ने रोम के विश्वासियों एवं विभिन्न देशों के तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।  

अंत में, उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।     

देवदूत प्रार्थना में संत पापा का संदेश

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14 November 2021, 15:57