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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

एचआईवी/एड्स रोगियों के मददगारों के प्रति संत पापा का आभार

संत पापा फ्राँसिस ने 1980 और 1990 के दशक में एचआईवी/एड्स महामारी के चरम के दौरान कलीसिया के कुछ प्रतिनिधियों के काम पर पत्रकार और पॉडकास्ट के मेजबान माइकल ओ'लफलिन को एक पत्र लिखा। संत पापा ने इन लोगों द्वारा दिखाई गई "दया" की प्रशंसा की है, जिनमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो अपने पेशे और प्रतिष्ठा को खतरे में डालते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 17 नवम्बर 2021(वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने कई पुरोहितों, धर्मबहनों और लोकधर्मीयों के प्रति आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक में एचआईवी और एड्स रोगियों की मदद की, यहां तक कि अपने जीवन की कीमत पर भी, जब तत्कालीन अज्ञात वायरस की महामारी में लगभग 100% मृत्यु दर थी।

संत पापा ने माइकल ओ'लफलिन, पत्रकार, अमेरिकी पत्रिका "अमेरिका" के संवाददाता और हाल ही में "हिडन मर्सी: एड्स, कैथोलिक एंड द अनटोल्ड स्टोरीज ऑफ कम्पैशन इन द फेस ऑफ फियर"  (छिपी दया: एड्स, काथलिक और डर के सामने करुणा की अनकही कहानियाँ) नामक प्रकाशन के लेखक को लिखे एक पत्र में इन व्यक्तियों की सेवा को स्वीकार किया।

संक्षिप्त पत्र में, संत पापा लिखते हैं: "कई पुरोहितों, धर्मबहनों और सामान्य लोगों के जीवन और गवाही को रोशन करने के लिए धन्यवाद, जिन्होंने अपने पेशे और प्रतिष्ठा के बहुत बड़े जोखिम के साथ एचआईवी और एड्स से पीड़ित अपने भाइयों और बहनों की सेवा करने, समर्थन करने और उनकी मदद करने का रास्ता चुना।

संत पापा आगे कहते हैं, "उदासीनता, अलगाव और यहां तक ​​कि निंदा के बजाय, इन लोगों ने खुद को पिता ईश्वर की दया से प्रेरित होने दिया और इसे अपने स्वयं के जीवन द्वारा काम करने दिया; एक दया जो विवेकपूर्ण, मौन और छिपी हुई है, लेकिन फिर भी हम में से प्रत्येक के लिए जीवन और इतिहास को बनाए रखने और पुनर्स्थापित करने में सक्षम है।"

कलीसिया की देखभाल और सहायता का मिशन

एड्स रोगियों की देखभाल और सहायता, आध्यात्मिक सहायता सहित, आज कलीसिया के मिशन का हिस्सा है, तथापि, अतीत में हमेशा ऐसा नहीं था।

1980 के दशक की शुरुआत में, जब वैज्ञानिकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ रोगियों में तत्कालीन नई, घातक बीमारी की शुरुआत की खोज की, तो अपने शुरुआती चरणों में एक सामाजिक आतंक तेजी से फैल गया जिसके परिणामस्वरूप इससे संक्रमित लोगों के प्रति भेदभाव और दूरी शुरु हो गया और समाज में कलंक का कारण बना।

कलंक और भेदभाव

न्यूयॉर्क शहर में, जहां एड्स के मामलों की उच्च दर थी, बीमारों को कभी-कभी अस्पतालों द्वारा भी खारिज कर दिया जाता था। अस्वीकृति ने विशेष रूप से समलैंगिकों को प्रभावित किया, जिनके बीच एड्स के मामलों का व्यापक प्रसार हुआ। वास्तव में, इस बीमारी को शुरू में समलैंगिक संबंधी इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम के रूप में संदर्भित किया गया था और लंबे समय तक, समलैंगिकों को नौकरियों से निकाल दिया गया और पल्लियों से भी बाहर दिया गया, क्योंकि कलीसिया के अधिकारियों में कई सदस्य थे जिन्होंने वायरस को "अनैतिक यौन व्यवहार के लिए ईश्वर की ओर से दंड।" के रूप में संदर्भित किया था।

कलकत्ता की संत मदर तेरेसा

अस्वीकृति और भय के इस माहौल के बीच में ही मदर टेरेसा ने हस्तक्षेप किया। 1985 में क्रिसमस पर, मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्थापिक, अल्बानियाई धर्मबहन ने न्यूयॉर्क के तत्कालीन महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल टेरेंस कुक से संपर्क किया, उसी भावना के साथ जिसके साथ उन्होंने कलकत्ता में कोढ़ियों और भारत में "अछूतों" की सेवा की थी, न्यूयार्क में "गिफ्ट ऑफ लव" की स्थापना की, जो एड्स रोगियों के स्वागत और देखभाल का एक सेवाकेंद्र है।

संत मदर तेरेसा से पहले भी, कई पुरोहितों धर्मबहनों और आम लोगों ने खुद को बीमारों की सहायता और देखभाल के लिए समर्पित किया है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका में और विशेष रूप से 1982-1996 के बीच, महामारी के चरम के दौरान। परोपकार के इस कार्य के साथ-साथ उन्हें न्याय और पूर्वाग्रह के विरुद्ध एक लड़ाई भी लड़नी पड़ी।

2008 में, संत पापा फ्राँसिस ने स्वयं ब्यूनस आयर्स के महाधर्माध्यक्ष के रूप में पवित्र गुरुवार समारोह के दौरान 12 एचआईवी/एड्स रोगियों के पैर धोए। जनवरी 2019 में विश्व युवा दिवस समारोह के लिए पनामा की अपनी यात्रा के दौरान,संत पापा ने ‘कासा होगार बुएन सामरितानो’ का दौरा किया, जहाँ कई एचआईवी पॉजिटिव लोग रहते हैं।

उस अवसर पर, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि "भला सामारी, चाहे दृष्टान्त में हो या आपके सभी घरों में, हमें दिखाता है कि हमारा पड़ोसी, सबसे पहले, एक व्यक्ति है, एक वास्तविक, विशेष चेहरे वाला व्यक्ति है, जिसे टालने की कोई बात नहीं है। या उसकी स्थिति चाहे जो भी हो, उसे नज़रअंदाज़ न करें।”

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17 November 2021, 16:13