संत पापा युवाओं सेः अपने दिल में येसु को रखें व सपने देखें
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 22 नवम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : काथलिक कलीसिया के वार्षिक पंचाग अनुसार वर्ष के 34वें रविवार को कलीसिया ख्रीस्त राजा का महोत्सव मनाती है। इसी दिन काथलिक कलीसिया के युवा अपने धर्मप्रांतों में विश्व युवा दिवस मनाते हैं। रोम धर्मप्रांत के युवाओं ने भी संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस की अध्यक्षता में ख्रीस्त राजा पर्व के साथ-साथ विश्व युवा दिवस मनाया।
समारोह के लिए चयनित पाठों पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि सुसमाचार लेखक संत जॉन के रहस्योद्घाटन में और पहले पाठ में भविष्यवक्ता दानियल द्वारा पूर्वाभास, "वह बादलों के साथ आ रहा है" के शब्द हैं।दूसरी छवि सुसमाचार की है: मसीह जो पिलातुस के सामने खड़े हैं और उससे कहते हैं: "मैं राजा हूँ।"
इन दो वाक्यांशों पर विचार करते हुए, संत पापा ने युवाओं को "जरा रुकने और येसु की इन दो छवियों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया, जैसा कि वे लिस्बन में होने वाले विश्व युवा दिवस 2023 की ओर यात्रा कर रहे हैं।
संत पापा ने कहा कि पहली छवि: येसु जो बादलों के साथ आते हैं, समय के अंत में मसीह के महिमा में आने का आह्वान करते हैं। संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "यह हमें एहसास दिलाता है कि हमारे जीवन पर अंतिम शब्द येसु का होगा।"
संत पापा ने कहा, "येसु 'बादलों के साथ' हमें आश्वस्त करने के लिए आते हैं।" "मानो वे कहते हैं : 'जब तूफ़ान तेरे जीवन पर छा जाए, तब मैं तुझे अकेला न छोडूंगा। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। मैं उज्ज्वल आकाश से तुम्हें वापस लेने आउँगा।”
दूसरी ओर, नबी दानियल "हमें बताते हैं कि उसने रात्रि के दृश्य में प्रभु को बादलों के साथ आते हुए देखा था।"
संत पापा ने युवाओं को "रात्रि दर्शन में देखने" के लिए प्रोत्साहित किया। दूसरे शब्दों में, उन्होंने कहा, "अंधेरे के बीच भी अपनी आंखों को खुला रहने दें। हम अपने दिलों में या अपने चारों ओर जो भी अंधेरा देखते हैं, उसके बीच कभी भी प्रकाश की तलाश करना बंद न करें। ”
येसु को अपने जीवन का सपना बनाएं
संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं से कहा कि उन्हें "एक रोमांचक लेकिन एक चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा गया है: जब तक हमारे चारों ओर सब कुछ ढह रहा हो, तब तक खड़े रहना; रात्रि दर्शन में प्रकाश देखने के लिए प्रहरी बनना; खंडहरों के बीच निर्माता बनना और सपने देखने में सक्षम होना है।”
संत पापा ने उन्हें यह भी बताया कि जब वे सपने देखते हैं तो हर कोई उनका आभारी होता है, क्योंकि "जब आप येसु को अपने जीवन का सपना बनाते हैं, और आप उसे खुशी और उत्साह के साथ गले लगाते हैं, तो यह सभी के लिए अच्छा है।"
संत पापा फ्राँसिस ने आगे कहा, "एक ऐसे संसार में जो केवल वर्तमान लाभ के बारे में सोचता है, जो महान आदर्शों का गला घोंटता है, आपने सपने देखने की क्षमता नहीं खोई है, इसके लिए आपको धनयवाद। यह हम वयस्कों और कलीसिया की भी मदद करता है।”
दूसरी छवि : येसु जो पिलातुस से कहते हैं: "मैं राजा हूँ", संत पापा ने कहा कि हम कैसे "येसु के दृढ़ संकल्प, उनके साहस, उनकी सर्वोच्च स्वतंत्रता से प्रभावित हैं।" संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "येसु ने अपनी पहचान नहीं छिपाई, उन्होंने अपने इरादों को छुपाया नहीं, या उस परिस्थिति का लाभ नहीं उठाया जो पिलातुस ने उनके लिए छोड़ा था। सच्चाई से पैदा हुए साहस के साथ, उन्होंने उत्तर दिया: 'मैं राजा हूँ'। उन्होंने अपने जीवन की जिम्मेदारी खुद ली।"
संत पापा ने कहा, येसु का अनुसरण करने और आंतरिक रूप से स्वतंत्र होने से, हम जीवन को "जैसा है वैसा ही देखते हैं", और "वर्तमान के फैशन और उपभोक्तावाद के प्रदर्शन से धोखा नहीं खाते हैं जो हमारी आंखों को चकाचौंध करते हैं।" दोस्तों, उन्होंने आगे कहा, "हम यहां दुनिया के सायरन से मंत्रमुग्ध होने के लिए नहीं हैं, बल्कि अपने जीवन को हाथ में लेने के लिए, 'जीवन को पूरी तरह से जीने के लिए हैं।" "इस तरह, येसु की स्वतंत्रता के साथ, हमें धारा के विरुद्ध तैरने का साहस मिल जाता है।"
अपने प्रवचन को समाप्त करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं से बड़े होने पर भी सपने देखना जारी रखने का आग्रह किया; "स्वतंत्र और प्रामाणिक बनें, समाज की आलोचनात्मक व सकारात्मक विवेचक बनें।"
उन्होंने कहा, "सच्चाई के बारे में भावुक हो, ताकि, अपने सपनों के साथ, आप कह सकें: "मेरा जीवन दुनिया की मानसिकता के लिए बंदी नहीं है: मैं स्वतंत्र हूँ, क्योंकि मैं न्याय, प्रेम और शांति के लिए येसु के साथ शासन करता हूँ।"
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