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मेक्सिको सिटी में अपारसिदा की माता मरियम  का  जुलुस समारोह मेक्सिको सिटी में अपारसिदा की माता मरियम का जुलुस समारोह  

मेक्सिको सिटी कलीसिया से संत पापा : सुनें और रचनात्मक बनें

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को मैक्सिको सिटी में कलीसिया के सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित कर कहा कि वे एक-दूसरे की बात सुनकर और साहसपूर्वक नए क्षितिज के लिए खुले रहें। इस सम्मेलन में लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई कलीसिया के प्रतिनिधि एक साथ भाग ले रहे हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 22 नवम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने कैरेबियन और लैटिन अमेरिकी देशों को एक साथ लाने वाली पहली कलीसियाई सम्मेलन को संबोधित किया और उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे लोगों की आवाज को "सुनें" और अपने नए मिशनरी कार्यों में "पूरी तरह से" रचनात्मकता के लिए खुले रहें। सप्ताह भर चलने वाली सम्मेलन संत पापा द्वारा हाल ही में शुरू किए गए धर्मसभा पथ के परिणाम का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें ऑनलाइन और मेक्सिको सिटी में एक हजार से अधिक प्रतिभागी एकत्रित हुए हैं। संत पापा ने 2023 धर्मसभा की तैयारी में तीन प्रमुख शब्दों को संदर्भित किया - समन्वय, सहभागिता और मिशन। संत पापा ने विचार के लिए दो अन्य शब्दों की पेशकश की।

सुनिए, खासकर भूले-बिसरे लोगों को

2007 में ब्राजील के अपारसिडा में, जहां लैटिन अमेरिकी धर्माध्यक्षों के साथ धर्माध्यक्ष के रुप में संत पापा भी उपस्थित थे।संत पापा ने याद किया कि उस समय उन्हें "मिशनरी शिष्य बनने के लिए" और "आशा को प्रोत्साहित करने" के लिए "2031 में ग्वाडालूपे जुबली के क्षितिज और 2033 में मुक्ति की जयंती" के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि उन समारोहों से पहले, धर्मसभा कुछ संरचनाओं को बदलने के उद्देश्य से होगी, सभी बपतिस्मा लेने वालों की आवाज को नया स्थान और महत्व देगी,  यह केवल धर्माध्यक्षों की बैठक से अलग होगी।

मेक्सिको सिटी में कलीसियाई सभा इस नई प्रक्रिया का पहला महत्वपूर्ण चिंतन है और संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें विशेष रूप से "सुनने" की गतिशीलता पर अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आमंत्रित किया। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में "संवाद और विवेक" भी शामिल है और इस प्रकार की सभा "परस्पर आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करती है। ईश्वर की आवाज को 'सुनने' के लिए उसके लोगों के रोने का आवाज सुनना विशेष रुप से समाज द्वारा भूले-बिसरे लोगों की आवाज सुनने और उनके साथ साझा करने के लिए ईश्वर हमें बुला रहे हैं।

साहसी मिशनरी

संत पापा आगे कहते हैं दूसरा शब्द है, "अतिप्रवाह" या भरपूर। प्रार्थना और संवाद के अलावा, जिसके लिए "सामुदायिक विवेक" की आवश्यकता है, "मतभेदों को दूर करने के तरीके खोजने की भी आवश्यकता है ताकि वे विभाजनकारी और ध्रुवीकरण न करें।"

अंत में, संत पापा ने प्रार्थना की कि "आपकी सभा आत्मा के रचनात्मक प्रेम के 'अतिप्रवाह' की अभिव्यक्ति हो, जो हमें बिना किसी डर के दूसरों का सामना करने के लिए बाहर जाने का आग्रह करती है और जो कलीसिया को प्रेरितिक मनपरिवर्तन की एक प्रक्रिया के माध्यम से और अधिक मिशनरी एवं सुसमाचार प्रचारक बनने के लिए प्रोत्साहित करती है।

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22 November 2021, 15:39