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पोप फ्रांसिस, फादर फेदरिको लोम्बारदी एवं रतजिंंगर पुरस्कार विजेता पोप फ्रांसिस, फादर फेदरिको लोम्बारदी एवं रतजिंंगर पुरस्कार विजेता 

रतजिंगर पुरस्कार मानवीय और आध्यात्मिक विरासत को समृद्ध करता है, पोप

संत पापा फ्राँसिस ने 13 नवम्बर को संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के सम्मान में स्थापित रतजिंगर पुस्कार वितरण समारोह के अवसर पर पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी तथा याद किया कि सम्मान, संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के नाम पर दी जाती है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 13 नवम्बर 2021 (रेई)- समारोह में कार्डिनल रवासी, मोनसिन्योर वोदेरहोल्जर और फादर फेदरिको लोम्बारदी उपस्थित थे। इस साल प्रोफेसर हन्ना बारबरा जेर्ल – फोलकोविज और प्रोफेसर लुजर स्कविंहोर्स्ट शोनबेरजर को रतजिंगर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

रतजिंगर पुस्कार

संत पापा ने रतजिंगर पुस्कार समारोह में पुनः एक साथ आ पाने के लिए खुशी जाहिर की तथा कहा कि विद्वानों और कलाकारों के उच्च सांस्कृतिक गुणों को पहचान देना संस्कृति जगत में कलीसिया की उपस्थिति और सेवा का एक टिकाउ संबंध स्थापित करता हैI

संत पापा ने कहा कि मानव बुद्धि और आत्मा की गतिशीलता, ज्ञान हासिल करने और रचना करने में सचमुच असीम है। यह प्रयास ईश्वर प्रदत्त उत्साह का परिणाम है जिन्हें उन्होंने अपने प्रतिरूप गढ़ा है। जो सृष्टि और इतिहास में हमेशा नया अर्थ पाते तथा चीजों को आकार देने एवं बदलने में आत्मा की जीवन शक्ति को व्यक्त करते हैं।

आपार आध्यात्मिक धरोहर

संत पापा ने शोध कार्य के लिए कड़ी मेहनत पर गौर करते हुए कहा कि अनुसंधान और कला का फल संयोग और बिना प्रयास के परिपक्व नहीं होता। अतः पहचान उस लम्बे और धर्यशील प्रतिबद्धता पर भी ध्यान देता है जिसके द्वारा वे परिवक्वता तक पहुँचते हैं। धर्मग्रंथ ईश्वर की सृष्टि को एक "कार्य" के रूप में प्रस्तुत करता है। संत पापा ने कहा कि इसलिए हम न केवल विचारों एवं लेख की गहराई या कलात्मक कार्य की सुन्दरता की सराहना करते हैं बल्कि महान मानवीय एवं आध्यात्मिक समृद्धि को बांटने हेतु कई सालों तक उदारतापूर्वक व्यतीत किये गये समय एवं उत्साह के लिए भी उनका सम्मानित करते हैं। यह व्यक्ति की भावना एवं प्रतिष्ठा को ऊपर उठाने, मानव समुदाय में गुणवत्तापूर्ण संबंध बनाने और कलीसिया के मिशन की फलप्रदता के लिए एक मूल्यवान सेवा है।  

संत पापा ने पुरस्कार विजेताओं के कार्यों पर गौर करते हुए कहा कि "वे हमें ईश्वर और दूसरों के साथ अधिक गहराई से संबंध स्थापित करने हेतु चिंतन करना सिखाते हैं, मानवीय कार्यों को मूल्यों से प्रेरित होकर करने और सबसे बढ़कर प्रेम से प्रेरित होकर करने की सीख देते हैं।"

जोसेफ रतजिंगर

संत पापा ने जोसेफ रतजिंगर (पोप बेनेडिक्ट 16वें) के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इन शिक्षकों में एक ऐसे ईशशास्त्री को भी गिना जाना चाहिए जो इन सभी दिशाओं के प्रति अपने चिंतन और सांस्कृतिक संवाद को एक साथ खोलने और पोषित करने में सक्षम हैं, क्योंकि विश्वास और कलीसिया हमारे समय में मौजूद है एवं सत्य की हर खोज का समर्थक है।

संत पापा ने पोप बेनेडिक्ट 16वें के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, "यह उपयुक्त है कि इस पुरस्कार का नाम मेरे पूर्वाधिकारी के नाम पर स्थापित है। अतः यह मेरे लिए एक अवसर है कि मैं आप सभी के साथ पुनः उन्हें अपना स्नेह, कृतज्ञता एवं सराहना व्यक्त करूँ। संत पापा ने याद किया कि कुछ महीनों पहले उन्होंने पोप बेनेडिक्ट के पुरोहिताभिषेक की 70वीं वर्षगाँठ के अवसर पर एक साथ प्रभु को धन्यवाद दिया था और कहा कि हम प्रार्थना में उनके साथ का अनुभव करते हैं। उन्होंने उनके अध्ययन के उत्साह, शोध, लेखन, मौखिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक अनुसंधान को अपने विश्वास एवं कलीसिया की सेवा के साथ पूरी तरह और सामंजस्य पूर्वक जोड़ने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

पोप फ्राँसिस ने याद दिलाया कि संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने अपने परमाध्यक्षीय काल के अंत कर अध्ययन किया और लिखा। "करीब 10 साल पहले जब वे अपने परमाध्यक्षीय काल समाप्त कर रहे थे वे येसु में त्रित्व को पूरा करने में व्यस्त थे और इस तरह उन्होंने प्रभु के चेहरे की लगातार खोज का अपना एक खास व्यक्तिगत साक्ष्य छोड़ दिया है। हम इसे प्रेरित और प्रोत्साहित महसूस करते हैं और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देते हैं।"

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13 November 2021, 14:54